Rajya Sabha News : राज्यसभा में विपक्षी व सत्ताधारी भाजपा सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ा शून्यकाल

Rajya sabha
Opposition and ruling BJP members created ruckus in Rajya Sabha during Zero Hour
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Dec 2022 07:41 PM
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नई दिल्ली। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को शून्यकाल विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। हंगामे की वजह से शून्यकाल के दौरान सदन की कार्यवाही दो बार 15-15 मिनट के लिए और एक बार दो मिनट के स्थगित करनी पड़ी।

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कांग्रेस, शिव सेना और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उच्च अदालतों की नियुक्तियों में सरकार के कथित हस्तक्षेप और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग सहित कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे थे। हालांकि, उपसभापति हरिवंश ने इस संबंध में विपक्षी सदस्यों के नियम 267 के तहत दिए गए कार्यस्थगन के नोटिस खारिज कर दिए।

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आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, एल हनुमंथैया, जेबी मेथर और सैयद नासिर हुसैन तथा शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने उच्च अदालतों की नियुक्तियों में सरकार के कथित हस्तक्षेप, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, किसानों के आंदोलन से उत्पन्न स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे।

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नोटिस अस्वीकार किए जाने के बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। इस दौरान सत्ताधारी दल के कुछ सदस्यों ने भी अपने स्थानों पर खड़े होकर कुछ कहने का प्रयास किया। भाजपा सदस्य पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार राज्य के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत का मुद्दा उठाना चाह रहे थे। हंगामे के बीच ही उपसभापति ने भाजपा के विप्लब कुमार देब का नाम पुकारा। शून्यकाल के तहत देब को भारत-बांग्लादेश सीमा से संबंधित मुद्दा उठाना था लेकिन उन्होंने आसन से आग्रह किया कि बिहार के सदस्य किसी मुद्दे पर अपनी बात रखना चाहते हैं, लिहाजा पहले उन्हें बोलने का मौका दिया जाए।

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हरिवंश ने उनसे कहा कि वह अपने मुद्दे पर अपनी बात रखें। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बजकर 18 मिनट पर सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए 11 बजकर 33 मिनट तक स्थगित कर दी। इसके बाद जब दोबारा बैठक शुरू हुई तो सदन में वही स्थिति थी। विपक्षी सदस्य अपने अपने मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे वहीं बिहार से भाजपा के सदस्य जहरीली शराब से लोगों की मौत के मुद्दे को उठाने देने की मांग कर रहे थे। हरिवंश ने सदस्यों से कहा कि शून्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है और इसे चलने दिया जाए। अपनी बात का कोई असर न होता देख उन्होंने दूसरी बार 11 बजकर 36 मिनट पर बैठक पुन: 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद जब 11 बजकर 50 मिनट पर तीसरी बार कार्यवाही आरंभ हुई तब भी सदन में हंगामा जारी था। हंगामे के बीच ही देब ने कहा कि बिहार में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस पर बोलने का मौका दिया जाना चाहिए। आसन पर मौजूद पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने देब से कहा कि वे नोटिस के अनुसार ही अपना मुद्दा उठाएं। उन्होंने बिहार का मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी। इसी बीच, विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर हंगामा करने लगे जिसके बाद कालिता ने सदन की कार्यवाही तीसरी बार 11 बजकर 58 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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National News : सिर्फ 10 रुपये के लिए दोस्त ने ही युवक को मार डाला

Siliguri 1
The friend killed the young man for only 10 rupees
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 07:08 PM
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सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक युवक ने दस रुपये को लेकर हुए झगड़े में अपने दोस्त की कथित तौर पर पत्थर से पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

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अधिकारियों ने बताया कि 20 वर्षीय राम प्रसाद साहा का शव बुधवार को बैकुंठपुर के जंगलों में मिला। जांच के दौरान पता चला है कि साहा मादक पदार्थ की लत का शिकार था और अपनी तलब को शांत करने के लिए नियमित रूप से जंगलों में जाता था। पुलिस के मुताबिक, सोमवार को साहा अपने दो दोस्तों-सुब्रत दास (22) और अजय रॉय (24) के साथ जंगल गया था, जो खुद मादक पदार्थ की लत के शिकार हैं।

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अधिकारियों ने बताया कि नशे में धुत्त साहा ने पाया कि उसके पास पैसे नहीं हैं। उसने और मादक पदार्थ खरीदने के लिए सुब्रत से दस रुपये मांगे। पुलिस के अनुसार, पैसों की मांग को लेकर साहा और सुब्रत में झगड़ा होने लगा। इस दौरान सुब्रत ने कथित तौर पर पत्थर से पीट-पीटकर साहा की हत्या कर दी।

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पुलिस ने बताया कि सिलीगुड़ी मेट्रो पुलिस की आशीघर चौकी के अधिकारियों ने सुब्रत और अजय को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि वह मामले में अजय की भूमिका की जांच कर रही है।
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National News : रांची हिंसा और रोपवे हादसे की जांच में देरी पर राज्यपाल नाराज, मांगी रिपोर्ट

Ramesh
Governor angry over delay in investigation of Ranchi violence and ropeway accident, seeks report
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:39 PM
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रांची। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने देवघर में रोपवे दुर्घटना और रांची में हुई हिंसा की जांच के लिए गठित दो समितियों द्वारा जांच में देरी पर नाराजगी जताते हुए इन मामलों पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि दो महीने की समय सीमा के बावजूद समितियों ने राज्य सरकार को कोई जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी।

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इस साल 10 अप्रैल को देवघर में त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और केबल कार में फंसे सभी 60 यात्रियों को बचाने के लिए वायुसेना, सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को 46 घंटे लग गए थे। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर इसी साल जून में रांची में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी और दो दर्जन गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

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राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान इन दोनों घटनाओं की ओर आकर्षित करते हुए पत्र लिखा है। बयान के अनुसार, राज्यपाल ने उल्लेख किया है कि 10 अप्रैल को देवघर जिले के त्रिकुट पर्वत पर रोपवे दुर्घटना हुई थी। उक्त दुर्घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने 19 अप्रैल को एक समिति गठित की थी। समिति को दो महीने में जांच रिपोर्ट देनी थी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 10 जून को रांची शहर में साम्प्रदायिक हिंसा एवं पुलिस की गोलीबारी की गंभीर घटना हुई थी। उक्त घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति गठित की थी, जिसे दो महीने में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। हालांकि, अब तक राज्य सरकार को कोई जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। राजभवन द्वारा मुख्य सचिव से मांगी गई जानकारी के जवाब में देवघर रोपवे दुर्घटना से संबंधित अधूरी रिपोर्ट भेजी गई थी।

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बयान में कहा गया है, अखबारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रांची साम्प्रदायिक घटना की जांच के लिए गठित समिति द्वारा जांच को काफी पहले ही रोक दिया गया है। राज्यपाल ने इस तरह की महत्वपूर्ण घटनाओं की जांच में राज्य सरकार के स्तर से कोई निगरानी नहीं किये जाने पर हैरानी जताई है। इसमें कहा गया है कि राज्यपाल ने राज्य को दोनों मामलों की जांच रिपोर्ट और की गई कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया है।