ISRO क्यों भेज रहा अंतरिक्ष में शैवाल? क्या शोध करेंगे शुभांशु शुक्ला?

ISRO क्यों भेज रहा अंतरिक्ष में शैवाल? क्या शोध करेंगे शुभांशु शुक्ला?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:06 AM
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Shubhanshu Shukla : चार दशकों से अधिक के अंतराल के बाद भारत का एक अंतरिक्ष यात्री फिर से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर प्रस्थान करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, Axiom-4 मिशन के तहत अमेरिका के फ्लोरिडा से अंतरिक्ष की ऐतिहासिक यात्रा पर निकलने जा रहे हैं, जहां उनके साथ हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री एक साझा वैज्ञानिक मिशन में भाग लेंगे।

करीब 14 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर प्रवास के दौरान शुभांशु शुक्ला भारत की ओर से अंतरिक्ष में किए जाने वाले सात प्रमुख वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे। इनमें इसरो द्वारा भेजे गए तीन प्रकार के शैवाल, मांसपेशी पुनर्जनन, स्पेस फार्मिंग और माइक्रोग्रैविटी में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन शामिल है।

यह मिशन आठ बार स्थगित हो चुका है, लेकिन अब जब यह उड़ान भरने के लिए तैयार है, तो दुनिया की नजरें इसकी सफलता और भारत की वैज्ञानिक भूमिका पर टिकी हैं। सवाल यह भी है—ISRO आखिर क्यों भेज रहा है अंतरिक्ष में शैवाल? और क्या खास करने जा रहे हैं शुभांशु शुक्ला इस मिशन में?

क्या है Axiom-4 मिशन?

Axiom-4 एक महत्वाकांक्षी निजी अंतरिक्ष मिशन है, जिसे Axiom Space ने NASA और SpaceX के सहयोग से नई वैज्ञानिक सोच के साथ आरंभ किया है। यह मिशन न केवल अनुसंधान के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित होगा, बल्कि अंतरिक्ष पर्यटन की संभावनाओं को भी नई दिशा देगा। इसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी की संयुक्त भागीदारी इसे वैश्विक वैज्ञानिक एकजुटता का उत्कृष्ट उदाहरण बनाती है।

भारत की ओर से भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस ऐतिहासिक मिशन के लिए चुना गया है। वे 14 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहेंगे और कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। भारत के लिए यह गर्व का क्षण है क्योंकि शुभांशु 41 वर्षों में अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय हैं।

मिशन में कौन-कौन और क्या-क्या?

  • कमांडर: पेगी व्हिटसन (पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री)

  • पायलट: शुभांशु शुक्ला (भारतीय वायुसेना, ISRO)

  • मिशन विशेषज्ञ: स्लाओस्ज़ उज़नांस्की (पोलैंड), टिबोर कापू (हंगरी)

मिशन के मुख्य उद्देश्य

  1. वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा में यह मिशन माइक्रोग्रैविटी वातावरण में जीवन विज्ञान, आधुनिक कृषि, मानव शरीर की कार्यप्रणाली और उन्नत सामग्री विज्ञान से जुड़े महत्वपूर्ण प्रयोगों का मंच बनेगा।

  2. टेक्नोलॉजी का परीक्षण : नई तकनीकों का अंतरिक्ष में व्यवहारिक परीक्षण।

  3. अंतरराष्ट्रीय सहयोग : भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देशों की वैज्ञानिक सहभागिता।

  4. निजी स्पेस सेक्टर को बढ़ावा : भविष्य में निजी अंतरिक्ष स्टेशनों के निर्माण का आधार तैयार करना।

  5. मानव शरीर पर अंतरिक्ष का प्रभाव : माइक्रोग्रैविटी में शरीर के अनुकूलन और स्वास्थ्य पर अध्ययन।

ISRO क्यों भेज रहा है शैवाल?

ISRO और भारत के साझेदार संस्थानों द्वारा तीन तरह के शैवाल (Algae) अंतरिक्ष में भेजे जा रहे हैं। शैवाल पानी में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव हैं, जिनमें ऑक्सीजन उत्पादन और पोषण दोनों की क्षमता होती है।

प्रमुख प्रयोग

  1. सायनोबैक्टीरिया अध्ययन (ISRO + ESA):  दो तरह के सायनोबैक्टीरिया की वृद्धि और प्रकाश संश्लेषण पर शोध—यह चंद्रमा/मंगल मिशनों में जीवन समर्थन प्रणाली के लिए उपयोगी हो सकता है।

  2. खाद्य माइक्रोएल्गी पर विकिरण का असर (ICGEB, NIPGR):  यह प्रयोग बताएगा कि अंतरिक्ष में खाद्य उत्पादन के लिए कौन-से सूक्ष्मजीव अनुकूल हो सकते हैं।

  3. शैवाल का मेटाबोलिज्म और जेनेटिक अध्ययन: माइक्रोग्रैविटी में इनका पोषण मूल्य और व्यवहार कैसा रहता है, इसका परीक्षण।

 भारतीय प्रयोगों की पूरी सूची

विषय संस्थान उद्देश्य
मांसपेशी पुनर्जनन InStem माइक्रोग्रैविटी में शरीर की मांसपेशियों की रिकवरी
अंकुरण प्रयोग IIT धारवाड़ + UAS धारवाड़ मूंग और मेथी का अंकुरण और पोषण मूल्य
फसल खेती केरल कृषि विश्वविद्यालय छह प्रकार के बीजों की वृद्धि का अध्ययन
सायनोबैक्टीरिया ISRO + ESA मंगल/चंद्रमा के लिए संभावित जैव-सहायक प्रणाली
टार्डिग्रेड्स व्यवहार स्वदेशी प्रयोग सूक्ष्मजीवों की चरम परिस्थिति में व्यवहार जांच
NASA साझेदार प्रयोग शुभांशु शुक्ला मानव स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक प्रभावों का परीक्षण

भारत के लिए क्यों है यह मिशन खास?

  • ISRO के गगनयान मिशन से पहले यह एक महत्वपूर्ण सीख है।

  • शुभांशु की यात्रा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक मानचित्र पर और मजबूती देती है।

  • यह मिशन दिखाता है कि अब भारत केवल ग्राहक नहीं, बल्कि साझेदार भी है—विज्ञान, शोध और भविष्य की योजनाओं में।    Shubhanshu Shukla

 

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मोटापे से जंग में भारत का नया हथियार, बाजार में लॉन्च हुई दवा वेगोवी

Weight Loss Medicine
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Jun 2025 05:07 PM
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Weight Loss Medicine : आधुनिक जीवनशैली और खानपान की आदतों ने देश में मोटापे को एक महामारी का रूप दे दिया है। मोटापा अब केवल सौंदर्य का मसला नहीं, बल्कि डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जड़ बन चुका है। इसी संकट की पृष्ठभूमि में डेनमार्क की अग्रणी दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) ने भारत में ‘वेगोवी’ (Wegovy) नामक वजन घटाने की दवा को औपचारिक रूप से लॉन्च किया है। यह दवा भारत की पहली स्वीकृत क्लिनिकल वेट मैनेजमेंट मेडिकेशन है, जो लंबे समय तक वजन नियंत्रित रखने के साथ-साथ कार्डियोवैस्कुलर जोखिमों को भी कम करती है।

क्या है वेगोवी?

वेगोवी एक इंजेक्टेबल दवा है, जिसका मुख्य घटक सेमाग्लूटाइड है। यह शरीर में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट की तरह काम करता है, जो मस्तिष्क को भूख कम करने का संकेत देता है। नतीजतन, भोजन की इच्छा घटती है, और कैलोरी इनटेक में कटौती होती है। इसका असर धीरे-धीरे वजन पर नजर आने लगता है। इसके अलावा, यह इंसुलिन रेसिस्टेंस को भी सुधारती है, जिससे मेटाबॉलिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

किस तरह ली जाती है यह दवा?

वेगोवी सप्ताह में केवल एक बार लिया जाने वाला इंजेक्शन है, जो पेन जैसे डिवाइस में आता है। इसे कोई भी रोगी चिकित्सकीय सलाह के साथ खुद उपयोग कर सकता है। यह निम्नलिखित डोज़ में उपलब्ध है:

  • 0.25 मिलीग्राम

  • 0.5 मिलीग्राम

  • 1 मिलीग्राम

  • 1.7 मिलीग्राम

  • 2.4 मिलीग्राम

क्या है कीमत?

कंपनी के अनुसार, इस दवा की कीमत डोज़ के आधार पर तय की गई है:

  • 0.25, 0.5 और 1 mg डोज़: ₹17,345 प्रति पेन

  • 1.7 mg डोज़: ₹24,280 प्रति पेन

  • 2.4 mg डोज़: ₹26,015 प्रति पेन

नोवो नॉर्डिस्क द्वारा प्रस्तुत INDIAB स्टडी के मुताबिक, भारत विश्व में मोटापे की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।

  • सामान्य मोटापे से ग्रस्त लोग: 254 मिलियन

  • पेट के मोटापे से जूझते लोग: 351 मिलियन      Weight Loss Medicine

   

गाजा की बर्बादी पर फूटा ओवैसी का गुस्सा, नेतन्याहू को ठहराया जिम्मेदार

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गाजा की बर्बादी पर फूटा ओवैसी का गुस्सा, नेतन्याहू को ठहराया जिम्मेदार

Asaduddin Owaisi on Gaza
Asaduddin Owaisi on Gaza
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calendar30 Nov 2025 11:32 PM
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Asaduddin Owaisi on Gaza :  गाजा में फिलिस्तीनियों पर इजरायल की बमबारी और सैन्य कार्रवाई को लेकर देश के वरिष्ठ सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा विरोध जताया है। उन्होंने न केवल इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘मानवता के खिलाफ अपराधी’ करार दिया, बल्कि कुछ मुस्लिम देशों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।

ओवैसी ने कहा, हम सब अपनी आंखों से देख रहे हैं कि गाजा में किस तरह मासूमों का कत्ल-ए-आम हो रहा है। महिलाएं, बच्चे, और बुजुर्ग—कोई भी सुरक्षित नहीं। यह जो हो रहा है, वह केवल युद्ध नहीं बल्कि इंसानियत पर हमला है। यह शर्मनाक है।

मुस्लिम देशों की चुप्पी पर भी साधा निशाना

उन्होंने कहा कि “इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने नेतन्याहू के खिलाफ वारंट जारी किया है, जो इस बात का संकेत है कि वैश्विक मंचों पर अब इजरायल की ज़्यादतियों को गंभीरता से लिया जा रहा है। हम खुदा से दुआ करते हैं कि जो लोग इन जुल्मों के ज़िम्मेदार हैं, उन्हें सज़ा मिले। ओवैसी ने तुर्किए और अजरबैजान जैसे देशों के रवैये पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा, जब भारत-पाक तनाव होता है, तब ये देश पाकिस्तान के पक्ष में खुलकर बयान देते हैं। लेकिन जब गाजा में जुल्म होते हैं, तो इजरायल के खिलाफ बोलने से कतराते हैं। ये दोहरा मापदंड क्यों?

भारत को निभानी चाहिए ऐतिहासिक भूमिका

AIMIM चीफ ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के साथ खड़ा रहने की परंपरा निभाई है। आज जब गाजा में निहत्थे लोग भूख से मर रहे हैं, मस्जिदें तबाह की जा रही हैं, तो भारत को आगे आकर मानवीय सहायता और कूटनीतिक दबाव दोनों सुनिश्चित करने चाहिए। ओवैसी ने कहा, गाजा में ISIS नहीं है, वहां कोई आतंकी संगठन नहीं बल्कि निर्दोष आम जनता को टारगेट किया जा रहा है। ड्रग्स बेचने वाले कुछ इजरायली लोग सुरक्षा बलों की आड़ में वहां कत्लेआम कर रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक मस्जिदों को भी बख्शा नहीं गया।  Asaduddin Owaisi on Gaza

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