Gujrat News : जज ने कहा मनुस्मृति पढ़िए, लड़कियों का 17 साल की उम्र से पहले बच्चे को जन्म देना आम था

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udge said read Manusmriti, it was common for girls to give birth before the age of 17
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 10:19 PM
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अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने गर्भपात की अनुमति के लिए दायर नाबालिग बलात्कार पीड़िता की याचिका पर अजीबो गरीब तर्क दिया है। न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए कहा है कि एक समय युवावस्था में लड़कियों की शादी होना और उनके 17 साल की उम्र से पहले संतान को जन्म देना आम बात थी। न्यायमूर्ति समीर दवे ने संकेत दिया कि अगर लड़की और भ्रूण दोनों स्वस्थ हैं, तो हो सकता है कि इस याचिका को स्वीकृति न प्रदान की जाए। उन्होंने सुनवाई के दौरान मनुस्मृति का भी जिक्र किया।

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बलात्कार पीड़िता को है 24 सप्ताह का गर्भ बलात्कार पीड़िता की आयु 16 साल, 11 महीने है और उसके गर्भ में सात महीने का भ्रूण पल रहा है। पीड़िता के पिता ने गर्भपात की अनुमति के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, क्योंकि गर्भावस्था की अवधि 24 सप्ताह से ज्यादा हो गई है। इस अवधि के पार हो जाने के बाद अदालत की अनुमति के बिना गर्भपात नहीं कराया जा सकता है। पीड़िता के वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की अपील की और कहा कि लड़की की आयु के कारण परिवार चिंचित है। मां और दादी से पूछिये, शादी की अधिकतम आयु होती थी 14-15 साल न्यायमूर्ति दवे ने कहा कि चिंता इसलिए है, क्योंकि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। उन्होंने पीड़िता से कहा कि अपनी मां या दादी से पूछिए। शादी के लिए अधिकतम आयु 14-15 होती थी। लड़कियां 17 साल की उम्र से पहले बच्चे को जन्म दे दिया करती थीं। यही नहीं, लड़कियां लड़कों से पहले परिपक्व हो जाती हैं। आपने भले ही नहीं पढ़ी होगी, लेकिन आप एक बार मनुस्मृति पढ़िए।

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डाक्टरों की सलाह के बाद फैसला देगी अदालत न्यायाधीश ने वकील से कहा कि चूंकि, प्रसव की संभावित तिथि 16 अगस्त है, इसलिए उन्होंने अपने कक्ष में विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह-मशविरा किया है। उन्होंने कहा कि अगर भ्रूण या लड़की के किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की बात सामने आती है, तभी यह अदालत गर्भपात की अनुमति पर विचार कर सकती है। लेकिन, अगर दोनों स्वस्थ हैं, तो अदालत के लिए इस तरह का आदेश पारित करना मुश्किल होगा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Mumbai News : सात मंजिला इमारत में भीषण आग : 50 लोग बचाए गए

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Major fire in seven-storey building: 50 people rescued
locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 Jun 2023 03:21 PM
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मुंबई। दक्षिण मुंबई के कलबादेवी इलाके में सात मंजिला आवासीय इमारत में भीषण आग लग गई। हालांकि घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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पास की इमारत से फंसे लोगों को किया रेस्क्यू अफसरों ने बताया कि आग मशहूर मुंबादेवी मंदिर के पास धनजी स्ट्रीट पर स्थित एक इमारत में देर रात करीब डेढ़ बजे लगी थी। इमारत के अंदर फंसे कई लोगों को बाहर निकाल लिया गया। नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि घटना के वक्त परिसर के अंदर 50 से 60 लोग फंसे थे, लेकिन पास की इमारत की सीढ़ियों का प्रयोग कर दमकल कर्मियों ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

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नौ घंटे बाद भी आग पर काबू नहीं उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर वर्तमान में दमकल की कम से कम 12 गाड़ियां मौजूद हैं और आग बुझाने का काम जारी है। चारों ओर से आग को बुझाने का काम जारी है। घटना में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अधिकारी ने कहा कि पहली और दूसरी मंजिल की छत का कुछ हिस्सा और सीढ़ी का एक हिस्सा ढह गया है, इसलिए एहतियात के तौर पर आग बुझाने का अभियान इमारत के बाहर से किया जा रहा है। आग भूतल से शुरू हुई थी और पांचवी मंजिल तक फैल गई थी। आग लगने का कारण अभी ज्ञात नहीं है। घटना के बारे और अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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बुरी खबर : तमाम प्रयासों के बावजूद जिंदगी की जंग हार गई सृष्टि, 300 फीट गहरे बोरवेल से निकाली गई

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:42 AM
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MP News : भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की मासूम सृष्टि को तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से निकाल लिया गया। लेकिन ढाई साल की यह बच्ची बोरवेल से निकलने के बाद भी जिंदगी की जंग हार गई। 52 घंटे बाद सृष्टि को बोरवेल से निकाला गया था। बोरवेल से निकालने के बाद सृष्टि को चिकित्सकों के पास ले जाया गया था। जहां चिकित्सकों ने सृष्टि को मृत घोषित कर दिया।

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बताया जा रहा है कि सृष्टि की मौत दम घुटने से हुई है। बच्ची की बॉडी का पोस्टमार्टम दो चिकित्सकों द्वारा किया गया है। बच्ची का शव काफी खराब हो गया था। सीहोर के जिलाधिकारी ने कहा कि हमने काफी कोशिश की थी, लेकिन बच्ची को बचा नहीं सके हैं। चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची का शव काफी खराब हालत में मिला है। चिकित्सक ने कहा कि सांस की गति रुकने के कारण लड़की की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट आने के बाद विस्तृत जानकारी सामने आएगी।

आपको बता दें कि बच्ची को बेहोशी की हालत में बोरवेल से निकाला गया था। बच्ची को तत्काल एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया था। ढाई साल की मासूम बच्ची को बोरवेल से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का आज तीसरा दिन था। बताया जा रहा है कि गुजरात से आई रोबोट टीम ने मासूम सृष्टि को बोरवेल से निकाला था। 52 घंटे से ज्यादा चले ऑपरेशन के बाद सृष्टि को बोरवेल से बाहर निकालने में कामयाबी मिली लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

100 फीट की गहराई में जाकर फंस गई थी बच्ची

आपको बता दें कि यह मासूम बच्ची मंगलवार को 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। 100 फीट की गहराई में जाकर यह बच्ची फंस गई थी। जिसके बाद बच्ची को पाइप के जरिए बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा था। बच्ची को बोरवेल से निकालने में आपदा प्रबंधन विभाग की टीम के अलावा आर्मी की टीम भी जुटी हुई थी। कठोर पत्थरों की वजह से बच्ची को निकालने में मुश्किलें आ रही थीं। जिसके बाद रोबोटिक टीम भी इस बच्ची को रेसक्यू करने में जुट गई थी।

सृष्टि नाम की बच्ची मंगलवार को दोपहर में करीब एक बजे बोरवेल में गिरी थी और तभी से उसे बचाने की कोशिश की जा रही थी। बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सृष्टि नाम की बच्ची बोरवेल में गिर गई थी और तभी से उसे बचाने के प्रयास चल रहे हैं। शुरुआत में वह बोरवेल में करीब 40 फुट की गहराई में फंसी थी, लेकिन उसके बचाव अभियान में लगी मशीनों के कंपन के कारण, वह लगभग 100 फुट और नीचे खिसक गई, जिससे कार्य और कठिन हो गया है।

सांसद साध्वी प्रज्ञा घटनास्थल पर पहुंचीं

भोपाल लोकसभा क्षेत्र की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने रेस्क्यू टीम और अधिकारियों से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बयान दिया कि यही प्रार्थना है कि बच्ची स्वास्थ्य बाहर निकल सके। यह बड़ी लापरवाही है. आरोपी को दंड मिलना चाहिए है। जो भी खुले बोर है उन्हे बंद किया जाएगा।

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