Gujrat News : जज ने कहा मनुस्मृति पढ़िए, लड़कियों का 17 साल की उम्र से पहले बच्चे को जन्म देना आम था





MP News : भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की मासूम सृष्टि को तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से निकाल लिया गया। लेकिन ढाई साल की यह बच्ची बोरवेल से निकलने के बाद भी जिंदगी की जंग हार गई। 52 घंटे बाद सृष्टि को बोरवेल से निकाला गया था। बोरवेल से निकालने के बाद सृष्टि को चिकित्सकों के पास ले जाया गया था। जहां चिकित्सकों ने सृष्टि को मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि सृष्टि की मौत दम घुटने से हुई है। बच्ची की बॉडी का पोस्टमार्टम दो चिकित्सकों द्वारा किया गया है। बच्ची का शव काफी खराब हो गया था। सीहोर के जिलाधिकारी ने कहा कि हमने काफी कोशिश की थी, लेकिन बच्ची को बचा नहीं सके हैं। चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची का शव काफी खराब हालत में मिला है। चिकित्सक ने कहा कि सांस की गति रुकने के कारण लड़की की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट आने के बाद विस्तृत जानकारी सामने आएगी।
आपको बता दें कि बच्ची को बेहोशी की हालत में बोरवेल से निकाला गया था। बच्ची को तत्काल एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया था। ढाई साल की मासूम बच्ची को बोरवेल से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का आज तीसरा दिन था। बताया जा रहा है कि गुजरात से आई रोबोट टीम ने मासूम सृष्टि को बोरवेल से निकाला था। 52 घंटे से ज्यादा चले ऑपरेशन के बाद सृष्टि को बोरवेल से बाहर निकालने में कामयाबी मिली लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
आपको बता दें कि यह मासूम बच्ची मंगलवार को 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। 100 फीट की गहराई में जाकर यह बच्ची फंस गई थी। जिसके बाद बच्ची को पाइप के जरिए बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा था। बच्ची को बोरवेल से निकालने में आपदा प्रबंधन विभाग की टीम के अलावा आर्मी की टीम भी जुटी हुई थी। कठोर पत्थरों की वजह से बच्ची को निकालने में मुश्किलें आ रही थीं। जिसके बाद रोबोटिक टीम भी इस बच्ची को रेसक्यू करने में जुट गई थी।
सृष्टि नाम की बच्ची मंगलवार को दोपहर में करीब एक बजे बोरवेल में गिरी थी और तभी से उसे बचाने की कोशिश की जा रही थी। बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सृष्टि नाम की बच्ची बोरवेल में गिर गई थी और तभी से उसे बचाने के प्रयास चल रहे हैं। शुरुआत में वह बोरवेल में करीब 40 फुट की गहराई में फंसी थी, लेकिन उसके बचाव अभियान में लगी मशीनों के कंपन के कारण, वह लगभग 100 फुट और नीचे खिसक गई, जिससे कार्य और कठिन हो गया है।
भोपाल लोकसभा क्षेत्र की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने रेस्क्यू टीम और अधिकारियों से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बयान दिया कि यही प्रार्थना है कि बच्ची स्वास्थ्य बाहर निकल सके। यह बड़ी लापरवाही है. आरोपी को दंड मिलना चाहिए है। जो भी खुले बोर है उन्हे बंद किया जाएगा।
MP News : भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की मासूम सृष्टि को तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से निकाल लिया गया। लेकिन ढाई साल की यह बच्ची बोरवेल से निकलने के बाद भी जिंदगी की जंग हार गई। 52 घंटे बाद सृष्टि को बोरवेल से निकाला गया था। बोरवेल से निकालने के बाद सृष्टि को चिकित्सकों के पास ले जाया गया था। जहां चिकित्सकों ने सृष्टि को मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि सृष्टि की मौत दम घुटने से हुई है। बच्ची की बॉडी का पोस्टमार्टम दो चिकित्सकों द्वारा किया गया है। बच्ची का शव काफी खराब हो गया था। सीहोर के जिलाधिकारी ने कहा कि हमने काफी कोशिश की थी, लेकिन बच्ची को बचा नहीं सके हैं। चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची का शव काफी खराब हालत में मिला है। चिकित्सक ने कहा कि सांस की गति रुकने के कारण लड़की की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट आने के बाद विस्तृत जानकारी सामने आएगी।
आपको बता दें कि बच्ची को बेहोशी की हालत में बोरवेल से निकाला गया था। बच्ची को तत्काल एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया था। ढाई साल की मासूम बच्ची को बोरवेल से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का आज तीसरा दिन था। बताया जा रहा है कि गुजरात से आई रोबोट टीम ने मासूम सृष्टि को बोरवेल से निकाला था। 52 घंटे से ज्यादा चले ऑपरेशन के बाद सृष्टि को बोरवेल से बाहर निकालने में कामयाबी मिली लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
आपको बता दें कि यह मासूम बच्ची मंगलवार को 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। 100 फीट की गहराई में जाकर यह बच्ची फंस गई थी। जिसके बाद बच्ची को पाइप के जरिए बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा था। बच्ची को बोरवेल से निकालने में आपदा प्रबंधन विभाग की टीम के अलावा आर्मी की टीम भी जुटी हुई थी। कठोर पत्थरों की वजह से बच्ची को निकालने में मुश्किलें आ रही थीं। जिसके बाद रोबोटिक टीम भी इस बच्ची को रेसक्यू करने में जुट गई थी।
सृष्टि नाम की बच्ची मंगलवार को दोपहर में करीब एक बजे बोरवेल में गिरी थी और तभी से उसे बचाने की कोशिश की जा रही थी। बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सृष्टि नाम की बच्ची बोरवेल में गिर गई थी और तभी से उसे बचाने के प्रयास चल रहे हैं। शुरुआत में वह बोरवेल में करीब 40 फुट की गहराई में फंसी थी, लेकिन उसके बचाव अभियान में लगी मशीनों के कंपन के कारण, वह लगभग 100 फुट और नीचे खिसक गई, जिससे कार्य और कठिन हो गया है।
भोपाल लोकसभा क्षेत्र की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने रेस्क्यू टीम और अधिकारियों से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बयान दिया कि यही प्रार्थना है कि बच्ची स्वास्थ्य बाहर निकल सके। यह बड़ी लापरवाही है. आरोपी को दंड मिलना चाहिए है। जो भी खुले बोर है उन्हे बंद किया जाएगा।