Mumbai News : राज्यपाल की नियुक्ति के लिए तय हो मानदंड: उद्धव

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calendar01 Dec 2025 10:07 AM
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Mumbai News : मुंबई। शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि राज्य के राज्यपाल पद के लिए किसी व्यक्ति के चयन को लेकर कुछ मानदंड तय होने चाहिए। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले तथा सावित्रीबाई फुले जैसी श्रद्धेय शख्सियतों का अपमान कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि राज्य के एक मंत्री ने एकनाथ शिंदे के ‘‘विश्वासघात’’ (जून में हुई बगावत जिसके कारण महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी) की तुलना योद्धा शासक शिवाजी के आगरा से भागने से की और ‘‘ऐसे लोग पद पर बने हुए हैं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल, राष्ट्रपति का प्रतिनिधि होता है और ऐसे पद पर किसे नियुक्त करना चाहिए इसके लिए कुछ मानदंड होने चाहिए। मैं मांग करता हूं कि ऐसे नियम बनाए जाएं। राज्य और इसके प्रतीकों का अपमान करने वालों के खिलाफ लोगों और नागरिकों से हाथ मिलाने की अपनी अपील को दोहराते हुए ठाकरे ने कहा, हम आगामी दिनों में एक कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। हम खुद को केवल महाराष्ट्र बंद तक सीमित नहीं रखना चाहते हैं।

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महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर्नाटक के अपने समकक्ष बसवराज बोम्मई के बयान पर मौन हैं। बोम्मई ने महाराष्ट्र के मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई की अगले सप्ताह बेलगावी की प्रस्तावित यात्रा पर आपत्ति जताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह यात्रा ठीक नहीं है। ठाकरे ने कहा, शिंदे और उनके विधायकों को बेलगाम और कर्नाटक के अन्य मराठी भाषी क्षेत्रों को महाराष्ट्र में मिलाने के लिए कामख्या देवी से प्रार्थना करने गुवाहाटी (असम) जाना चाहिए। मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो रेल कारशेड के निर्माण को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कांजुरमार्ग में इसका निर्माण हो सकता था। उन्होंने दावा किया, लेकिन राज्य सरकार का रवैया पर्यावरण को नुकसान की कीमत पर अपने अहंकार की रक्षा करने का है। ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी विभाजित नहीं हुई है, बल्कि हर बीतते दिन के साथ मजबूत होती जा रही है।

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Mainpuri by-election: मैनपुरी उपचुनाव: दलितों के समर्थन का दावा, कौन बोल रहा सच

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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:54 AM
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Mainpuri by-election: मैनपुरी। उत्तर प्रदेश में मैनपुरी संसदीय सीट के लिए उपचुनाव में मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों दलित मतदाताओं के समर्थन का दावा कर रही हैं। इसमें कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ। राजनीतिक दलों के सूत्रों के अनुसार, इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 17 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें से 3.40 लाख से अधिक दलित मतदाता हैं। यह उपचुनाव पांच दिसंबर को होगा। उपचुनाव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के चलते कराया जा रहा है जो मैनपुरी से सांसद थे। इस उपचुनाव में सपा ने डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है। राजनीतिक दलों का दावा है कि मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल दलितों में 1.20 लाख जाटव, कठेरिया (70,000), दिवाकर (80,000) और बघेल (80,000) मतदाता शामिल हैं।

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मायावती की बसपा ने इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है और कांग्रेस भी इस उपचुनाव से दूर है। इसलिए यहां मुकाबला मुख्य रूप से सपा बनाम भाजपा के बीच है। दोनों प्रतिद्वंद्वी पार्टियां इस मुकाबले में दलितों के समर्थन का दावा कर रही हैं। अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि मुलायम सिंह यादव ने कभी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया और इसलिए मतदाता डिंपल यादव का समर्थन करेंगे और वह रिकॉर्ड अंतर से जीतेंगी। भाजपा नेताओं ने कहा है कि दलित समुदाय के मतदाता पार्टी के सुशासन और योजनाओं के कारण शाक्य का समर्थन करेंगे। स्थानीय निवासी प्रियरंजन आशु ने कहा कि भाजपा के सुशासन से दलित समुदाय ने राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा, राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद सपा कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध रूप से जमीन हड़पने से हमें राहत मिली है। सुरक्षा की भावना है और यह इस उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में जाएगा। गौतम कुमार कठेरिया ने दावा किया कि 80 फीसदी दलित वोट भाजपा को जाएंगे।

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हालांकि, शुभम सिंह जाटव ने कहा, दलित उपचुनाव में सपा को वोट देंगे, जैसा कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में किया था। 'नेताजी' दलितों के समर्थन से जीते थे और अब दलितों ने डिंपल यादव को वोट देने का मन बना लिया है ताकि वह 'नेताजी' की विरासत को आगे बढ़ा सकें। राजेश जाटव ने भी इसी तरह की बात करते हुए दावा किया कि उनका समुदाय सपा उम्मीदवार के लिए मतदान करेगा। भाजपा के कुछ नेता दावा कर रहे हैं कि बसपा के पारंपरिक समर्थक भाजपा के पक्ष में आ गए हैं, जिससे समाजवादी पार्टी को झटका लगा है। उन्होंने दावा किया कि इससे भाजपा की मैनपुरी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने की संभावना बढ़ गई है। भाजपा ने बृहस्पतिवार को किशनी में अनुसूचित जाति सम्मेलन आयोजित किया जिसमें केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल और उत्तर प्रदेश के मंत्री असीम अरुण समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। भाजपा के ब्रज क्षेत्र के प्रमुख रजनीकांत माहेश्वरी ने बताया कि जाटव समुदाय की महिलाओं सहित 10,000 से अधिक लोगों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने कहा, "सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं सहित जाटव समुदाय के लोगों ने भाग लिया। इससे पता चलता है कि बसपा के पारंपरिक मतदाताओं की पहली पसंद भाजपा बन गई है। उन्होंने बताया कि यह बदलाव (दलितों का भाजपा की ओर झुकाव) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली क्रमश: केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई गई विभिन्न लाभकारी योजनाओं के कारण हुआ है, जिसके तहत बिना किसी भेदभाव के दलितों के उत्थान के लिए उन्हें मुफ्त राशन, पक्का घर, पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। माहेश्वरी ने कहा कि बिजली कनेक्शन और मुफ्त एलपीजी सिलेंडर उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में मदद कर रहा है। माहेश्वरी ने राज्य में भाजपा के सत्ता में आने से पहले लोग ‘‘गुंडों, भूमाफियाओं के आतंक’’ में जी रहे थे और महिलाओं को घर से बाहर निकलने में डर लगता था। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार के शासन में, महिलाओं और छात्राओं सहित समाज का हर वर्ग सुरक्षित महसूस करता है। मैनपुरी उपचुनाव के तहत मतदान पांच दिसंबर को होगा जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी।

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Khatauli by-election: खतौली उपचुनाव में भाजपा और सपा-रालोद के बीच कड़ा मुकाबला

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userचेतना मंच
calendar03 Dec 2022 09:54 PM
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Khatauli by-election: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खतौली विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है तथा 2024 के आम चुनाव से पहले इसे एक मनोवैज्ञानिक युद्ध बताया जा रहा है।

Khatauli by-election

आपको बता दें कि खतौली कस्बा 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का केंद्र रहा था। भाजपा अपनी इस सीट को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जबकि सपा-रालोद गठबंधन सत्तारूढ़ दल को कड़ी चुनौती दे रहा है। यह विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरनगर शहर से 25 किमी दक्षिण में स्थित है। इस उपचुनाव से कांग्रेस और बसपा के दूर रहने के कारण भाजपा और सपा-रालोद के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। मतदान पांच दिसंबर को है।

जिला अदालत ने 2013 के दंगों के एक मामले में भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को दोषी करार दिया था और दो साल कैद की सजा सुनाई थी, जिसके चलते यह उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी। चार बार के विधायक एवं रालोद उम्मीदवार मदन भैया ने अपना पिछला चुनाव लगभग 15 साल पहले जीता था। इसके बाद गाजियाबाद के लोनी से 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्हें लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ा।

आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार के लिए अपना समर्थन दिया है और सक्रिय रूप से उनके लिए प्रचार कर रहे हैं।

राजनीतिक दलों के सूत्रों के अनुसार, खतौली में 3.16 लाख मतदाता हैं, जिनमें लगभग 50,000 अनुसूचित जाति से हैं और 80,000 मुस्लिम हैं।

सूत्रों के अनुसार, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से 1.5 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें सैनी समुदाय के 35,000 मतदाता के अलावा प्रजापति, गुर्जर, जाट, कश्यप भी शामिल हैं।

खतौली में एक कॉलेज के प्राध्यापक एवं उपचुनाव पर नजर रख रहे सतपाल सिंह ने कहा, "भाजपा और गठबंधन, दोनों इन मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।"

आजाद ने कुछ दिन पहले एक रैली में रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ मंच साझा किया था। आजाद गठबंधन के उम्मीदवार के समर्थन में दलित बस्तियों में भी घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं तथा मतदान के दिन तक खतौली में रहने का वादा किया है।

वहीं, भाजपा ने उप्र के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण समेत वरिष्ठ नेताओं का एक दल वहां भेजा है।

पुलिसकर्मी से राजनेता बने असीम अरूण को दलित और पिछड़े समुदायों के लोगों से मुलाकात करते और उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए देखा जा सकता है।

भाजपा नेता विकास के साथ-साथ 2013 के सांप्रदायिक दंगों को भी उपचुनाव में मुद्दा बना रहे हैं। दंगों में 62 लोग मारे गए थे और लगभग 40,000 विस्थापित हुए थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले एक चुनावी रैली में दावा किया था कि नफरती भाषण मामले में सैनी ने विधानसभा की अपनी सदस्यता किसी पारिवारिक विवाद के कारण नहीं, बल्कि मुजफ्फरनगर की गरिमा के लिए गंवाई है। मुख्यमंत्री ने कहा था, "यह राजनीति से प्रेरित और मनगढ़ंत मामला था।"

रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में जोरदार प्रचार कर रहे हैं।

इस बीच, भाजपा को एक बड़ी राहत उस वक्त मिली, जब निर्दलीय उम्मीदवार सुदेश देवी के पति ने आदित्यनाथ की एक रैली में भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की।

हालांकि, उपचुनाव के नतीजे का राज्य में भाजपा सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जो 403 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत में है। वहीं, उपचुनाव में जीतने वाले दल या गठबंधन को अगले संसदीय चुनाव में मनोवैज्ञानिक लाभ मिल सकता है।

हालिया विधानसभा चुनाव के बाद से सपा-रालोद गठबंधन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है। राज्य से कुल 80 लोकसभा सीट में लगभग एक चौथाई सीट इस इलाके में है। भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के लिए भी यह चुनाव काफी मायने रखता है क्योंकि वह पश्चिमी क्षेत्र से आते हैं।

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