UP News: उत्तर प्रदेश के ज्‍यादातर हिस्‍सों में बारिश से मौसम हुआ सुहावना

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calendar01 May 2023 10:35 PM
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UP News/ लखनऊ। पश्चिमी विक्षोभ के जोर पकड़ने और राजस्‍थान में प्रभावी चक्रवात के चलते सोमवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्‍न हिस्‍सों में बारिश अथवा बूंदाबांदी हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया है।

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लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम केन्‍द्र के वैज्ञानिक मोहम्‍मद दानिश ने बताया कि पाकिस्‍तान पर बने विक्षोभ के जोर पकड़ने और राजस्‍थान में चक्रवात की स्थिति का उत्तर प्रदेश के मौसम पर व्‍यापक असर पड़ा है।

उन्होंने बताया कि इसकी वजह से पिछले 24 घंटों के दौरान राज्‍य के कुछ हिस्‍सों में तेज हवा के साथ बारिश हुई। इसके अलावा प्रदेश के अन्‍य जिलों में भी बूंदाबांदी हुई।

दानिश ने बताया कि अगले तीन दिनों तक राज्‍य के अनेक जिलों में बारिश अथवा बूंदाबांदी हो सकती है और मौसम सुहावना बने रहने का अनुमान है।

उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ में आज दोपहर झमाझम बारिश हुई। हालांकि, उसके फौरन बाद धूप निकल आयी, मगर ठंडी हवा चलने से राहत बनी रही।

UP News: सीएम आवास के नजदीक खुद को आग लगाने वाले व्यक्ति की मौत

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UP News: सीएम आवास के नजदीक खुद को आग लगाने वाले व्यक्ति की मौत

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 May 2023 10:27 PM
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UP News: लखनऊ के गौतम पल्ली क्षेत्र में स्थित मुख्‍यमंत्री आवास के पास पांच दिन पूर्व खुद पर आग लग वाले व्यक्ति की सोमवार को यहां के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की।

समाजवादी पार्टी (SP) के अध्‍यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है।

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हजरतगंज के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अरविंद कुमार वर्मा ने सोमवार को बताया कि उन्नाव के रहने वाले आनन्‍द मिश्रा ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेलकर 26 अप्रैल को आग लगा ली थी, लेकिन पास में मौजूद लोगों ने समय रहते उसे रोक लिया और अस्पताल पहुंचाया था।

वर्मा ने बताया कि पीड़ित को पहले सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सकों ने उसे किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भेज दिया था। उन्होंने बताया कि आज वहां आनन्‍द मिश्रा की उपचार के दौरान मौत हो गई।

मामले में पुलिस की आगे की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद उन्नाव पुलिस इस मामले को देखेगी।

पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप

पुलिस के अनुसार मिश्रा के खिलाफ पिछले सप्ताह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक विधायक को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि, मिश्रा ने आरोप लगाया था कि पुलिस इस मामले में उसे प्रताड़ित कर रही है।

वर्मा ने पूर्व में बताया था कि उन्‍नाव पुलिस को मिश्रा के आरोपों के बारे में जानकारी दे दी गयी है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आनन्‍द मिश्रा के निधन के बाद सोमवार को ट्वीट किया कि भाजपा विधायक द्वारा उत्पीड़ित उन्नाव के आनंद मिश्रा के मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने के प्रयास के बाद उनकी मृत्यु होना दुखद है। श्रद्धांजलि!

यादव ने कहा कि इस मामले में आत्महत्या के लिए जिसने भी मजबूर किया व जिन्होंने पीड़ित की सुनवाई नहीं की, उन सबके विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज हो।

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Labour Day Special : मजदूरों की मेहनत से कानपुर बना मैनचेस्टर

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Labor Day Special: Kanpur became Manchester due to the hard work of laborers
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 May 2023 08:02 PM
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सैय्यद अबू साद Labour Day Special : कानपुर। यूपी का कानपुर हमेशा से कामगारों यानी मजदूरों की पहली पसंद रहा है। आज भी यहां मजदूरों के कई बाजार लगते हैं। अंग्रेजों के समय 24 मार्च 1803 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कानपुर को जिला घोषित किया था। उस समय मिलें लगना प्रारंभ हुईं, समय बीता और कानपुर एक औद्योगिक नगरी के तौर पर विकसित होने लगा। अन्य शहरों से काम की तलाश में आए मजदूरों को यहां की कपड़ा मिलों में रोजगार मिलने लगा। ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन और नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन के अधीन लाल इमली, म्योर मिल, एल्गिन मिल वन, एल्गिन मिल टू, कानपुर टैक्सटाइल, लक्ष्मी रतन कॉटन मिल, जेके जुट मिल, अथर्टन मिल, विक्टोरिया मिल, स्वदेशी कॉटन मिल आदि की नींव पड़ी और इन मिलों के उत्पादों ने धूम मचाई।

Labour Day Special :

  4 से 5 हजार मजदूर हर मिल में करते थे काम उस दौर में मैनचेस्टर ऑफ द ईस्ट कहा जाने वाला कानपुर मजदूरों का मनपसंद शहर बन गया। इन मिलों में तीन पालियों में कपड़ों का उत्पादन होता था। तीन पाली में एक मिल में लगभग 4000 से 5000 मजदूर काम करते थे। मजदूरों के लिए श्रमिक कॉलोनियां, बस्तियां बसाई गईं, जिनका अस्तित्व आज भी मौजूद है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की जेके कॉटन, जूट मिल में हजारों की संख्या में श्रमिक काम करते थे। हालांकि यह सभी मिलें अब बंद हो चुकी हैं। 54690 इकाइयां, 2,43,967 रजिस्टर्ड मजदूर बड़ी मिलें तो बंद हो गईं, लेकिन उनकी जगह अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों ने ले ली है। वे अब श्रमिकों-कर्मचारियों को रोजगार देने का यह सबसे बड़ा जरिया हैं। मौजूदा समय में शहर में 54690 इकाइयां खुल चुकी हैं। इसमें 2,43,967 श्रमिक काम कर रहे हैं। जल्द ही रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर की नींव पड़ने के बाद एक लाख से ज्यादा लोगों को और प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिल सकेगा। निर्यात का बड़ा केंद्र बना कानपुर कानपुर शहर का दादानगर, पनकी, फजलगंज, रूमा, चौबेपुर बड़े औद्योगिक हब बन चुके हैं। यहां पर दूध, साबुन, किचन मसाला, प्लास्टिक, फुटवियर, इंजीनियरिंग, पैकेजिंग, बिस्कुट, स्टील, पेन, खाद्य आदि की तमाम इकाइयां हैं। इनके उत्पाद निर्यात हो रहे हैं। कानपुर से अधिकतर चीजों का निर्यात सीधे विदेशों में भी होता है। शहर मौजूदा समय में एमएसएमई का गढ़ बन चुका है। सबसे ज्यादा रोजगार यही क्षेत्र दे रहा है। पूरे विश्व में मशहूर कानपुर का लेदर चर्म निर्यात परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव कुमार जालान बताते हैं कि कानपुर की लेदर इंडस्ट्री तो पूरे विश्व में मशहूर है। लेदर इंडस्ट्री अभी और भी बढ़ रहा है। अब चमड़ा के गारमेंट और शेफ्टी शूज भी शहर में बनने लगे हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। लेदर से निर्मित सैडलरी के 120 से ज्यादा भौगोलिक संकेतांक जीआई मिल चुके हैं। बन रहे नए औद्योगिक क्षेत्र आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य कहते हैं कि सूती मिलों के बंद होने से शहर में उद्योगों के लिए वो निराशा का दौर था। एलएमएल और नागरथ पेंट जैसी बड़ी इकाइयां बंद होने लगी और एमएसएमई खुलने लगीं। कोई बड़ा निवेश न आने के बाद भी यहीं के उद्यमियों ने इकाइयों को शुरू किया। चकेरी, रूमा, इस्पातनगर नए औद्योगिक क्षेत्र बन रहे हैं। Labor Day Special: Kanpur became Manchester due to the hard work of laborers अब एमएसएमई दे रही रोजगार ईपीएफ पेंशनर्स एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के महामंत्री राजेश कुमार शुक्ला कहते हैं कि मिलों के जरिए हजारों लोगों को रोजगार मिलता था। मिलें बंद हो चुकी हैं। सरकार ने कभी भी शहर में बड़ा उद्योग लगाने का प्रयास नहीं किया। शहर की पहचान यहां के उद्योगों से ही बनीं। अब एमएसएमई रोजगार दे रही हैं। हालांकि श्रमिकों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। काम के घंटे बढ़ते जा रहे हैं और वेतन नहीं बढ़ रहा है। Labor Day Special: Kanpur became Manchester due to the hard work of laborers श्रमिकाें की शहर में स्थिति - 2011 से अस्तित्व में आए उप्र भवन एवं सन्निर्माण योजना के तहत 31 मार्च तक 5,85,361 श्रमिक पंजीकरण करा चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 34751 श्रमिकों ने पंजीयन कराया। - असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 24 अगस्त 2021 से ई-श्रम पंजीयन शुरू किया गया। मौजूदा समय में इसमें 15 लाख 50 हजार 332 श्रमिक पंजीकृत हैं। - संगठित क्षेत्र में 65 हजार श्रमिकों का पंजीकरण श्रम विभाग में है।

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