सैय्यद अबू साद
Same Sex Marriage : हमीरपुर। प्यार अंधा होता है, ये स्टोरी आपने फिल्मों में बहुत सुनी होगी, लेकिन यूपी के हमीरपुर में रीता और सुनीता की लव स्टोरी खूब चर्चा बटोर रही है। दोनों के बीच प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि अब ये सिर्फ लव स्टोरी नहीं रही, बल्कि विवाह के बंधन में बंध गई है। जब समलैंगिक शादी की अर्जी लेकर रीता कुशवाहा कोर्ट पहुंची तो हर कोई देखता रह गया। सुनीता के पिता ने विरोध किया, तो रीता ने दबंगई दिखाते हुए सबके सामने सुनीता को अपनी पत्नी बताते हुए जमकर हंगामा किया। कोर्ट के मना करने पर रीता ने सुनीता की मांग में सिंदूर भरकर उसे अपनी जीवनसंगिनी बना लिया।
रीता की दबंगई पर हार बैठी दिल
दरअसल, अपने मामा के यहां हमीरपुर के रिहुंटा गांव में रहने वाली रीता कुशवाहा को पड़ोस में रहने वाली अपने से एक साल बड़ी सुनीता कुशवाहा से प्यार हो गया। रीता लड़कों की तरह बिंदास रहना पसंद करतीं है। उसकी इसी अदा पर सुनीता अपना दिल हार बैठी। सुनीता भी रीता की दबंग पर्सनालिटी देख उससे प्यार करने लगी। दोनों ने मिलना जुलना शुरू किया। जब गांव में उनके व्यवहार का पता चला तो बातें होने लगीं। परिवार को खबर पहुंची तो लोकलाज के भय से दोनों के परिवार वालों ने विरोध किया। रीता ने दोनों परिवार के सामने खूब दबंगई की और सुनीता व अपने प्यार का एलान कर दिया। रीता की दबंग छवि ने सुनीता के हौसले को भी बढ़ा दिया।
मंदिर में शादी, नोटरी पर इकरारनामा
बता दें कि छह माह पहले रीता व सुनीता दोनों राजकोट भाग गईं थीं। घरवालों ने खूब ढूंढ़ा पर पता नहीं चला। राजकोट में दो माह साथ रहने के बाद वे वापस गांव आ गईं। दोनों ने परिवार के विरोध को देखते हुए गांव के मंदिर में जाकर शादी रचा ली। दोनों ने सात फेरे लगाए और रीता ने सुनीता की मांग में सिंदूर भरकर उसे अपने पत्नी बना लिया। अपनी शादी को पक्का करने के लिए इसके बाद दोनों ने नोटरी पर इकरारनामा भी करवा लिया था।
दोनों की जिद पर हार माने परिजन
सुनीता के पिता ईंट भट्टों पर मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले रीता उनके पास पहुंचीं। पुत्री सुनीता को अपनी पत्नी बताते हुए साथ ले जाने की जिद पर जमकर हंगामा किया। सुनीता भी उसके साथ रहने पर अड़ी रही, काफी वाद विवाद के बाद दोनों की जिद के सामने परिवार वालों को आखिरकार हार माननी पड़ी।
कोर्ट ने भी कर दिया था मना
इधर परिवार तो तैयार हो गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला पेंडिंग होने के कारण कोर्ट ने मैरिज सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया। दरअसल, शनिवार-रविवार की छुट्टी के बाद जब वे कोर्ट मैरिज करने कस्बे की सिविल कोर्ट पहुंचीं, जहां अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने का हवाला देते हुए युवतियों को समलैंगिक विवाह कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद दोनों निराश होकर लौट गईं। चूंकि दोनों पूर्व में मंदिर में विवाह कर चुकीं हैं, तो अब दोनों साथ ही रहना चाहती हैं। रीता, सुनीता को अपनी पत्नी की तरह बनाकर रखना चाहती है।
राठ में पहले भी आया ऐसा ही केस
हमीरपुर में समलैगिंक विवाह का यह पहला मामला नहीं हैं। इससे पूर्व भी 29 दिसंबर 2018 को राठ क्षेत्र की दो युवतियों ने समलैगिंक विवाह कर लिया था, जिसे मान्यता नहीं दी गई थी। एक बार फिर से जिले में समलैगिंक विवाह का मामला राठ क्षेत्र में ही सामने आया है।
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