UP News : सामने आई नौकरशाही की नाकामी, विकास पर खर्च नहीं कर पाए स्वीकृत रकम

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क्या है पूरा मामला ? दरअसल अभी-अभी समाप्त हुए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए उप्र के पीडब्ल्यूडी विभाग को सरकार से 24 हजार 590 करोड़ रूपये का बजट मिला था। इस बजट से प्रदेश की सडक़ों, पुलों व सरकारी भवनों के निर्माण व मरम्मत आदि करानी थी। सब जानते हैं कि पीडब्ल्यूडी को आवंटित सडक़ों की हालत बेहद खराब है। इसके बावजूद इस विभाग के अधिकारी शासन से मिले बजट की रकम को विकास के काम पर खर्च नहीं कर पाए। इस कारण वित्त वर्ष खत्म होते-होते विभाग ने 8 हजार, 914 करोड़ रूपये सरकार के सामने सरेंडर कर दिए हैं। इतनी बड़ी राशि खर्च न कर पाना इस विभाग की नौकरशाही के काम करने के तरीके पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रही है। उत्तर प्रदेश के अधिकतर लोगों का कहना है कि यदि पीडब्ल्यूडी विभाग सुधर जाए तो प्रदेश की एक भी सडक़, पुल अथवा सरकारी भवन जर्जर स्थिति में नहीं मिलेगा। किन्तु तमाम चेतावनियों के बावजूद इस विभाग के अधिकारी सुधरने को तैयार नहीं हैं। क्या कहते हैं वरिष्ठ अधिकारी विभाग के निकम्मेपन के विषय में पूछे जाने पर पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा कि बजट का बचा हुआ धन सरेंडर होने की सूचना उन्हें मिली है। वे जल्द ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।Liver Day : 60 एमएल से ज्यादा शराब का सेवन लीवर के लिए हो सकता है खतरनाक
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क्या है पूरा मामला ? दरअसल अभी-अभी समाप्त हुए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए उप्र के पीडब्ल्यूडी विभाग को सरकार से 24 हजार 590 करोड़ रूपये का बजट मिला था। इस बजट से प्रदेश की सडक़ों, पुलों व सरकारी भवनों के निर्माण व मरम्मत आदि करानी थी। सब जानते हैं कि पीडब्ल्यूडी को आवंटित सडक़ों की हालत बेहद खराब है। इसके बावजूद इस विभाग के अधिकारी शासन से मिले बजट की रकम को विकास के काम पर खर्च नहीं कर पाए। इस कारण वित्त वर्ष खत्म होते-होते विभाग ने 8 हजार, 914 करोड़ रूपये सरकार के सामने सरेंडर कर दिए हैं। इतनी बड़ी राशि खर्च न कर पाना इस विभाग की नौकरशाही के काम करने के तरीके पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रही है। उत्तर प्रदेश के अधिकतर लोगों का कहना है कि यदि पीडब्ल्यूडी विभाग सुधर जाए तो प्रदेश की एक भी सडक़, पुल अथवा सरकारी भवन जर्जर स्थिति में नहीं मिलेगा। किन्तु तमाम चेतावनियों के बावजूद इस विभाग के अधिकारी सुधरने को तैयार नहीं हैं। क्या कहते हैं वरिष्ठ अधिकारी विभाग के निकम्मेपन के विषय में पूछे जाने पर पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा कि बजट का बचा हुआ धन सरेंडर होने की सूचना उन्हें मिली है। वे जल्द ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।Liver Day : 60 एमएल से ज्यादा शराब का सेवन लीवर के लिए हो सकता है खतरनाक
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