‘SIR पर हल्के मत पड़ो’, सीएम योगी ने होमवर्क के साथ दिखाई नेताओं को कमियां

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल की इस बैठक में जब सीएम ने फाइल से नंबर पढ़कर सुनाने शुरू किए, तो कई नेता पहली ही क्वेरी पर चुप हो गए। कई जनप्रतिनिधि अपने ही क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar09 Dec 2025 02:16 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में चल रहे मतदाता विशेष पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कितने सजग हैं, इसका अंदाज़ा मुरादाबाद मंडल की समीक्षा बैठक से साफ हो गया। सोमवार को मुरादाबाद पहुंचे सीएम योगी महज औपचारिक मीटिंग के मूड में नहीं थे, बल्कि वह पूरा होमवर्क करके आए थे। विधानसभा–वार और बूथ–वार डेटा के साथ उन्होंने नेताओं के सामने साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश में SIR को हल्के में लेने की गुंजाइश नहीं है।

सीट–दर–सीट डेटा लेकर पहुंचे सीएम योगी

भाजपा के कई स्थानीय नेता और विधायक यह मानकर चले थे कि मीटिंग में मोटे–मोटे आंकड़े और कागज पर नोट्स बता देने से काम चल जाएगा। उन्हें लगा था कि बस कैंप और बूथों की संख्या, अनुमानित फीडबैक और सामान्य प्रगति पर चर्चा होगी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुरादाबाद मंडल की हर सीट का ब्योरा लेकर पहुंचे। किस विधानसभा क्षेत्र में SIR के तहत कितने बूथों पर सौ फीसदी काम पूरा हुआ, कहां–कहां पचास फीसदी से भी कम प्रगति है, किस क्षेत्र में बूथ लेवल एजेंट (BLA) कितने सक्रिय हैं—सीएम ने एक–एक सवाल ठोस आंकड़ों के साथ रखा। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल की इस बैठक में जब सीएम ने फाइल से नंबर पढ़कर सुनाने शुरू किए, तो कई नेता पहली ही क्वेरी पर चुप हो गए। कई जनप्रतिनिधि अपने ही क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

संगठन और जनप्रतिनिधि दोनों को संदेश

मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो–टूक कहा कि SIR उत्तर प्रदेश में चल रही कोई साधारण कागजी कवायद नहीं, बल्कि आने वाले चुनावी समीकरणों की बुनियाद है। उन्होंने आंकड़ों के सहारे साफ–साफ दिखाया कि किन बूथों पर घर–घर संपर्क ढीला पड़ा, कहां मतदाता सूची के फॉर्म सिर्फ खानापूरी की तरह भरे गए और कहां पार्टी के बूथ लेवल एजेंट उतने सक्रिय नहीं दिखे, जितनी उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्य में जरूरत है। सीएम योगी ने कई विधानसभा क्षेत्रों में संगठन की रिपोर्ट, जिले की फीडबैक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दावों का आमने–सामने मिलान किया और उदाहरण देकर बताया कि ज़मीनी स्तर पर अब भी कितना काम बाकी है। उन्होंने निर्देश दिए कि हर विधानसभा क्षेत्र में अलग–अलग समर्पित टीमें बनाई जाएं, बूथ–स्तर पर लगातार मौजूदगी दर्ज रहे, हर संभावित मतदाता तक दोबारा पहुंचकर सूची की तस्दीक की जाए और SIR के बाद जब निर्वाचन आयोग नाम जुड़वाने–कटवाने के लिए फॉर्म भरने का अवसर दे, तो उसे महज़ औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर को सुधारने का ‘सबसे अहम चरण’ मानकर प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।

संगठन और जनप्रतिनिधि दोनों को संदेश

मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ इशारा कर दिया कि SIR उत्तर प्रदेश में चल रही कोई ‘फाइल भरने वाली रस्म’ नहीं, बल्कि सूबे की आने वाली चुनावी तस्वीर को सीधे प्रभावित करने वाला अभियान है। उन्होंने बूथ–वार रिपोर्टों के सहारे बताया कि किन इलाकों में घर–घर पहुंच कमजोर रही, कहां SIR फॉर्म सिर्फ औपचारिकता की तरह भर दिए गए और कहां बूथ लेवल एजेंट उतने सक्रिय नहीं दिखे, जितनी उत्तर प्रदेश जैसे निर्णायक राज्य में अपेक्षा की जाती है। सीएम ने कई विधानसभा क्षेत्रों में संगठन से मिली रिपोर्ट और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दावों का आमने–सामने मिलान किया और उदाहरण देकर समझाया कि जमीनी स्तर पर काम अभी अधूरा है। उन्होंने साफ निर्देश दिया कि हर विधानसभा में समर्पित टीमें खड़ी की जाएं, बूथ स्तर पर लगातार मौजूदगी दर्ज हो, संभावित हर मतदाता तक दोबारा पहुंचकर मतदाता सूची की तस्दीक की जाए और SIR के बाद जब नाम जोड़ने–घटाने के लिए निर्वाचन आयोग फार्म भरने का मौका दे, तो उसे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक बिसात पर सबसे अहम चाल मानते हुए पूरी गंभीरता और प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।

क्लोज मार्जिन वाली सीटों पर फोकस

बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद मंडल के चुनावी नतीजों को सामने रखकर साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब एक–एक वोट की कीमत और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर हार–जीत का फासला इतना मामूली रहा कि कुछ सौ या कुछ हजार वोट पूरे नतीजे को पलटने के लिए काफी थे। उदाहरण के तौर पर उन्होंने मुरादाबाद नगर सीट का जिक्र किया, जहां भाजपा महज़ 782 वोटों से जीत दर्ज कर पाई, जबकि बिलारी सीट पर पार्टी को करीब 7610 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा। रामपुर की बिलासपुर सीट पर जीत का अंतर लगभग 300 वोट के आसपास रहा, जबकि मिलक में यह बढ़कर करीब 6000 मतों तक पहुंचा। बिजनौर जिले की धामपुर और नहटौर सीटों पर भी बेहद कांटे का मुकाबला हुआ, वहीं चांदपुर और नूरपुर जैसी सीटें मामूली अंतर से विपक्ष के खाते में चली गईं। अमरोहा की नौगांवा सादात सीट पर भी सात हजार से कम वोटों के अंतर ने बाज़ी पलट दी। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और राजनीतिक रूप से बेहद सक्रिय राज्य में चुनावी तस्वीर छोटे–छोटे मार्जिन से बदल जाती है। ऐसे में SIR के दौरान मतदाता सूची की एक–एक प्रविष्टि की शुद्धता, बूथ–वार रुझान की बारीकी से पड़ताल और हर वोटर तक सक्रिय संपर्क इन तीनों मोर्चों पर किसी भी तरह की ढिलाई अब स्वीकार नहीं की जाएगी।

‘अब कोई वोटर छूटना नहीं चाहिए’ – मुरादाबाद से पूरे उत्तर प्रदेश के लिए संदेश

बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा कि अब उत्तर प्रदेश के किसी भी मंडल में ऐसा उदाहरण नहीं मिलना चाहिए, जहां पार्टी का पक्का समर्थक सिर्फ इस वजह से मतदान से वंचित रह जाए कि उसका नाम मतदाता सूची में ही दर्ज नहीं है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कोर वोटर का नाम लिस्ट में न होना, सिर्फ चुनावी भूल नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी की सीधी चूक है। सीएम ने जिला प्रशासन, निर्वाचन अधिकारियों, संगठन और जनप्रतिनिधियों—चारों स्तर पर साफ कर दिया कि SIR उत्तर प्रदेश में सबकी साझा जिम्मेदारी है, किसी एक विभाग या एक इकाई का काम भर नहीं। मुरादाबाद मंडल की समीक्षा से जो संकेत निकला, वह ये है कि उत्तर प्रदेश सरकार SIR जैसे तकनीकी दिखने वाले अभियान को भी चुनावी रणनीति के केंद्र में रखकर देख रही है, पार्टी नेतृत्व बूथ–लेवल तक डेटा–बेस्ड समीक्षा कर रहा है और अब सिर्फ जोशीले भाषण या अंदाज़े नहीं, बल्कि ठोस आंकड़ों और रिपोर्ट कार्ड के आधार पर नेताओं से सवाल पूछे जाएंगे। UP News

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आगरा में सीएम योगी ने की बैठक, एसआईआर में गति लाने का दवाब बनाया

खेरिया एयरपोर्ट से सीधे आयुक्त सभागार पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा मंडल के चारों जिलों आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के जनप्रतिनिधियों व भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

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सीएम योगी आगरा बैठक के लिए जाते हुए
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar08 Dec 2025 07:09 PM
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UP News : सोमवार शाम आगरा पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलीय समीक्षा के साथ-साथ भाजपा के जनप्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण बैठक की। करीब चार बजे खेरिया एयरपोर्ट पर उनके आगमन पर भाजपा के सांसद, विधायक, जिला पदाधिकारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया।

चार जिलों के जनप्रतिनिधियों के साथ विस्तृत समीक्षा

खेरिया एयरपोर्ट से सीधे आयुक्त सभागार पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा मंडल के चारों जिलों आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के जनप्रतिनिधियों व भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें उन्होंने मंडल से जुड़े शासन, विकास और संगठनात्मक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

एसआईआर की धीमी प्रगति पर असंतोष

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर की धीमी प्रगति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान लोकतांत्रिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए इसमें तेजी जरूरी है। सीएम योगी ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों तथा पार्टी कार्यकतार्ओं से अपील की कि वे मतदान सूची में नए पात्र मतदाताओं के जोड़ने के कार्य में सक्रिय भूमिका निभाएँ और अभियान में गति लाएँ। आयुक्त सभागार में आयोजित इस बैठक में आगरा मंडल के सभी प्रमुख जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी और संगठन के महत्वपूर्ण सदस्य शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने इसमें विकास योजनाओं, शासन स्तर पर लंबित मामलों और संगठनात्मक रणनीतियों पर भी चर्चा की।

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अखिलेश यादव बोले- वंदे मातरम सिर्फ गाने के लिए नहीं, निभाने के लिए होना चाहिए

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने वंदे मातरम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम ने देश को एक सूत्र में पिरोया और स्वतंत्रता आंदोलन में लोगों को बल देने का काम किया।

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सांसद अखिलेश यादव
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar08 Dec 2025 06:37 PM
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UP News : संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष बहस की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा कि सदन ऐसे ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन रहा है जब इस राष्ट्रीय गीत की यात्रा और महत्व पर विस्तृत चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपनी बात रखी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने वंदे मातरम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम ने देश को एक सूत्र में पिरोया और स्वतंत्रता आंदोलन में लोगों को बल देने का काम किया।

सत्ता पक्ष पर विरासत को अपना बताने का आरोप

अखिलेश यादव ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष हर उस चीज को अपने नाम करने की कोशिश करता है जो देश की साझा विरासत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर परंपरा, विचार और राष्ट्रीय धरोहर को अपना बताने की कोशिश करते हैं, जबकि ये देश की सामूहिक पहचान का हिस्सा है। अखिलेश के मुताबिक उनकी बातें सुनकर ऐसा लगता है मानो वंदे मातरम भी उन्हीं लोगों द्वारा रचित गीत हो।

वंदे मातरम पढ़ने के लिए नहीं, आचरण में उतारने के लिए है : अखिलेश

अखिलेश यादव ने स्पष्ट कहा कि वंदे मातरम केवल पढ़ने या गाने का विषय नहीं है, बल्कि इसके संदेश को जीवन में उतारना जरूरी है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया, वे इस गीत की वास्तविक भावना को कैसे समझ सकते हैं? अखिलेश ने कहा कि असली राष्ट्रवादी वे लोग हैं जिनके कार्य देश के लिए समर्पित हों, सिर्फ नारे लगाने वालों को राष्ट्रवादी नहीं कहा जा सकता।

पीएम मोदी ने बताया, वंदे मातरम देश की प्रेरणा शक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्र भारत का सपना हमारे महापुरुषों ने देखा था और आज की पीढ़ी समृद्ध भारत का संकल्प लिए हुए है। उनके अनुसार स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती देने में वंदे मातरम की भावना ने अहम भूमिका निभाई थी और आने वाले वर्षों में विकसित भारत का लक्ष्य भी इसी प्रेरणा से आगे बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि भारत जब भी संकटों से गुजरा, चाहे युद्ध की स्थिति हो, आपातकाल का दौर हो या किसी भी प्रकार का राष्ट्रीय चुनौती, देश वंदे मातरम की भावना के साथ एकजुट होकर खड़ा हुआ। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित इस चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ से तीखे और महत्वपूर्ण तर्क सुनने को मिले। कांग्रेस, सपा और भाजपा नेताओं के विचारों ने बहस को और व्यापक बना दिया, जिससे सत्र का यह हिस्सा पूरे दिन चर्चा का केंद्र रहा।