उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मनोज सिंह पर आया बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मनोज सिंह पर आया बड़ा फैसला
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calendar02 Dec 2025 12:20 AM
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव (Former Chief Secretary of Uttar Pradesh) मनोज कुमार सिंह को लेकर एक बड़ा फैसला आया है। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि उत्पादन आयुक्त (APC) दीपक कुमार ने एक पत्र जारी किया है। उत्तर प्रदेश (APC ) दीपक कुमार का यह पत्र उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव (Former Chief Secretary of Uttar Pradesh)  मनोज कुमार सिंह के साथ जुड़ा हुआ है। इस पत्र के सामने आते ही उत्तर प्रदेश में कुछ दिन पूर्व हुआ एक विवाद अब पूरी तरह से समाप्त हो गया है।   UP News

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को दिया गया था नोटिस

आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव (Former Chief Secretary of Uttar Pradesh) मनोज कुमार सिंह को एक नोटिस दिया गया था। इस नोटिस में उन्हें निर्देश दिया गया था कि आप 10 करोड़ रूपए सरकारी खजाने में जमा करवा दें। बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव (Former Chief Secretary of Uttar Pradesh)  मनोज कुमार सिंह को 10 करोड़ का नोटिस देने के मामले में नया मोड़ गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने इस मामले में सफाई दी है। उन्होंने प्रकरण की समीक्षा करने के बाद आदेश को तत्पल तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।  UP News

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को भेजा गया था गलत नोटिस

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य संस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव बीएल मीणा ने यूपीडास्प के प्रबंध वित्त तकनीकी समन्वयक शैलेन्द्र प्रताप सिंह से दस करोड़ रुपये वसूलकर जमा करने के लिए कहा था। इसी पत्र के आधार पर मनोज कुमार सिंह को नोटिस भेजा गया था। नोटिस में कहा गया है कि यूपीडास्प (उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना) को खाद्य प्रसंस्करण नीति के क्रिन्यावयन के लिए 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई थी।  UP News इस धनराशि को खर्च करने में अनियमितता बरती गई है, इसलिए 10 दिनों में इसे जमा कर दिया जाए। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को दिए गए नोटिस के मामले ने तूल पकड़ लिया। मामले को लेकर ब्यूरोक्रेसी चर्चाएं तेज हो गईं। इसके पीछे पुरानी अदावत की बात की भी चर्चा आई। इसके बाद अब इस मामले नया मोड़ गया। गुरुवरर को कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार का एक पत्र सामने गया। इस पत्र में सारी बात स्पष्ट की गई है। कृषि उत्पादन आयुक्त (APC) दीपक कुमार ने पत्र में कहा कि पूरे प्रकरण की समीक्षा की गई है। पूरा प्रकरण स्पष्ट है इसलिए पूर्व के आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाते हैं।  UP News

यहां देखें उत्तर प्रदेश के APC दीपक कुमार का पत्र

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के मामले में उत्तर प्रदेश के APC दीपक कुमार का पत्र नीचे दिया गया है।  UP News
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उत्तर प्रदेश के इन शहरों में किराया हुआ बेकाबू, 1 BHK लेना भी बन गया सपना

उत्तर प्रदेश के इन शहरों में किराया हुआ बेकाबू, 1 BHK लेना भी बन गया सपना
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calendar01 Dec 2025 09:54 AM
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उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में नौकरी तो है, लेकिन सिर छुपाने की जगह मिलना अब आसान नहीं रहा। लगातार बढ़ती महंगाई और रियल एस्टेट की ऊंची कीमतों ने आम नौकरीपेशा लोगों की कमर तोड़ दी है। स्थिति यह है कि अब उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में 1 BHK फ्लैट में रहना भी सपने जैसा लगने लगा है। UP News :

किराए की बढ़ती मार ने तोड़ा बजट

देशभर में महंगाई के साथ-साथ यूपी के शहरी इलाकों में किराए के दाम तेजी से बढ़े हैं। नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर जैसे शहरों में किराया अब आम मध्यमवर्गीय लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। * नोएडा: 1 बीएचके फ्लैट का किराया 18,000 से 22,000 तक * गाजियाबाद: औसतन 15,000 से 19,000 * लखनऊ: 12,000 से 17,000 * कानपुर: 10,000 से 14,000 * गोरखपुर: 9,000 से 12,000 मकानों का किराया तो बढ़ा ही है, लेकिन सैलरी उतनी नहीं बढ़ रही। नतीजा यह है कि अब लोग शहर के बाहरी इलाकों में या साझा आवास (लिव इन) में रहने को मजबूर हैं।

सपनों का घर अब हो गया दूर का सपना

30 से 35 हजार रुपये महीना कमाने वाले युवा कर्मचारियों के लिए हर महीने का किराया, बिजली-पानी और ट्रांसपोर्ट का खर्च मिलाकर जेब पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में स्वतंत्र रूप से रहना तो दूर, अब रूममेट के बिना शहर में टिकना भी मुश्किल हो गया है। रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, नोएडा और गाजियाबाद में कॉर्पोरेट सेक्टर और आईटी कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी ने रेंटल मार्केट को गर्म कर दिया है। वहीं, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में रियल एस्टेट डेवलपमेंट तो बढ़ा है, पर मांग उसके मुकाबले कहीं ज्यादा है। आर्थिक जानकारों का मानना है कि अगर महंगाई और प्रॉपर्टी टैक्स में नियंत्रण नहीं हुआ, तो आने वाले सालों में छोटे शहरों में भी किराए की दरें दोगुनी हो सकती हैं। ऐसे में नौकरीपेशा वर्ग के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी, कम सैलरी में कैसे जिएं शहर का जीवन? UP News
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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, होंगे खास इंतजाम

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, होंगे खास इंतजाम
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calendar01 Dec 2025 07:31 AM
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उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह बड़ा फैसला प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर यह बड़ा फैसला लिया गया है। उत्तर प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में किसी भी व्यक्ति की जान ना जाए इसके लिए यह बड़ा फैसला लिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले की जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। UP News

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क्या है उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला ?

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सड़क दुर्घटनाओं और औद्योगिक हादसों के दौरान समय पर राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे पर हर 100 किलोमीटर की दूरी पर फायर टेंडर और एक छोटी फायर चौकी स्थापित की जाए, ताकि किसी भी दुर्घटना के बाद गोल्डन ऑवर में राहत कार्य शुरू किया जा सके। यह निर्णय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने अग्निशमन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया, जिसमें उन्होंने विभाग को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की।

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एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा के नए उपाय

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बढ़ते हुए सड़क हादसों और औद्योगिक दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने खासतौर पर एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा को बढ़ाने का आदेश दिया है। गंगा एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे जैसे प्रमुख मार्गों पर हर 100 किलोमीटर की दूरी पर अत्याधुनिक फायर टेंडर, प्राथमिक चिकित्सा उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ के साथ फायर चौकियां स्थापित की जाएंगी। इन चौकियों के माध्यम से किसी भी सड़क हादसे या वाहन में आग लगने की स्थिति में 10 से 15 मिनट के भीतर राहत कार्य शुरू किया जा सकेगा।

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अग्निशमन विभाग का दायरा बढ़ाना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने कहा कि अब अग्निशमन विभाग को केवल आग बुझाने तक सीमित नहीं रखा जा सकता। प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिक विस्तार और जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए, विभाग को आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू ऑपरेशन और आपातकालीन सेवाओं के लिए समेकित तंत्र बनाना होगा। इसके लिए उन्होंने कहा कि हर रीजन में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त स्पेशलाइज्ड यूनिट्स गठित की जाएं, जो केमिकल, बायोलॉजिकल, और रेडियोलॉजिकल हादसों से निपटने में सक्षम हों।

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राज्यभर में फायर सर्विस की त्वरित उपलब्धता

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने आदेश दिया कि अब किसी भी जिले या कस्बे में ऐसी स्थिति न हो, जहां आग, हादसों या प्राकृतिक आपदा के समय तत्काल राहत नहीं पहुँच सके। इसके लिए उन्होंने विभाग से कहा कि हर जिले के लिए एक रेस्क्यू प्लान तैयार किया जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। साथ ही प्रदेश के प्रमुख एयरपोर्ट्स, जैसे कुशीनगर, आजमगढ़, श्रावस्ती, कानपुर, अयोध्या, और अन्य पर भी अग्निशमन सेवाएं तैनात कर दी गई हैं।

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नई भर्तियां और प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने विभाग में 98 राजपत्रित और 922 अराजपत्रित पदों के सृजन को मंजूरी दी है, जिससे प्रदेश के विभिन्न जनपदों और मुख्यालय स्तर पर फायर सर्विस की कार्यक्षमता में इजाफा होगा। साथ ही, अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पदों के सृजन से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इसके अलावा, वित्तीय पारदर्शिता और प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाने के लिए हर जिले में अकाउंट कैडर स्थापित किया जाएगा।

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तकनीकी सुधार और डिजिटलीकरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने यह भी संकेत दिया कि आगामी महीनों में प्रदेश के अग्निशमन विभाग का डिजिटलीकरण किया जाएगा, जिसमें ड्रोन और GPS आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए वास्तविक समय में हादसों पर नियंत्रण पाना संभव होगा। इसके अलावा, ऑनलाइन रेस्पॉन्स ट्रैकिंग मॉड्यूल भी शुरू किया जाएगा, जिससे राहत कार्यों की स्थिति का सही-सही आकलन किया जा सकेगा।

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सुरक्षा प्रबंधन में ऐतिहासिक कदम

विशेषज्ञ इस निर्णय को सुरक्षा प्रबंधन में एक ऐतिहासिक कदम मान रहे हैं। यह पहली बार है जब किसी उत्तर प्रदेश राज्य ने एक्सप्रेस-वे पर हर 100 किलोमीटर पर फायर चौकियों का नेटवर्क बनाने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) का यह कदम न केवल आपातकालीन प्रतिक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि यह जोखिमों को कम करने और सुरक्षित भविष्य की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath) ने इस कदम के माध्यम से राज्य की सुरक्षा को एक नए स्तर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जिससे यहां के नागरिकों को सड़क दुर्घटनाओं और आपात स्थितियों से जूझते समय बेहतर सुरक्षा मिल सके।