मुरादाबाद में बड़ी कार्रवाई, पांच अफसरों पर गिरी गाज

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उत्तर प्रदेश समाचार
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 JUL 2025 05:18 AM
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Uttar Pradesh Samachar : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में सोमवार को एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान महज 10 मिनट की बिजली गुल होने की घटना ने पूरे बिजली विभाग को हिला कर रख दिया। मामला आम नहीं था, क्योंकि मंच पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा मौजूद थे। नतीजा यह हुआ कि कार्यक्रम खत्म होते ही चीफ इंजीनियर से लेकर जेई तक पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।यह घटना सिविल लाइंस चौराहे पर नगर निगम द्वारा आयोजित एक लोकार्पण समारोह के दौरान हुई, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और फव्वारे का उद्घाटन होना था। इसी कार्यक्रम में बिजली मंत्री जनता से सीधा संवाद कर रहे थे और प्रदेश में ऊर्जा सुधार की योजनाएं साझा कर रहे थे। तभी अचानक बिजली गुल हो गई और पूरे परिसर में अंधेरा छा गया।

अधिकारियों को किया गया निलंबित

कार्यक्रम के बाद स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन ने कड़ा रुख अपनाया और जांच के आदेश के साथ-साथ पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इन अधिकारियों में अरविंद सिंघल (चीफ इंजीनियर), सुनील अग्रवाल (सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर), प्रिंस गौतम (एक्सईएन), राणा प्रताप (एसडीओ), ललित कुमार (जेई) शामिल हैं।

लापरवाही नहीं की जाएगा बर्दाश्त

ईशा दुहन ने सख्त लहजे में कहा कि “हर सरकारी और वीआईपी कार्यक्रम के लिए बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश होते हैं। ऐसी जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था और कंटिजेंसी प्लान अनिवार्य होता है। इसके बावजूद मुरादाबाद की घटना घोर लापरवाही का संकेत देती है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” उन्होंने आगे कहा कि यह केवल एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता की परीक्षा में असफलता है। विभाग ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और बाकी सभी जोनों को चेतावनी जारी कर दी गई है।

रिव्यू मीटिंग के आदेश

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा का यह दौरा 'जनता से सीधा संवाद' कार्यक्रम का हिस्सा था, जहां वह ट्रांसफॉर्मर क्षमता बढ़ाने, लाइन लॉस कम करने और उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान पर योजनाएं साझा कर रहे थे। लेकिन यही कार्यक्रम बिजली गुल होने से खुद सवालों में आ गया। इस घटना के बाद प्रदेश के अन्य जोनों में भी हड़कंप मच गया है। विभाग ने सभी डिस्कॉम्स को निर्देश दिया है कि भविष्य में किसी भी सरकारी या वीआईपी कार्यक्रम के दौरान बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए। सूत्रों की मानें तो कई जोनों में अधिकारियों को अलर्ट मोड पर लाया गया है और तैयारियों की रिव्यू मीटिंग्स बुलाई जा रही हैं।

 
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अलीगढ़ में धर्मांतरण के संदिग्ध सुराग, जनवरी से लापता 97 महिलाएं जांच के दायरे में

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 JUL 2025 03:53 AM
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उत्तर प्रदेश के आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह के एक और खुलासे के बाद अलीगढ़ में भी खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। जांच एजेंसियों की नजर अब जिले में जनवरी 2025 से लापता हुई 97 महिलाओं के मामलों पर है। इन महिलाओं की गुमशुदगी को धर्मांतरण नेटवर्क से जोड़कर देखा जा रहा है। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं ये महिलाएं भी जबरन या बहला-फुसलाकर धर्मांतरण का शिकार तो नहीं हुईं।

उमर गौतम के नेटवर्क से जुड़े पुराने लिंक

इस मामले की तह में जाने पर सामने आया कि पूर्व में धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग मामलों में दोषी पाए गए उमर गौतम का नेटवर्क अलीगढ़ तक फैला हुआ था। गिरफ्तारी के समय उमर की सूची में 33 महिलाओं के नाम सामने आए थे जिन्होंने 2018 में धर्मांतरण किया था। इनमें से तीन महिलाएं अलीगढ़ की थीं। वह नौकरी का लालच देकर लोगों को अपने झांसे में लेता था। गरीब बस्तियों में जाकर उसने अपनी टीम के साथ प्रचार-प्रसार भी किया था और धार्मिक किताबों का वितरण किया करता था। उसने जिन महिलाओं का धर्मांतरण कराया था, उन्हें 'शाइनिंग स्टार्स' नाम से संबोधित किया गया था।

97 महिलाएं लापता, 17 किशोरियां भी शामिल

पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से जनवरी 2025 से अब तक कुल 97 महिलाएं लापता हैं, जिनमें 17 किशोरियां भी शामिल हैं। अधिकतर मामलों में परिजनों ने बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। परिजन लगातार अपनी बेटियों की तलाश में पुलिस थानों के चक्कर काट रहे हैं। अब एजेंसियां इन मामलों की जांच एक नए एंगल से कर रही हैं—धर्मांतरण के संभावित संबंधों की।

आगरा की कार्रवाई के बाद बढ़ी अलीगढ़ में जांच

आगरा में धर्मांतरण गिरोह के पर्दाफाश और कार्रवाई के बाद छह राज्यों में पुलिस की सक्रियता बढ़ी है। इसी क्रम में अलीगढ़ में भी पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने निगरानी तेज़ कर दी है। पूर्व में भी अलीगढ़ का नाम धर्मांतरण मामलों में सामने आता रहा है, जिससे यहां की जांच को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।

कलीम सिद्दीकी और अब्दुल्ला से भी जुड़े रहे हैं तार

धर्मांतरण के मामलों में दोषी करार दिए गए कलीम सिद्दीकी का भी अलीगढ़ से संबंध रहा है। वह अपने परिचितों से मिलने यहां आता था, जिसकी जानकारी एटीएस को मिली थी। इसके अलावा, गाजियाबाद में पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट में मुख्य आरोपी अब्दुल्ला (जो पहले सौरभ था) ने एएमयू से बीडीएस की पढ़ाई की थी और वहीं रहकर धर्मांतरण की प्रक्रिया से गुजरा था।

एटीएस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड में

अलीगढ़ में जब-जब धर्मांतरण गिरोहों का खुलासा हुआ है, यहां का नाम किसी न किसी रूप में सामने आया है। ऐसे में अब आगरा की ताज़ा कार्रवाई के बाद स्थानीय एटीएस और खुफिया एजेंसियों ने अलीगढ़ में भी निगरानी तेज़ कर दी है। हालांकि, अभी तक किसी महिला के धर्मांतरण में शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है, पर जांच जारी है। एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि अब तक किसी एजेंसी ने आधिकारिक रूप से संपर्क नहीं किया है और न ही कोई शिकायत दर्ज हुई है। हालांकि, ऐहतियात के तौर पर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क दृष्टि बनाए हुए हैं और सभी मामलों की बारीकी से निगरानी की जा रही है। यूपी में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 7 करोड़ की ठगी, गाजियाबाद में साइबर ठग गिरफ्तार, 2 करोड़ की रकम जब्त
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यूपी में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 7 करोड़ की ठगी, गाजियाबाद में साइबर ठग गिरफ्तार, 2 करोड़ की रकम जब्त

Syber thag
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 JUL 2025 02:01 PM
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UP News : साइबर क्राइम सेल ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो सोशल मीडिया पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़प चुका है। आरोपी के खिलाफ पहले से ही कई जिलों में साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज थीं। पुलिस ने उसके खातों से करीब 2 करोड़ रुपये जब्त किए हैं, साथ ही उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

व्हाट्सएप-फेसबुक के जरिए जाल में फंसाता था

गिरफ्तार आरोपी सुमित जिंदल दिल्ली का रहने वाला है। वह व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए लोगों से संपर्क कर उन्हें क्रिप्टो करेंसी में मोटे मुनाफे का झांसा देता था। वह निवेश के नाम पर पीड़ितों के नाम से बैंक अकाउंट खुलवाता और फिर बड़ी रकम अपने खातों में ट्रांसफर कराकर फरार हो जाता था।

इंदिरापुरम निवासी की शिकायत पर हुआ खुलासा

इंदिरापुरम निवासी एक पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए साइबर क्राइम पुलिस ने सुमित को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी अब तक नोएडा और गाजियाबाद में तीन लोगों से करीब 7 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन, दो चेकबुक, पांच चेक, दो फर्जी मुहरें और नकद 6 लाख रुपये बरामद किए हैं। साथ ही सुमित के कई बैंक खातों को फ्रीज किया गया है, जिनमें लगभग 2 करोड़ रुपये जमा थे।

राज्यभर में फैला ठगी का नेटवर्क

पुलिस के मुताबिक, सुमित जिंदल के खिलाफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दर्जनों साइबर क्राइम शिकायतें दर्ज हैं। पुलिस का मानना है कि आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो पूरे राज्य में लोगों को लालच देकर ठगी को अंजाम देता है। अब तक कितने लोगों को इस गिरोह ने निशाना बनाया है, इसकी जांच जारी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुमित से पूछताछ के आधार पर उसके अन्य साथियों की पहचान की जा रही है। जल्द ही गिरोह के बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जाएगी।