Jammu kashmir कश्मीरी तय करेंगे गुलाम नबी की नई पार्टी का झंडा और नाम

Gulam
Jammu kashmir कश्मीरी तय करेंगे गुलाम नबी की नई पार्टी का झंडा और नाम
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calendar04 Sep 2022 09:21 PM
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Jammu kashmir कांग्रेस से अलग हुए वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलाना किया है। साथ ही यह भी ऐलान किया कि पार्टी का नाम और झंडा कश्मीरी यानि कश्मीर के लोग तय करेंगे। झंडे का रंग और स्वरूप कैसा होना चाहिए, इसकी जिम्मेदारी उन्होंने कश्मीर की जनता पर छोड़ दी है।

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गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस से अलग होने के बाद रविवार को जम्मू में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी का नाम नाम कश्मीर की अवाम तय करेगी। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि उनकी नई पार्टी बनाने से उनमें बौखलाहट है, लेकिन मैं किसी का बुरा नहीं चाहता हूं। आजाद ने अपनी नई पार्टी के 3 एजेंडों की घोषणा भी की। कि उनकी पार्टी का एजेंडा, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाना, बाहरी आदमी जमीन न खरीदे और नौकरी केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिले होगा।

आपको बता दें कि आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस छोड़ दी थी। उनके बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर समेत चार नेताओं ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दिया। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी और मनोहर लाल शर्मा ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी। कुल मिलाकर 64 नेता कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं। माना जा रहा है कि ये सभी लोग आजाद की नई पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हमने बनाई है, अपने खून-पसीने से बनाई है। कांग्रेस कम्प्यूटर और ट्विटर से नहीं बनी है। जो लोग हमें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं, उनकी पहुंच केवल कम्प्यूटर और ट्वीट्स तक है। यही वजह है कि कांग्रेस अब जमीन पर कहीं नहीं दिखाई देती। वो लोग डिबेट में खुश रहें, उन्हें वही नसीब हो। हम बुजुर्गों, किसानों के साथ ठीक हैं। उन्हें उनकी बादशाहत मुबारक।

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Congress Protest: महंगाई को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल रैली, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

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calendar29 Nov 2025 08:12 PM
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Congress Protest: लगातार बढ़ रही महंगाई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस ने रविवार को देश की राजधानी नई दिल्ली में एक विशाल हल्ला बोल रैली निकाली। कांग्रेस की इस रैली को लेकर दिल्ली और एनसीआर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। रविवार सुबह 11 बजे से शुरू हुई इस रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत दिल्ली और राष्ट्रीय स्तर के कई नेता पहुंचे हैं।

Congress Protest

दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कह, देश के हालात सभी को दिख रहे हैं। देश में क्या हो रहा है, क्या नहीं हो रहा है, किसी से नहीं छिपाया जा सकता है। जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से देश में नफरत और क्रोध बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नफरत डर का एक रूप है, जिसको डर होता है, उसी के दिल में नफरत पैदा होती है। जो डरता नहीं है, जिसको डर नहीं होता है उसके दिल में नफरत पैदा नहीं होती है। जब हम ये कहते हैं कि हिंदुस्तान में नफरत बढ़ रही है, उसी बात को दूसरी तरह से कहना कि हिंदुस्तान में डर बढ़ता जा रहा है, भविष्य का डर, महंगाई का डर, बेरोजगारी का डर बढ़ता जा रहा है और इसके कारण हिंदुस्तान में नफरत बढ़ती जा रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि नफरत से लोग बटते हैं, देश बंटता है और देश कमजोर होता है। भाजपा और आरएसएस के नेता देश को बांटते हैं और जानबूझकर देश में भय पैदा करते हैं। लोगों को डराते हैं और नफरत पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि डर और नफरत का फायदा हिंदुस्तान के दो उद्योगपति उठा रहे हैं। बाकी उद्योगपतियों को पिछले आठ साल में कोई फायदा नहीं हुआ। एयरपोर्ट, सेलफोन, तेल सबकुछ इन्हीं दो उद्योगपतियों को मिल रहा है। मीडिया देश को डराती है, नफरत और डर पैदा होता है और पूरा का पूरा इन दो उद्योगपतियों को फायदा हो रहा है। मोदी सरकार ने नोटबंदी की, कहा कालेधन के खिलाफ लड़ाई है फिर कुछ दिन बाद नोटबंदी के डर से जनता की जेब से लाखों करोड़ों रुपये निकाले गए उससे उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया गया।

किसानों के लिए तीन कानून लाए गए, कहा गया कि ये किसानों के फायदे के लिए हैं, ये कानून किसानों के लिए नहीं थे, ये उन्हीं दो उद्योगपतियों के लिए थे। किसान इसीलिए सड़कों पर आ गया और मोदी जी को अपनी शक्ति दिखा दी। जब मोदी जी को लगा कि किसानों की शक्ति बड़ी है तो उन्होंने कानून वापस ले लिया। ऐसा ही जीएसटी लाकर छोटे कारोबारियों, मजदूरों, किसानों पर चोट मारी। आज देश चाहे भी तो युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा, क्योंकि ये लोग ही देश को रोजगार दे सकते थे, जो इनकी रीढ़ तोड़ देने से ये रोजगार नहीं दे सकते हैं।

55 घंटे मुझे ईडी ने बैठाया, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं मोदी जी कि मुझे ईडी से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये हमारा जो संविधान है, जो देश की आत्मा है, आज इसे बचाने का काम हर हिंदुस्तानी नागरिक को करना पड़ेगा। यदि आज हमने ये नहीं किया, यदि आज हम नहीं खड़े हुए तो ये देश नहीं बचेगा। ये देश संविधान है, देश की जनता की आवाज है, देश की जनता का भविष्य है, ये देश दो उद्योगपतियों का नहीं है, ये देश हिंदुस्तान के गरीब लोगों का है।

आज दो हिंदुस्तान बन गए हैं, मजदूरों, गरीबों, बेरोजगार युवाओं का, उस देश में रोजगार नहीं मिल सकता, अपने बच्चों को आप वहां कालेज-यूनिवर्सिटी में भेजना चाहते हैं तो नहीं भेज सकते हैं, उस देश में आपको खून-पसीना देना पड़ेगा और उससे भी कोई फायदा नहीं होगा। दूसरा देश दो-तीन, दस-15 उद्योगपतियों का, अरबपतियों का है। उस देश में आप जो भी चाहते हो आसानी से मिल जाएगा। इन दो देशों में लड़ाई है। मोदी की विचारधारा कहती है कि देश को बांटना है और उसका फायदा दो उद्योगपतियों को देना है और हमारी विचारधारा कहती है कि देश को बंटना नहीं चाहिए और इसका फायदा गरीबों को किसानों को मजदूरों को मिलना चाहिए।

यूपीए के समय में 70 हजार करोड़ रुपये सरकार ने किसानों को दिया। नरेन्द्र मोदी जी ने तीन काले कानून दिए। मजदूरों के लिए यूपीए ने एतिहासिक कानून मनरेगा दिया, मोदी जी ने संसद में कहा कि मनरेगा गरीबों का अपमान है, लेकिन आज नरेगा देना पड़ रहा है, ये नहीं होता तो हिंदुस्तान में आग लग जाती। भूमि अधिग्रहण कानून हम लाए, किसानों की भूमि छीन ली जाती थी, लेकिन हमने उसे रोका। मोदी सरकार ने ये कानून रद करने की कोशिश की।

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीबीआइ-ईडी का आतंक मचा रखा है। मोदी सरकार की कथनी-करनी में अंतर है। आज कांग्रेस की रैली देखकर मोदी सरकार के लोगों को पसीना आएगा। ये आज की रैली तो शुरुआत है, आगे लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को गरीबों की कोई चिंता नहीं, लेकिन देश पर शासन करने वाले लोग जब तक जागेंगे नहीं, कांग्रेस भी चुप बैठने वाले नहीं है। इस सरकार को सबक सिखाना ही होगा। हल्ला बोल करते रहेंगे, जब तक महंगाई कम नहीं होती। मोदी जी के दो भाई, बेरोजगारी और महंगाई।

इसके अलावा कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अधीर रंजन चौधरी, कमलनाथ, भूपेश बघेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रतिभा सिंह, प्रताप सिंह बाजवा, जयराम रमेश ने भी सभा को संबोधित किया, जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सहित दिल्ली और राष्ट्रीय स्तर के कई नेता मौजूद रहे।

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Meerut News इस पिता को बोझ लग रही थी 12 साल की बेटी, फेंक दिया नहर में

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calendar04 Sep 2022 06:28 PM
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Meerut News कहते हैं कि बेटी पिता का अभिमान और स्वाभिमान होती हैं। बेटी का दुख उस व्यक्ति को ज्यादा खलता है, जिसके बेटी नहीं होती, लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बाप को अपनी 12 साल की बेटी बोझ लग रही थी। इस बोझ को कम करने के लिए पिता ने अपनी 12 साल की मासूम बेटी को नहर में फेंक दिया और बेटी के अपहरण की झूठी रिपोर्ट थाने में दर्ज करा दी है। फिलहाल, सच्चाई सामने के बाद पुलिस ने बालिका की तलाश शुरू कर दी है। अभी तक बालिका का कुछ पता नहीं चल सका है।

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जानकारी के अनुसार मेरठ के गंगानगर थाना क्षेत्र निवासी बबलू मूलरूप से बागपत के सिंघावली का रहने वाला है। वह मेरठ में अपनी पत्नी रूबी, 14 वर्षीय पुत्र वंश, 12 वर्षीय बेटी चंचल और 5 वर्षीय बेटे आरव के साथ रहता है। वह एक फाइनेंस कंपनी में कलेक्शन एजेंट है।

आपको बता दें कि बबलू की 12 साल की बेटी चंचल 1 सितंबर की रात 8 बजे से गायब थी। बबलू ने पुलिस को बेटी चंचल के अपहरण की आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। दो दिन तक जब चंचल का पता नहीं चला तो पुलिस ने बबलू को पूछताछ के लिए बुलाया। बबलू पहले तो पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन बाद में जब सख्ती की गई तो टूट गया। उसने सारा सच उगल दिया।

पुलिस पूछताछ में बबलू ने बताया कि गुरुवार की रात 10 बजे वो, पत्नी और बेटी को भोला की झाल इलाके में लेकर गया था। वहां बेटी को नहर में फेंक दिया। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि पिता की इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है कि उसने जिंदा बेटी को नहर में फेंक दिया है। हो सकता है कि बेटी की हत्या करने के बाद उसे फेंका हो। पुलिस की टीम शव को ढूंढने के लिए लगा दी गई है।

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एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि पिता के बेटी को फेंकने की बात पर पुलिस टीम को भोला की झाल भेजा गया। वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में चंचल अपने पिता बबलू और मां रुबी के साथ जाती हुई दिख रही है। इससे यह पुख्ता हो गया कि चंचल की हत्या कर दी गई है।

आरोपी पिता बबलू ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि बेटी चंचल को एक रेस्टोरेंट में बर्गर खिलाने ले गया था। वहां जब पुलिसकर्मी पहुंचे और पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी दुकान पर बच्ची नहीं आई थी। सीसीटीवी कैमरे भी चेक करवाए, जिसमें चंचल नहीं दिखी।

पुलिस पूछताछ में आरोपी बबलू ने बताया कि उसकी पत्नी रोज एक ही बात कहती थी कि चंचल लड़कों से बात करती है। कहीं आगे चल कर बेटी की ये हरकत बदनामी का कारण न बन जाए, इसलिए बेटी उसे और उसकी पत्नी को बोझ लगने लगी थी। साथ ही उसकी पत्नी उसे यह भी कहा था कि चंचल को मारना जरूरी है, ताकि बदनामी से बचा जा सके।

एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि 12 साल की बच्ची को गंग नहर में फेंकने की बात बच्ची की मां और पिता ने कबूल कर लिया है। सीसी टीवी फुटेज देखने पर पता चला है कि दोनों बच्ची को बाइक से लेकर गए थे। जहां रात में बच्ची को नहर में फेंक दिया।

फिलहाल बालिका की तलाश के लिए गंग नहर में पीएसी के गोताखोर लगाकर सर्च अभियान शुरू करा दिया गया है। मुकदमा 363 और 366 धारा में दर्ज था, उसी में हत्या की धारा बढ़ा दी जाएगी। यदि बच्ची का शव नहीं मिलता है तो पुलिस 364 में बच्ची की मां और पिता को कोर्ट में पेश करेगी। पूरी घटना में बच्ची का पिता और मां दोनों दोषी हैं।