Home Remedies for Cough : प्रेग्नेंसी मे होने वाली खांसी जुकाम के लियें करे घरेलू उपाय

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Home Remedies for Cough: Home remedies for cough and cold during pregnancy
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calendar02 Dec 2025 12:39 AM
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Home Remedies for Cough :

बबीता आर्य  Home Remedies for Cough :गर्भावस्था मे महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है ।डॉक्टरों के अनुसार गर्भावस्था मे  महिलाओं के इम्युन सिस्टम में  काफी बदलाव आते है , जिस वजह से महिलाओं को आसानी से सर्दी जुकाम हो जाता है ।घर के बड़े  बुजुर्ग भी गर्भावस्था में कोई भी दवा लेने के लिए मना करते हैं । इसलिए चिकिस्तक के बिना अनुमति कोई भी दवा न ले ये गर्भवती महिला के लिये काफी हानिकारक हो सकता है ।सर्दी जुकाम एक संक्रामक रोग है जो किसी व्यक्ति के सम्पर्क मे आने पर आसानी से फैल जाता है । सर्दी जुकाम से छुटकारा पाने के लियें अगर घरेलू उपचार का सहारा लिया जायें तो आपकी सेहत के लियें बेहतर होगा।

Home Remedies for Cough :

  आज हम यहां आपको गर्भावस्था के दौरान होने वाले सर्दी जुकाम के उपचार के बारे मे बताएंगे ।जिनको आप घर पर ही अपना कर के आसानी से सर्दी जुकाम का इलाज कर सकतें हैं  । साफ़ सफाई: सबसे पहले तो गर्भावस्था के दौरान  साफ-सफाई का खस ध्यान रखना चाहिए ।जिसकी वजह से आप संक्रामक बिमारियों से बच सकतें है ।कही बाहर जाने पर मास्क का इस्तेमाल जरुर करे।अपने हाथों को हैण्डवॉश और पानी से अच्छी तरह से साफ करे।बाहर किसी भी चीज़ को छूने के बाद सैनेटाईजर से अपने हाथों को साफ करना ना भूलें ।धुल और धुएँ मे जाने से बचें । स्टीम : आमतौर पर सर्दी जुकाम होने पर नाक बहना और नाक बंद हो जाती है ।बंद नाक और जकड़न ठीक करने के लियें आप स्टीम का प्रयोग कर सकतें है । इसके लिये आपको एक बर्तन मे थोड़ा पानी डालना है और उसमे अजवायन डाल कर उसे ढक कर खौला लेना है ।फिर इसकी भाप लेनी है,इससे खांसी और जुकाम दोनो मे काफी आराम मिलता है । गर्म पानी के गरारे: गर्भावस्था मे आने वाली खांसी मे आप पानी को गर्म करके उसमे थोड़ा सेंधा नमक और हल्दी डाल दे फिर इस पानी से गरारा कर ले ।इसकी वजह से अपके गले कि सूजन कम हो जायेगी और खांसी मे आराम मिलेगा। सूप और चाय: सर्दीयों  मे सभी लोग अदरक की चाय पीना पसंद करते है ।गर्भावस्था मे होने वाली खांसी मे आप अदरक और लौंग की चाय बना ले उसका सेवन करे ये आप के गले की सिकाई करेगी और खांसी मे आराम दिलाएगी।इसके साथ आप सूप का सेवन भी कर सकतें है ।सूप आप घर मे ही बना ले उसमे थोड़ी सी काली मिर्च का उपयोग कर सकती है ये स्वाद के साथ आपको जुकाम मे भी आराम देगी। मुलैठी की चाय: जब खांसी ज्यादा परेशान करे तो मुलैठी की चाय पी सकतें है ।एक टुकड़ा मुलैठी को पानी मे डाल कर खौला ले फिर उसे गुन गुना ही पियें ।इससे आपको खांसी मे आराम मिलेगा।जब ज्यादा खांसी आये तो मुलैठी का एक टुकड़ा मुहं मे दाल कर चूसने से भी खांसी मे आराम मिलता है । शहद: शहद में एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।शहद का सेवन करने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है।गर्भावस्था मे आप शहद का सेवन करके आप अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते है ।लौंग को गर्म तवे पर भून ले फिर उसको पीस कर पावडर बना ले और इसको शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन करें । नारियल: गर्भावस्था मे सूखी खांसी यदि परेशान करे तो आप ताज़ा नरोयल का दूध निकल ले इसे 3 से4 चम्मच ले कर आधा चम्मच खसखस और एक चम्मच शहद के साथ रात मे सोने से पहले सेवन करे ।इससे सूखी खांसी मे आराम मिलेगा। लहसुन: गर्भावस्था मे होने वाली खांसी मे आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते है ।लहसुन स्वास्थ्य की अन्य समस्या को ठीक करने में मदद करता है। जैसे कोलेस्ट्रॉल कम करने में, रक्तचाप को सामान्य करने में फायदेमंद होता है।लहसुन को सरसों के तेल मे पका कर उसकी मालिश करे।सुबह लहसुन की कलियों का सेवन करे इसमे मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल गुण सर्दी जुकाम मे आराम दिलाते है । इन उपायों को करने के बाद यदि सर्दी जुकाम वा खांसी मे आराम ना मिलें तो डॉक्टर को अवश्य संपर्क करें ।

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HOME REMEDIES FOR HEART दिल के सभी रोगों का इलाज है घरेलू नुस्खों में

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HOME REMEDIES FOR HEART
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calendar30 Nov 2025 11:32 PM
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HOME REMEDIES FOR HEART : आप से अच्छा आपका कोई डाक्टर नहीं हो सकता है। जी हां हमारे सबके घरों में हर बीमारी की दवा मौजूद है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सकों का यही कहना है। देशी वैद्य या आयर्वुेद चिकित्सकों का मत है कि हर घर की रसोई में मौजूद मसाले दरअसल जड़ी-बूटियां हैं। इन जड़ी-बूटियों से हर प्रकार की बीमारी ठीक की जा सकती है। आज हम आपको बताते हैं अपने दिल यानि हार्ट (HEART) को ठीक रखने के देशी घरेलू उपाय। ये तमाम HOME REMEDIES बताई है, प्रसिद्ध वैद्य डा. अजीत मेहता ने।

HOME REMEDIES FOR HEART

HEART (दिल) का इलाज डा. अजीत मेहता ने बताया कि HEART के तमाम रोग बस एक छोटे से उपाय से दूर किए जा सकते हैं। आपको बस इतना सा काम करना है कि 200 ग्राम सूखे आँवलों को कूट पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और उसमें बराबर वजन पिसी हुई मिश्री मिलाकर किसी कांच के मर्तबान में रख लें। नित्य सवेरे खाली पेट छ: ग्राम (दो चम्मच भर) चूर्ण को पानी के साथ फाँक लेने से कुछ ही दिनों में हृदय के समस्त रोग दूर हो जाते हैं। विशेषकर हृदय की धडक़न, हृदय की कमजोरी और चेतना - शून्यता आदि रोगों में परम लाभकारी एवं चमत्कारी और खूब अनुभूत प्रयोग है।

विशेष - आँवला दिल की तेज धडक़न, अनियमित हृदयगति, दिल का फैल जाना, दिल के ठीक कार्य न करने से उत्पन्न उच्च रक्तचाप में हानिरहित औषधि और खाद्य पदार्थ है। यह हृदय को शक्तिशाली बनाता है। चैत्र या आश्विन मास में 21 दिन से एक मास तक लेना अधिक अच्छा रहता है। आँवला का निरन्तर सेवन रक्तवाहिनियों को मुलायम और लचकीला बनाता है तथा रक्तवाहिनियों की दीवारों के कठोर तथा मोटा हो जाने का दोष दूर करता है। इसी कारण रोगी का हाई ब्लड प्रेशर दूर हो जाता है और रक्तवाहिनियों में रक्त का दौरा भली प्रकार होने लग जाता है। रक्तवाहिनियों में लचक बनी रहने के कारण मनुष्य का हृदय फेल नहीं होने पाता और न ही उच्च रक्तचाप रोग होता है या रक्तवाहिनियों में रक्त का थक्का (Clot) जम जाने के कारण मस्तिष्क की रक्तवाहिनी फटने पाती है।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)

HOME REMEDIES FOR HEART

डा. अजीत मेहता के मुताबिक प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर नित्य दस ग्राम (दो चम्मच) की मात्रा में दिन में एक बार लेना रक्तचाप का प्रभावशाली इलाज है।

विशेष - प्याज का रस खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करके दिल के दौरे को रोकता है। प्याज स्नायु संस्थान (नर्वस सिस्टम) के लिए टॉनिक, खून साफ करने वाला, पाचन में सहायक और हृदय की क्रिया को सुधारने वाला तथा अनिद्रा को रोकने वाला है। शहद शरीर पर शामक प्रभाव डालकर रक्तवाहिनियों की उत्तेजना घटाकर और उनको सिकोडक़र उच्च रक्तचाप घटा देता है। शहद के प्रयोग से हृदय सबल व सशक्त बनता है। 5-7 दिन लेकर देखें। लाभ होने पर आवश्यकतानुसार कुछ दिन और लें।

विकल्प - तरबूज के बीज की गिरी और खसखस (सफेद) अलग- अलग पीसकर बराबर वजन मिलाकर रख लें। तीन ग्राम (एक चम्मच की मात्रा से प्रात: सायं खाली पेट जल के साथ लें। इससे रक्तचाप कम होता है और रात में नींद अच्छी आती है। सिरदर्द भी दूर हो जाता है। तरबूज के बीज की गिरी खाते रहने से रक्तचाप कम हो जाता है। कोलेस्ट्रोल पिघलकर पतला होकर निकलने लगता है। रक्तवाहिनियों की कठोरता घटने लगती है और उनकी रचना में खराबी आनी रुक जाती है। वे मुलायम और लचकीली बनने लगती है। आवश्यकतानुसार 3-4 सप्ताह तक लें। तीन ग्राम (एक चम्मच) मेथी (शुष्क दाना) के चूर्ण की फक्की सुबह शाम खाली पेट 10-15 दिन पानी के साथ लेने से उच्च रक्तचाप कम होता है। इससे मधुमेह में भी लाभ होता है। खाना खाने के बाद कच्चे लहसुन की एक-दो फाँके छीलकर टुकड़े कर पानी के साथ चबा लें अथवा एक- दो बीज निकाली हुई मुनक्का में लपेट कर चबा लें। इससे उच्च रक्तचाप मिटता है। लहसुन की ताजा कलियाँ बढ़े हुए रक्तचाप को कम कर साधारण संतुलित अवस्था में रखने में सक्षम होती है। इकपोथिया लहसुन एक नग लेना अधिक अच्छा रहता है।

लहसुन खाने की कारगर विधि- प्रात: खाली पेट लहसुन की दो-तीन कलियों को छील लें। फिर प्रत्येक कली के तीन-चार टुकड़े कर थोड़े पानी के साथ प्रात: खाली पेट चबा लें या उन टुकड़ों को पानी के घूंट के साथ निगल लें। इस विधि से कच्चे लहसुन का सेवन रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा शीघ्रता से घटाने, रक्तचाप कम करने और ट्यूमर बनने से रोकने में बेजोड़ है।

सहायक उपचार - गेहूँ और चना बराबर मात्रा में लेकर आटा पिसवायें। चोकर सहित आटे की रोटी बनायें और खायें। एक-दो दिन में ही उच्च रक्तचाप में सुधार प्रतीत होगा। रात में तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी प्रात: पीने से उच्च रक्तचाप कम होता है और इसके नियंत्रण में सहायता मिलती है। चार तुलसी की पत्तियाँ, दो नीम की पत्तियाँ दो-चार चम्मच पानी के साथ घोटकर पाँच-सात दिन सवेरे खाली पेट पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। सवेरे खाली पेट डाल का पका पपीता एक मास तक खाएँ और इसके खाने के बाद दो घंटे कुछ न खाएँ पीएँ। इससे उच्च रक्तचाप ठीक होता है। प्याज और लहसुन का उपयोग यदि भोजन के साथ संतुलित मात्रा में किया जाय तो हृदय रोगों के निवारण और चिकित्सा में लाभ पहुँचने की संभावना रहती है। प्याज और लहसुन का सेवन करने से रक्त में रक्त पैत्तव (cholesterol) की मात्रा अधिक नहीं बढ़ पाती है क्योंकि इनमें फिब्रिनोलाइटिक तत्त्व होने के कारण रक्तविकारजन्य रक्त के जमाव को कम करते हैं तथा रक्त को घुलाने में सहायता देते हैं और जमे हुए रक्त को भी पिघलाकर साधारण अवस्था में ला देते हैं।

उच्च और निम्न दोनों प्रकार के रक्तचाप में लाभप्रद - निम्न रक्तचाप वाले छाछ में दो ग्रेन हींग मिलाकर सेवन करें। दिन के भोजन के पश्चात् एक गिलास छाछ पीना अमृत तुल्य है। छाछ की भाँति चौलाई की सब्जी या रस भी दोनों प्रकार के रक्तचाप में लाभदायक है।

प्रतिकूल- दूध, मक्खन आदि से बनी भारी वस्तुएँ, तले पदार्थ, मद्यपान, धूम्रपान, घी, नमक, बैंगन, आलू, अधपका केला, कटहल, दालें, मैदा, मिठाई, गुड़, तेल, खटाई, मिर्च-मसाले, पालिश किया हुआ चावल, सफेद चीनी, चाय, काफी, गोश्त, मछली, मादक द्रव्य । देर तक बैठना या खड़ा होना, भागकर सीढिय़ाँ चढऩा, अधिक और बार-बार भोजन करना, अत्यधिक क्रोध, भय, हर्ष, शोक, घबड़ाहट, जल्दबाजी, परेशानी और मानसिक तनाव।

अनुकूल - नींबू, पपीता, आँवला, मौसमी, सेव, तरबूज आदि फल। चौलाई का शाक, पालक, लहसुन, लौकी, प्याज, टमाटर, गाजर का सलाद, गाजर का रस, बथुआ आदि। प्रात: गेहूँ की बासी रोटी दूध में भिगोकर खाना । दही में ग्लूकोज डालकर खाना। प्रत्येक ग्रास को खूब चबा-चबा कर खाना। भोजन करते समय जल न पीना। नंगे पैर 5-6 किलोमीटर घूमना या हरी दोब में 10-15 मिनट टहलना (बरसात और उग्र मौसम को छोडक़र) प्रसन्नचित्त रहना। प्रतिदिन पर्याप्त व्यायाम करने व खुश रहने से रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। मन की शांति एवं प्रसन्नचित्त रहना उच्च रक्तचाप का प्रभावी उपचार है। सप्ताह-पन्द्रह दिन में एक दिन का उपवास रखना भी हितकर सिद्ध होता है, जैसे शुक्ल पक्ष की एकादशी को। इससे ब्लड प्रेशर में कमी आती है। पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। यह रक्तवाहिनियों के कठोर और मोटा होने की दशा में भी लाभ करता है। ध्यान रहे, इसका त्वचा से स्पर्श करते रहना आवश्यक है।

उच्च रक्तचाप (high blood pressure) में तुरंत लाभ के लिए

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उच्च रक्तचाप में 100 ग्राम (आधा कप) पानी में आधा नींबू निचोड़ कर दिन में दो-तीन बार दो- दो घंटे से पीने से तुरन्त लाभ होता है। विशेष-  इसके प्रयोग से रक्तवाहिनियों की कठोरता दूर होकर उनमें लचक और कोमलता आती है। नींबू हृदय को शक्ति देता है और इसके नियंत्रित सेवन से हार्ट फेल का भय नहीं रहता।

विकल्प- शवासन उचित ढंग से शवासन (शिथिलीकरण) का अभ्यास उच्च रक्तचाप के रोगी के लिए एक वरदान से कम नहीं है।

विधि-शवासन के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएँ। दोनों हथेलिया को खोलकर नितम्ब के पास इस प्रकार टिकाएँ कि हथेली ऊपर की तरफ रहे। पाँव की दोनों एडियाँ आपस में मिली हुई हों और पंजे खुले हुए हों। तत्पश्चात् सारे शरीर को ढीला छोड़ दें, अर्थात् सर्वप्रथम पैरों के अंगूठों को ढीला करने की क्रिया आरम्भ करें तथा क्रमश: पाँव, हाथ, पिंडली, घुटना, जघा, पीठ, कमर, पेट, छाती, हृदय, कन्धे, गला, मस्तिष्क तथा सिर की मांसपेशियों को ढीला करते जाएँ। ध्यान कि शरीर का कोई भी छोटे से छोटा अंग-प्रत्यंग कड़ा न रहने पाये। आँखें बन्द कर समस्त शरीर को ढीला कर दें। इस समय बहुत धीरे-धीर साँस सहज भाव से लें। सोचना बन्द कर दें और मस्तिष्क को विचारों से खाली कर दें। इस शिथिलीकरण की क्रिया का नाम शवासन है जो दिखने को तो आसान लगता है परन्तु सही ढंग से इसका अभ्यास उतना आसान नहीं है।

इससे पाँच मिनट में शांति और ताजगी मिलती है और शरीर तनाव रहित होकर रक्तचाप कम हो जाता है। कितना भी कोई थका हुआ दस मिनट शवासन करने से शीघ्र ही उसकी शारीरिक और मानसिक थकान दूर हो जाती है।

Home Remedies for Cough :कफ से जुड़ी हुई बीमारियों के बेहद आसान इलाज

विकल्प - बाएँ स्वर का प्रयोग- यदि कोई व्यक्ति बायाँ (left) स्वर (अर्थात् बाएँ नासिका छिद्र से साँस चलना) लगातार आधा घंटा चलाएँ तो उच्च रक्तचाप कम हो जाता है। अभ्यास से इच्छानुसार स्वर बदला जा सकता है। कुछ देर दायीं करवट (हाथ का तकिया बनाकर सिर के नीचे रखकर सोने) लेटने से बायाँ स्वर चलने लगता है। इच्छानुसार स्वर बदलने का एक सहज उपाय यह है कि जिस नासिका छिद्र से स्वर चलाना है उसके दूसरी तरफ से नासिका छिद्र में रई ठूंस दें। कुरसी पर बैठे हैं तो एक तरफ जोर देने या झुकने मात्र से और यदि खड़े हैं तो एक पैर की एड़ी ऊँची करके दूसरे पैर पर जोर देने से, जिस तरफ जोर पड़ता है। उसके दूसरी तरफ की नासिका छिद्र का स्वर चलने लगता है।

निम्न रक्तचाप (low blood pressure)

डा. अजीत मेहता ने बताया कि किशमिश किसी चीनी के कप में 150 ग्राम पानी में भिगो दें। बारह घंटे भीगने के बाद प्रात: एक-एक किशमिश को उठाकर खूब चबा-चबाकर (प्रत्येक किशमिश को बत्तीस बार चबाकर) खाने से निम्न रक्तचाप में बहुत लाभ होता है। पूर्ण लाभ के लिए बत्तीस दिन खायें। एक महीना व्यवहार करने से देह से रोग-विष शीघ्र बाहर हो जाता है। लौह तत्व से भरपूर क्षार श्रेणी का खाद्य होने के कारण यह खून तथा देह के तन्तुओं को साफ रखता है।

विशेष- निम्न रक्तचाप या हृदय-दुर्बलता के कारण मूर्छित हो जाने पर हरे आँवलों का रस और शहद बराबर-बराबर दो-दो चम्मच मिलाकर चाटने से होश आ जाता है और हृदय की कमजोरी दूर हो जाती है। निम्न रक्तचाप में बादाम का सेवन बड़ा उपयोगी है। नित्य 7 बादाम गिरी रात को पानी में भिगोकर प्रात: खूब बारीक पीसकर दूध के साथ प्रयोग करने से निम्न रक्तचाप कुछ ही दिनों में सामान्य हो जाता है और दिल को भी ताकत मिलती है। निम्न रक्तचाप में तात्कालिक लाभ के लिए-बोलना बन्द कर करवट लेकर लेट जायें, नींद आने से ठीक हो जाएगा।

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Fire in OPD : मेडिकल कॉलेज के नए ओपीडी भवन में दो धमाके, 250 लोगों को बचाया गया

Fire in opd
wo explosions in the new OPD building of Medical College, 250 people were rescued
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:17 PM
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसीएच) के कैफेटेरिया में गुरुवार को सिलेंडर फटने से इमारत के एक हिस्से में आग लग गयी। इसके बाद वहां से लगभग 250 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारी के मुताबिक, घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

Fire in OPD

UP News: यह शख्स देता है 15 मिनट में ATM तोड़कर पैसे निकालने की ट्रेनिंग, नाम है एटीएम बाबा

दूर तक देखा गया धुआं

दमकल अधिकारियों ने बताया कि हमें घटना की जानकारी मिली। माल रोड, छोटा शिमला और बोइलागंज से दमकल की छह गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। आग को फैलने से रोका गया। आग लगने के बाद इमारत से निकलता धुआं दूर से देखा जा सकता था। घटना के वक्त ओपीडी में मौजूद मरीजों ने बताया कि एक के बाद एक हुए दो धमाकों से वहां दहशत फैल गई।

पुराने भवन में शिफ्ट किया ओपीडी

आईजीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक राहुल राव ने बताया कि ये विस्फोट उस वक्त हुए, जब आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) सेवाएं शुरू ही हुई थीं। उन्होंने बताया कि 15 से 20 मिनट के भीतर मरीजों समेत करीब 250 लोगों को अस्पताल के कर्मचारियों और अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि ओपीडी सेवाओं को फिलहाल पुराने भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। राव ने कहा कि घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, हालांकि चिकित्सकों के चार कक्ष, कैफेटेरिया और तीन लिफ्ट आग में क्षतिग्रस्त हो गए। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार लगभग 60 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

Fire in OPD

नौ मार्च को सीएम सुक्खू ने किया था उद्घाटन

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि नवनिर्मित भवन में अग्निशामक और अन्य उपकरण उपलब्ध थे। दमकल कर्मियों के आने से पहले, इन उपकरणों का उपयोग आग बुझाने के लिए किया गया। उन्होंने बताया कि लगभग 30.90 करोड़ रुपये की लागत से बने नये बहुमंजिला ओपीडी ब्लॉक का उद्घाटन गत नौ मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया था। इमारत में आपातकालीन इकाई, गहन देखभाल इकाई, विशेष वार्ड, आइसोलेशन वार्ड और फिजियोथैरेपी वार्ड के साथ-साथ कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन, एक्स-रे, नमूना संग्रह और पैथोलॉजी लैब की सुविधाएं हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।