Sanskrit : त्वद्भियेन्द्र पार्थिवानि विश्वाच्युता चिच्च्यावयन्ते रजांसि।
द्यावाक्षामा पर्वतासो वनानि विश्वं दृळ्हं भयते अज्मन्ना ते॥ ऋग्वेद ६-३१-२॥
Hindi : हे परमेश्वर! आपके डर से पृथ्वीलोक, द्युलोक, आदि जिनका अपने स्थान से हिलना भी कठिन है। वह भी आप की व्यवस्था के अनुसार क्रियाशील होते हैं। समस्त संसार प्रभु के शासन में ही चलता है। (ऋग्वेद ६-३१-२)
English : O God! Due to your fear, Prithviloka, Dulok, etc., which are difficult to move from their own place. They also move according to your system. The whole world runs under your rule. (Rig Veda 6-31-2)
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भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 12:00 PM
Sanskrit : त्वद्भियेन्द्र पार्थिवानि विश्वाच्युता चिच्च्यावयन्ते रजांसि।
द्यावाक्षामा पर्वतासो वनानि विश्वं दृळ्हं भयते अज्मन्ना ते॥ ऋग्वेद ६-३१-२॥
Hindi : हे परमेश्वर! आपके डर से पृथ्वीलोक, द्युलोक, आदि जिनका अपने स्थान से हिलना भी कठिन है। वह भी आप की व्यवस्था के अनुसार क्रियाशील होते हैं। समस्त संसार प्रभु के शासन में ही चलता है। (ऋग्वेद ६-३१-२)
English : O God! Due to your fear, Prithviloka, Dulok, etc., which are difficult to move from their own place. They also move according to your system. The whole world runs under your rule. (Rig Veda 6-31-2)
Sanskrit : त्वद्भियेन्द्र पार्थिवानि विश्वाच्युता चिच्च्यावयन्ते रजांसि।
द्यावाक्षामा पर्वतासो वनानि विश्वं दृळ्हं भयते अज्मन्ना ते॥ ऋग्वेद ६-३१-२॥
Hindi : हे परमेश्वर! आपके डर से पृथ्वीलोक, द्युलोक, आदि जिनका अपने स्थान से हिलना भी कठिन है। वह भी आप की व्यवस्था के अनुसार क्रियाशील होते हैं। समस्त संसार प्रभु के शासन में ही चलता है। (ऋग्वेद ६-३१-२)
English : O God! Due to your fear, Prithviloka, Dulok, etc., which are difficult to move from their own place. They also move according to your system. The whole world runs under your rule. (Rig Veda 6-31-2)
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चेतना मंच
29 Nov 2025 12:00 PM
Sanskrit : त्वद्भियेन्द्र पार्थिवानि विश्वाच्युता चिच्च्यावयन्ते रजांसि।
द्यावाक्षामा पर्वतासो वनानि विश्वं दृळ्हं भयते अज्मन्ना ते॥ ऋग्वेद ६-३१-२॥
Hindi : हे परमेश्वर! आपके डर से पृथ्वीलोक, द्युलोक, आदि जिनका अपने स्थान से हिलना भी कठिन है। वह भी आप की व्यवस्था के अनुसार क्रियाशील होते हैं। समस्त संसार प्रभु के शासन में ही चलता है। (ऋग्वेद ६-३१-२)
English : O God! Due to your fear, Prithviloka, Dulok, etc., which are difficult to move from their own place. They also move according to your system. The whole world runs under your rule. (Rig Veda 6-31-2)
Sanskrit : न ते अन्तः शवसो धाय्यस्य वि तु बाबधे रोदसी महित्वा।
आ ता सूरिः पृणति तूतुजानो यूथेवाप्सु समीजमान ऊती॥ ऋग्वेद ६-२९-५॥
Hindi : कोई भी परमेश्वर की महिमा के अंत तक नहीं पहुंच सकता। पृथ्वी और अंतरिक्ष भी परमेश्वर की महिमा का एक बहुत ही छोटा सा भाग है। जो परमेश्वर के संरक्षण में उपासक शीघ्रता से कार्य करता है। वह उसी प्रकार प्रसन्न होता है जैसे प्यासी गायों का झुंड जल के तालाब को देखकर होता है। (ऋग्वेद ६-२९-५)
English : No one can see the end of the glory of God. Earth and space are also a very small part of the glory of God. One who acts swiftly under the protection of God. He is as happy as a herd of thirsty cows becomes happy to see a pond of water. (Rig Veda 6-29-5)
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 02:07 AM
Sanskrit : न ते अन्तः शवसो धाय्यस्य वि तु बाबधे रोदसी महित्वा।
आ ता सूरिः पृणति तूतुजानो यूथेवाप्सु समीजमान ऊती॥ ऋग्वेद ६-२९-५॥
Hindi : कोई भी परमेश्वर की महिमा के अंत तक नहीं पहुंच सकता। पृथ्वी और अंतरिक्ष भी परमेश्वर की महिमा का एक बहुत ही छोटा सा भाग है। जो परमेश्वर के संरक्षण में उपासक शीघ्रता से कार्य करता है। वह उसी प्रकार प्रसन्न होता है जैसे प्यासी गायों का झुंड जल के तालाब को देखकर होता है। (ऋग्वेद ६-२९-५)
English : No one can see the end of the glory of God. Earth and space are also a very small part of the glory of God. One who acts swiftly under the protection of God. He is as happy as a herd of thirsty cows becomes happy to see a pond of water. (Rig Veda 6-29-5)