National News: भारी भुस्खलन से टूटा 10 गांवों का संपर्क




Reliance Industries : उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत के खुदरा क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कवायद के तहत जर्मनी की कंपनी मेट्रो एजी के भारत में थोक परिचालन का 2,850 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की अनुषंगी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के 2,850 करोड़ रुपये में अधिग्रहण के लिए आज एक पक्का समझौता किया है।’’
रिलायंस के देश में 16,600 से अधिक स्टोर हैं और एक मजबूत थोक कारोबार कंपनी के अधिग्रहण से देश में इसकी स्थिति और मजबूत हो सकेगी।मेट्रो ने भारत में 2003 में परिचालन शुरू किया था। इसके 21 शहरों में 31 बड़े स्टोर हैं और 3,500 कर्मचारी उसके साथ काम करते हैं। इसके स्टोर फल, सब्जियां, किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू उपयोग की वस्तुओं और कपड़ों की होटल और रेस्तरां जैसे कारोबारी ग्राहकों, कार्यालयों, कंपनियों, छोटे खुदरा व्यापारियों और किराना दुकानदारों को बिक्री करते हैं। इनमें से उसके आधे से ज्यादा स्टोर दक्षिण भारत में स्थित हैं। मॉर्गन स्टेनली ने कहा, ‘‘रिलायंस बीते कुछ वर्षों में देश में बड़े किराना स्टोर परिवेश पर ध्यान दे रही है और मेट्रो के थोक व्यापार का अधिग्रहण एक सकारात्मक कदम है।’’ इस अधिग्रहण से रिलायंस रिटेल को कई अहम शहरों में मौके की जगहों पर स्थित 31 बड़े आकार के मेट्रो इंडिया स्टोर्स तक पहुंच मिल जाएगी। इसके अलावा वह बड़ी संख्या में पंजीकृत किराना एवं अन्य संस्थागत ग्राहकों और आपूर्ति के मजबूत नेटवर्क से भी जुड़ जाएगी। बयान में कहा गया कि यह सौदा मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। आरआरवीएल की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा, ‘‘यह अधिग्रहण, छोटे व्यापारियों और उद्यमों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग के जरिये साझा समृद्धि का अनोखा मॉडल बनाने की हमारी नई वाणिज्यिक रणनीति के अनुरूप है।’’ मेट्रो एजी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) स्टेफन ग्रुबेल ने कहा, ‘‘मेट्रो इंडिया में हम बहुत ही गतिशील बाजार में बढ़ता हुआ एवं लाभदायक थोक व्यापार कर रहे हैं। हमें भरोसा है कि रिलायंस के रूप में हमने एक उपयुक्त साझेदार पाया है जो भविष्य में इस बाजार परिदृश्य में मेट्रो इंडिया का नेतृत्व सफलतापूर्वक करने में सक्षम है।’’ भारत के खुदरा बाजार का आकार 60 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से 60 प्रतिशत खानपान की वस्तुओं और किराना का है। पूरे खुदरा बाजार में संगठित खुदरा की हिस्सेदारी करीब 12 प्रतिशत होने का अनुमान है। संगठित खाद्य एवं किराना कारोबार के बाजार में रिलायंस की मौजूदा हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है।
Reliance Industries : उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत के खुदरा क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कवायद के तहत जर्मनी की कंपनी मेट्रो एजी के भारत में थोक परिचालन का 2,850 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की अनुषंगी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के 2,850 करोड़ रुपये में अधिग्रहण के लिए आज एक पक्का समझौता किया है।’’
रिलायंस के देश में 16,600 से अधिक स्टोर हैं और एक मजबूत थोक कारोबार कंपनी के अधिग्रहण से देश में इसकी स्थिति और मजबूत हो सकेगी।मेट्रो ने भारत में 2003 में परिचालन शुरू किया था। इसके 21 शहरों में 31 बड़े स्टोर हैं और 3,500 कर्मचारी उसके साथ काम करते हैं। इसके स्टोर फल, सब्जियां, किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू उपयोग की वस्तुओं और कपड़ों की होटल और रेस्तरां जैसे कारोबारी ग्राहकों, कार्यालयों, कंपनियों, छोटे खुदरा व्यापारियों और किराना दुकानदारों को बिक्री करते हैं। इनमें से उसके आधे से ज्यादा स्टोर दक्षिण भारत में स्थित हैं। मॉर्गन स्टेनली ने कहा, ‘‘रिलायंस बीते कुछ वर्षों में देश में बड़े किराना स्टोर परिवेश पर ध्यान दे रही है और मेट्रो के थोक व्यापार का अधिग्रहण एक सकारात्मक कदम है।’’ इस अधिग्रहण से रिलायंस रिटेल को कई अहम शहरों में मौके की जगहों पर स्थित 31 बड़े आकार के मेट्रो इंडिया स्टोर्स तक पहुंच मिल जाएगी। इसके अलावा वह बड़ी संख्या में पंजीकृत किराना एवं अन्य संस्थागत ग्राहकों और आपूर्ति के मजबूत नेटवर्क से भी जुड़ जाएगी। बयान में कहा गया कि यह सौदा मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। आरआरवीएल की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा, ‘‘यह अधिग्रहण, छोटे व्यापारियों और उद्यमों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग के जरिये साझा समृद्धि का अनोखा मॉडल बनाने की हमारी नई वाणिज्यिक रणनीति के अनुरूप है।’’ मेट्रो एजी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) स्टेफन ग्रुबेल ने कहा, ‘‘मेट्रो इंडिया में हम बहुत ही गतिशील बाजार में बढ़ता हुआ एवं लाभदायक थोक व्यापार कर रहे हैं। हमें भरोसा है कि रिलायंस के रूप में हमने एक उपयुक्त साझेदार पाया है जो भविष्य में इस बाजार परिदृश्य में मेट्रो इंडिया का नेतृत्व सफलतापूर्वक करने में सक्षम है।’’ भारत के खुदरा बाजार का आकार 60 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से 60 प्रतिशत खानपान की वस्तुओं और किराना का है। पूरे खुदरा बाजार में संगठित खुदरा की हिस्सेदारी करीब 12 प्रतिशत होने का अनुमान है। संगठित खाद्य एवं किराना कारोबार के बाजार में रिलायंस की मौजूदा हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है।

Maharashtra News : भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी रश्मि शुक्ला के कथित फोन टैपिंग मामले को लेकर सदन में चर्चा की इजाजत नहीं मिलने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने महाराष्ट्र विधानसभा से वॉकआउट किया। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस सदस्य नाना पटोले ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि वह उन नेताओं में शामिल थे जिनके फोन कथित रूप से टैप किए गए।
सबूत के अभावा का हवाला देते हुए पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने बाद पुणे की एक अदालत ने स्थानीय पुलिस को शुक्ला के खिलाफ कथित फोन टैपिंग मामले में जांच का निर्देश दिया है। भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 26 के तहत फरवरी 2022 में पुणे में बंड गार्डन पुलिस थाने में शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था तब महाराष्ट्र में शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की सरकार थी। टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 26 ‘‘संदेशों के अवैध रूप से अवरोधन’ का उल्लेख है। अधिकारी के खिलाफ मुंबई की कोलाबा पुलिस ने अन्य मामला दर्ज किया। पटोले ने पूछा कि आखिर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की क्या आवश्यकता थी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निशाना बनाया जिनके पास इस वक्त गृह विभाग का प्रभार है। उन्होंने दावा किया कि यह मामला ऐसा है जो सदन के सदस्य के रूप में उनके अधिकार का उल्लंघन करता है। पटोले ने इस मामले पर चर्चा की भी मांग की। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि पटोले ने समय सीमा के बाद चर्चा के लिए नोटिस दिया था और वह इस मुद्दे को सदन की विशेषाधिकार समिति के समक्ष उठा सकते हैं। हालांकि विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि रश्मि शुक्ला मामले की जांच तब रोक दी गई थी जब विपक्ष के नेताओं सहित कई नेताओं के फोन टैप किए गए थे, जो कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम का उल्लंघन था। बहरहाल नार्वेकर ने कहा कि प्रश्नकाल जारी है जबकि विपक्ष फोन टैपिंग मामले में चर्चा पर जोर दे रहा है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विरोध में सदन से वॉकआउट किया।
Maharashtra News : भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी रश्मि शुक्ला के कथित फोन टैपिंग मामले को लेकर सदन में चर्चा की इजाजत नहीं मिलने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने महाराष्ट्र विधानसभा से वॉकआउट किया। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस सदस्य नाना पटोले ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि वह उन नेताओं में शामिल थे जिनके फोन कथित रूप से टैप किए गए।
सबूत के अभावा का हवाला देते हुए पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने बाद पुणे की एक अदालत ने स्थानीय पुलिस को शुक्ला के खिलाफ कथित फोन टैपिंग मामले में जांच का निर्देश दिया है। भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 26 के तहत फरवरी 2022 में पुणे में बंड गार्डन पुलिस थाने में शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था तब महाराष्ट्र में शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की सरकार थी। टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 26 ‘‘संदेशों के अवैध रूप से अवरोधन’ का उल्लेख है। अधिकारी के खिलाफ मुंबई की कोलाबा पुलिस ने अन्य मामला दर्ज किया। पटोले ने पूछा कि आखिर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की क्या आवश्यकता थी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निशाना बनाया जिनके पास इस वक्त गृह विभाग का प्रभार है। उन्होंने दावा किया कि यह मामला ऐसा है जो सदन के सदस्य के रूप में उनके अधिकार का उल्लंघन करता है। पटोले ने इस मामले पर चर्चा की भी मांग की। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि पटोले ने समय सीमा के बाद चर्चा के लिए नोटिस दिया था और वह इस मुद्दे को सदन की विशेषाधिकार समिति के समक्ष उठा सकते हैं। हालांकि विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि रश्मि शुक्ला मामले की जांच तब रोक दी गई थी जब विपक्ष के नेताओं सहित कई नेताओं के फोन टैप किए गए थे, जो कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम का उल्लंघन था। बहरहाल नार्वेकर ने कहा कि प्रश्नकाल जारी है जबकि विपक्ष फोन टैपिंग मामले में चर्चा पर जोर दे रहा है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विरोध में सदन से वॉकआउट किया।