पहली बार कब और कहां जलाया गया था रावण का पुतला? पढ़ें दिलचस्प जानकारी

पहली बार कब और कहां जलाया गया था रावण का पुतला? पढ़ें दिलचस्प जानकारी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Oct 2025 12:56 PM
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विजयदशमी यानी दशहरा, भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्वों में से एक है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। हर साल दशहरा के दिन देशभर में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाकर लोग यह संदेश देते हैं कि सत्य और न्याय की अंततः जीत होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रावण दहन की यह परंपरा कब और कहां से शुरू हुई थी? आइए जानते हैं इस दिलचस्प परंपरा का इतिहास। First Ravan Dahan History 

रावण दहन की शुरुआत कब और कहां हुई?

हालांकि रावण दहन की परंपरा को लेकर कोई प्रामाणिक ऐतिहासिक तिथि नहीं मिलती लेकिन उपलब्ध जानकारियों के अनुसार, भारत में पहली बार रावण का पुतला वर्ष 1948 में रांची में जलाया गया था। बताया जाता है कि यह आयोजन पाकिस्तान से आए शरणार्थियों द्वारा किया गया था जो उस समय के माहौल में सांस्कृतिक जुड़ाव और धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गया। इसके कुछ वर्षों बाद, दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पहली बार रावण दहन 17 अक्टूबर 1953 को हुआ जो आज देश के सबसे बड़े दशहरा आयोजनों में से एक माना जाता है।

दशहरा को ‘विजयदशमी’ क्यों कहते हैं?

दशहरा को ‘विजयदशमी’ कहा जाता है क्योंकि यह अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से जुड़े दो प्रमुख धार्मिक प्रसंग हैं। भगवान श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध किया था यह सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक है। मां दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर का वध कर दुष्टता का अंत किया था नवरात्रि की समाप्ति पर यह विजय का पर्व बन गया। इसलिए इस दिन को विजय की दसवीं तिथि यानी ‘विजयादशमी’ कहा जाता है।

रावण दहन का महत्व क्या है?

दशहरे पर रावण दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि यह सामाजिक और नैतिक संदेश का प्रतीक भी है। रावण के पुतले में अहंकार, लोभ, अन्याय और अधर्म का प्रतीकात्मक रूप होता है। जब उसका दहन होता है तो यह संदेश जाता है कि, "चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो अंत में जीत सच्चाई और अच्छाई की ही होती है।"

इस साल कब है दशहरा?

इस वर्ष दशहरा (विजयादशमी) 2 अक्टूबर 2025 बुधवार को मनाया जाएगा। देशभर में रामलीलाओं के मंचन के बाद रावण दहन के भव्य आयोजन होंगे। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करता है बल्कि सांस्कृतिक एकता और नैतिक मूल्यों की भी याद दिलाता है। First Ravan Dahan History 
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RSS का 'घुसपैठ विरोधी रोडमैप', PM मोदी ने क्यों कहा ये है सबसे बड़ी चुनौती?

RSS का 'घुसपैठ विरोधी रोडमैप', PM मोदी ने क्यों कहा ये है सबसे बड़ी चुनौती?
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userचेतना मंच
calendar02 Oct 2025 09:38 AM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर दिल्ली में आयोजित शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ की विचारधारा और राष्ट्रीय भूमिका पर विस्तार से बात की। इस मौके पर पीएम मोदी ने विशेष डाक टिकट और 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया। लेकिन इस समारोह में सबसे ज्यादा ध्यान खींचा प्रधानमंत्री के उस बयान ने जिसमें उन्होंने घुसपैठ और डेमोग्राफिक बदलाव जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए संघ के रोडमैप का जिक्र किया। PM Modi Speech 

डाक टिकट और सिक्के के जरिए 100 वर्ष की यात्रा का सम्मान

समारोह में जारी किए गए सिक्के की एक तरफ "सत्यमेव जयते" और "भारत-India" लिखा है जबकि दूसरी ओर भारत माता और संघ स्वयंसेवकों की आकृति उकेरी गई है, साथ में लिखा है “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष”। ये प्रतीक सिर्फ स्मृति चिन्ह नहीं बल्कि एक विचारधारा और राष्ट्र निर्माण के 100 साल का प्रतीक हैं।

राष्ट्र प्रथम ही संघ और स्वयंसेवकों का एकमात्र लक्ष्य-PM Modi

प्रधानमंत्री ने कहा कि, “संघ और स्वयंसेवकों का केवल एक ही लक्ष्य है राष्ट्र प्रथम।" उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत के सामने जो बड़ी चुनौतियां हैं चाहे वो घुसपैठ, डेमोग्राफिक बदलाव, या राष्ट्र की एकता पर प्रहार। सरकार उन पर तेजी से काम कर रही है और संघ भी एक ठोस रणनीति के साथ तैयार है।

घुसपैठियों के खिलाफ क्या है संघ का रोडमैप?

प्रधानमंत्री के बयान के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर संघ का रोडमैप है क्या? सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास देशभर में 1 करोड़ से अधिक कार्यकर्ता हैं, जो जिला, तालुका और गांव स्तर तक सक्रिय हैं। ये कार्यकर्ता न सिर्फ सामाजिक संगठनों के साथ जुड़े हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर घुसपैठ की पहचान करने में सहयोग भी कर सकते हैं। संघ पहले भी कह चुका है कि, देश में मजबूत घुसपैठ विरोधी नीति होनी चाहिए। सीमा सुरक्षा, जनसंख्या नियंत्रण, और नागरिकता कानून को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए। नागरिकों को जनसंख्या संतुलन और आंतरिक सुरक्षा के खतरों को लेकर जागरूक किया जाए।

पीएम मोदी की चेतावनी

पीएम मोदी ने कहा कि, “आज सामाजिक समानता पर सबसे बड़ा खतरा बदलती डेमोग्राफी से है। यह घुसपैठ से भी अधिक गंभीर चुनौती है।” उन्होंने यह भी कहा कि जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और चरमपंथी सोच ये सब मिलकर राष्ट्र की एकता को कमजोर करते हैं। इसी कारण उन्होंने लाल किले से डेमोग्राफिक मिशन की घोषणा की थी, ताकि आने वाले समय में देश इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार हो।

यह भी पढ़ें: राष्ट्र चेतना का अवतार है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ

संघ और सरकार की भूमिका

पीएम मोदी का यह बयान स्पष्ट करता है कि सरकार और संघ देश की आंतरिक सुरक्षा और जनसंख्या संतुलन जैसे मुद्दों पर एक जैसी चिंता और विजन रखते हैं। और अब जब प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक मंच पर संघ के घुसपैठ विरोधी रोडमैप का जिक्र किया है तो ये साफ है कि आने वाले समय में इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। PM Modi Speech 
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Gandhi Jayanti पर भेजें ये दिल छू लेने वाले Quotes और Wishes

Gandhi Jayanti पर भेजें ये दिल छू लेने वाले Quotes और Wishes
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userचेतना मंच
calendar02 Oct 2025 09:37 AM
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हर साल 2 अक्टूबर को देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की जयंती बड़े श्रद्धा भाव से मनाता है। यह दिन सिर्फ एक जन्मतिथि नहीं, बल्कि सत्य, अहिंसा, सादगी और सेवा जैसे मूल्यों की याद दिलाता है जिनके जरिए बापू ने भारत को आजादी दिलाई। गांधी जयंती 2025, जो इस बार 2 अक्टूबर, गुरुवार को पड़ रही है, न केवल बापू को श्रद्धांजलि देने का दिन है बल्कि उनके दिखाए रास्तों पर चलने का संकल्प लेने का भी अवसर है। Gandhi Jayanti Wishes 

बापू के विचारों से मिलती है जीवन की राह

महात्मा गांधी का जीवन बहुत साधारण था लेकिन उनके विचारों ने पूरी दुनिया को बदल दिया। सत्य और अहिंसा को उन्होंने केवल भाषणों में नहीं बल्कि अपने जीवन में जिया। आज जब दुनिया हिंसा, लालच और स्वार्थ से जूझ रही है तब बापू के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।

गांधी जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

गांधी जयंती के मौके पर आप अपने दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर इन सुंदर और प्रेरणादायक संदेशों के साथ बापू को श्रद्धांजलि दे सकते हैं। दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!   बापू ने लड़ी बिल्कुल अजब लड़ाई, ना तोप, ना तलवार, ना कोई लड़ाई। सिर्फ सत्य-अहिंसा का सहारा लिया, पूरे देश को एक सूत्र में पिरो दिया।   ऐनक पहने, लाठी पकड़े, चलते थे जो शान से, दुबले-पतले से थे बापू, लेकिन सीना तान के।   बस जीवन में ये याद रखना, सच और मेहनत का सदा साथ रखना। बापू तुम्हारे साथ हैं, हर बच्चे के पास हैं।   रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान।

महात्मा गांधी के अनमोल विचार

बापू के विचार आज भी हमें जीवन जीने की सही दिशा दिखाते हैं। कुछ प्रेरणादायक विचार यहां साझा कर रहे हैं। अहिंसा कायरता की आड़ नहीं, यह वीरता का प्रतीक है। पाप से घृणा करो, पापी से नहीं। धरती के संसाधन हमारी जरूरतें पूरी करने के लिए हैं, लालच के लिए नहीं। स्वयं को जानने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को औरों की सेवा में लगा देना। किसी देश की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां जानवरों के साथ कैसा व्यवहार होता है।

गांधी जयंती क्यों है महत्वपूर्ण?

2 अक्टूबर न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि बदलाव लाने के लिए हिंसा नहीं बल्कि सत्य, सेवा और संयम की जरूरत होती है। Gandhi Jayanti Wishes