Mission Surya / बेंगलुरु। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता के बाद अब इसरो मिशन सन लॉन्च करने के लिए तैयार है। सूर्य की खोजबीन के लिए इसरो द्वारा 2 सितंबर को आदित्य एल 1 (Aditya L1) लॉन्च किया जाएगा। यह भारत का पहला सन मिशन (Mission Surya) है।
Mission Surya
आदित्य एल 1 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल 1 करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर अपनी कक्षा में पहुंचेगा। इसमें 127 दिन लगेंगे। आदित्य-एल 1 को अत्यधिक अण्डाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यहां से यह सूर्य की जानकारी जुटाएगा। आदित्य-एल 1 सौर गतिविधि की निगरानी करेगा और सूर्य के बारे में हमारी समझ को बढ़ाएगा।
क्या है आदित्य-एल 1 मिशन ?
आदित्य-एल1 मिशन सूर्य के बारे में जानकारी जुटाने के लिए लॉन्च किया जाएगा। यह अंतरिक्ष यान विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) से लैस होगा। इसके इस्तेमाल से सूर्य की इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी की जाएगी। इसमें छह अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं, जिनसे सूर्य के विज्ञान का पता लगाया जाएगा। आदित्य-एल1 द्वारा सूर्य के क्रोमोस्फीयर और कोरोना का निरीक्षण किया जाएगा।
आदित्य-एल 1 के लिए बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) ने विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ तैयार किया है। इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे ने सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर बनाया है। आदित्य-एल 1 द्वारा सोलर विंड का अध्ययन किया जाएगा। इससे सूर्य से निकलने वाले फ्लेयर्स के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। आदित्य-एल 1 के कण डिटेक्टर और मैग्नेटोमीटर सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी जुटाएंगे।
Mission Surya
बता दें कि सूर्य की L1 कक्षा बेहद खास है। यहां से अंतरिक्ष यान द्वारा बिना किसी रुकावट के लगातार सूरज की खोजबीन की जाती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी काफी समय से सूर्य की खोजबीन के लिए मिशन चला रही है। यहां नासा का सौर और हेलिओस्फेरिक वेधशाला उपग्रह SOHO काम कर रहा है। Mission Surya
ग्रेटर नोएडा - नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।