Budget Session : संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से, कुल 27 बैठकें होंगी

Sansad
Parliament's budget session from January 31, there will be a total of 27 meetings
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:28 PM
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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। उस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन में कहा गया है कि सदस्यों को सूचित किया जाता है कि 17वीं लोकसभा का ग्यारहवां सत्र मंगलवार 31 जनवरी से शुरू होगा।

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Budget Session

संसद के बजट सत्र में 27 बैठकें होंगी और यह 6 अप्रैल तक चलेगा। सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक होगा। इसमें कहा गया है कि 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। लोकसभा एवं राज्यसभा के बुलेटिन के अनुसार, 31 जनवरी 2023 को राष्ट्रपति का अभिभाषण समाप्त होने के आधे घंटे बाद सरकारी कार्य के निष्पादन के लिये दोनों सदन की अलग अलग बैठक होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को सुबह 11 बजे आम बजट पेश करेंगी।

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Budget Session

बुलेटिन के अनुसार, इसके बाद सत्र के दौरान करीब एक महीने का अवकाश रहेगा, जिसमें विभिन्न स्थायी समितियां, मंत्रालयों/विभागों के अनुदान की मांगों पर विचार करेंगी और रिपोर्ट तैयार करेंगी। बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होगा और 6 अप्रैल तक चलेगा। इसमें कहा गया है कि जब तक अध्यक्ष कोई निर्देश न दें, तब तक लोकसभा की बैठकें दिन में पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 1 बजे और फिर 2 बजे से शाम 6 बजे तक होगी। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Agneepath Scheme : सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर साबित होगी अग्निपथ योजना : प्रधानमंत्री

Agnipath 1
Agneepath scheme will prove to be a game changer for the armed forces: Prime Minister
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:16 PM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना एक परिवर्तनकारी नीति है। यह सशस्त्र बलों को मजबूत करने एवं उन्हें भावी चुनौतियों के लिए तैयार करने में एक गेम चेंजर साबित होगी। प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं में भर्ती की अल्पकालिक योजना ‘अग्निपथ’ के पहले बैच के अग्निवीरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान यह बात कही।

Agneepath Scheme

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से (पीएमओ) जारी एक बयान के मुताबिक, मोदी ने अग्निवीरों को इस ‘पथ प्रदर्शक’ योजना में अग्रणी बनने के लिए बधाई दी और कहा कि यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि युवा अग्निवीर सशस्त्र बलों को अधिक युवा और ‘टेक सेवी’ (आधुनिक तकनीक व प्रौद्योगिकी के जानकार) बनाएंगे। मोदी ने कहा कि तकनीकी रूप से उन्नत सैनिक हमारे सशस्त्र बलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। युवाओं की वर्तमान पीढ़ी में विशेष रूप से यह क्षमता है। इसलिए अग्निवीर आने वाले समय में हमारे सशस्त्र बलों में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत नए जोश से भरा हुआ है। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास चल रहे हैं। 21वीं सदी में युद्ध लड़ने के बदलते तरीकों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान संपर्क रहित युद्ध के नए मोर्चों और साइबर युद्ध की चुनौतियों पर भी चर्चा की।

Agneepath Scheme

अग्निवीरों की क्षमता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी भावना सशस्त्र बलों की बहादुरी को दर्शाती है, जिसने हमेशा राष्ट्र के झंडे को ऊंचा रखा है। उन्होंने कहा कि इस अवसर के माध्यम से वे जो अनुभव प्राप्त करेंगे, वह जीवन के लिए गर्व का स्रोत होगा। युवाओं और अग्निवीरों की क्षमता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये अग्निवीर ही हैं, जो 21वीं सदी में राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना महिलाओं को और सशक्त बनाएगी। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कैसे महिला अग्निवीर नौसेना का गौरव बढ़ा रही हैं। वह तीनों बलों में महिला अग्निवीरों को देखने के लिए उत्सुक हैं। सियाचिन में तैनात महिला सैनिकों और आधुनिक लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिलाओं का उदाहरण देते हुए अग्निवीरों को बताया कि कैसे महिलाएं विभिन्न मोर्चों पर सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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सरकार ने पिछले साल 14 जून को तीनों सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) में सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। यह योजना चार साल की अवधि के लिये साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा देने का अवसर प्रदान करती है। वर्ष 2022 के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष की गई है। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया जाएगा। हालांकि चार साल के बाद प्रत्येक बैच के केवल 25 प्रतिशत जवानों को ही 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में रखा जाएगा। विपक्षी दलों ने इस कवायद की आलोचना की है, लेकिन सरकार ने कहा है कि यह सशस्त्र बलों को अधिक युवा बनाएगी और इसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में तैनाती मिलने से अग्निवीरों को विविध अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और इस दौरान उन्हें विभिन्न भाषाओं, विभिन्न संस्कृतियों और जीवन जीने के तरीकों के बारे में सीखने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम भावना और नेतृत्व कौशल को निखारने से उनके व्यक्तित्व में एक नया आयाम जुड़ेगा। उन्होंने अग्निवीरों को नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहने को प्रेरित किया और साथ ही साथ अपनी पसंद के क्षेत्रों में अपने कौशल को बेहतर बनाने पर काम करने का आह्वान किया। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Political News : मनरेगा बजट में बंगाल के साथ भेदभाव कर रही केंद्र सरकार : ममता

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ममता बनर्जी क्यों भड़कीं
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jan 2023 08:58 PM
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सागरदिघी (पश्चिम बंगाल)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मनरेगा कोष के वितरण को लेकर राज्य के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने दावा किया कि योजना के तहत केंद्र पर पश्चिम बंगाल का 6,000 करोड़ रुपये का बकाया है।

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बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल को मनरेगा कोष जारी नहीं कर रही है। उस पर हमारा 6,000 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि, भाजपा शासित राज्यों को 100 दिन की कार्य योजना के लिए कोष मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा कि मनरेगा कार्यान्वयन में अव्वल होने के बावजूद पश्चिम बंगाल को इस तरह के भेदभाव का सामना क्यों करना पड़ रहा है? हम बिना किसी केंद्रीय सहायता के योजना चला रहे हैं।

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विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए केंद्रीय दल के पश्चिम बंगाल के दौरे को लेकर बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें राज्य सरकार को "परेशान करने" के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता के घर में जुगनू घुस जाए तो भी केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल भेजी जाती है। किसी घटना को लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली या गुजरात ऐसी टीम क्यों नहीं भेजी जाती? केंद्र सरकार छोटी-छोटी बातों पर केंद्रीय टीम भेजकर पश्चिम बंगाल को परेशान कर रही है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida