Death Anniversary : पुण्यतिथि पर विशेष : दलित राजनीति के पुरोधा थे कांशीराम

Kanshiram
Special on death anniversary: Kanshi Ram was the leader of Dalit politics
locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 Oct 2022 05:54 PM
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उत्तर भारत में बदले हुई राजनीतिक परिदृश्य के लिए हम अक्सर मंडल युग की बात करते हैं, जिसके तहत पिछड़ा वर्ग अपने अधिकारों को लेकर पहली बार सचेत हुआ था। यही वक्त दलितों के भी राजनीतिक रूप से चेतनशील होने का था, हालांकि उन्हें हमेशा से भारत में आरक्षण मिला हुआ था। दलित राजनीति के सक्रिय होने का श्रेय बिना किसी संदेह कांशीराम को जाता है। व्यक्तिगत रूप से कांशीराम एक सादा जीवन जीते थे। इसमें कोई शक नहीं कि कांशीराम देश में दलित राजनीति के पुरोधा थे। बसपा के संस्थापक कांशीराम की आज 16वीं पुण्यतिथि है। 9 अक्टूबर 2006 को दिल्ली में उनका निधन हुआ था। बसपा अपने संस्थापक की पुण्यतिथि को परिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाती है। कांशीराम का जन्म पंजाब में हुआ था। उनके जन्म के बाद परिवार ने धर्म परिवर्तन कर लिया था। हिंदू से सिख धर्म अपना लिया था। वजह थी-दलित होना। सरकारी नौकरी लगी, लेकिन छोड़ दी। वजह थी-दलित होना।

Death Anniversary :

1964 में नौकरी छोड़ने के बाद वह दलितों के लिए काम करने लगे। उनके हक के लिए। उनके आत्मसम्मान के लिए। राजनीति से लेकर सरकारी नौकरी तक में उनको जगह दिलाने के लिए। उस समय नारा चलता था- वोट से लेंगे पीएम/सीएम, आरक्षण से एसपी/डीएम....। सिर्फ यही नहीं, 1981 ने दलित शोषित समाज संघर्ष समिति यानी डीएस-4 संगठन का गठन किया। जिस दिन गठन हुआ था उस दिन नारा दिया-ष्ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया छोड़, बाकी सब हैं डीएस-4। इन सबके इतर कांशीराम ने 1982 में ‘द चमचा एज’ नाम की एक किताब लिखी थी। इसमें उन्होंने उन दलित नेताओं की आलोचना की, जो कांग्रेस जैसी परंपरागत मुख्य धारा की पार्टी के लिए काम करते थे। आज हम आपको कांशीराम की वो कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने देश की राजनीति बदल दी।

Death Anniversary :

कांशीराम का जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले के खवासपुर गांव में हुआ था। वह छोटी जाति के थे। परिवार ने उनके जन्म के बाद धर्म परिवर्तन कर लिया। इस कारण उन्हें सामाजिक भेदभाव सामना नहीं करना पड़ा। ‘बहनजी’ नाम की किताब लिखने वाले अजय बोस बताते हैं, ‘सिख समाज में धर्म परिवर्तन करके शामिल हुए दलितों की वह हैसियत तो नहीं होती जो ऊंची जातियों की होती है, पर उन्हें हिन्दू समाज के दलितों की तरह लगातार अपमान और दमन का सामना नहीं करना पड़ता था।’ 1956 में कांशीराम ग्रेजुएट हो गए। उसी साल आरक्षित कोटे से केंद्रीय सरकार में नौकरी लग गई। 1958 में उनकी नौकरी पुणे के पास स्थित किरकी के डीआरडीओ में लग गई। यहां वह गोला-बारूद फैक्ट्री की लेबोरेट्री में असिस्टेंट के पद पर थे। यहां उनके साथ जातीय स्तर पर भेदभाव शुरू हो गया। कांशीराम यह बर्दाश्त नहीं कर सके और 1964 में नौकरी छोड़ दी। पुणे के बाकी इलाको में गए और देखा कि दलित जातियों का आर्थिक शोषण और सामाजिक दमन किया जा रहा है।

Death Anniversary :

कांशीराम देशभर के दलितों को एकजुट करना चाहते थे। युवाओं पर उनकी खास नजर थी। 14 अप्रैल 1973 को ऑल इंडिया बैकवर्ड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लॉइज फेडरेशन का गठन किया। इसे शॉर्ट में बामसेफ कहा गया। 1981 के अंत में इस संगठन को नया किया और नाम दिया दलित शोषित समाज संघर्ष समिति यानी डीएस-4, जिस दिन गठन हुआ, उस दिन नारा दिया, ‘ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया छोड़, बाकी सब हैं डीएस-4। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के संस्थापक कांशीराम भले ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तरह चिंतक और बुद्धिजीवी ना हों, लेकिन इस बारे में कई तर्क दिए जा सकते हैं कि कैसे अंबेडकर के बाद कांशीराम ही थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति और समाज में एक बड़ा परिवर्तन लाने वाले की भूमिका निभाई है। बेशक अंबेडकर ने एक शानदार संविधान के जरिए इस परिवर्तन का ब्लूप्रिंट पेश किया लेकिन ये कांशीराम ही थे, जिन्होंने इसे राजनीति के धरातल पर उतारा है।

Death Anniversary :

1984 में उन्होंने बीएसपी की स्थापना की। तब तक कांशीराम पूरी तरह से एक पूर्णकालिक राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता बन गए थे। उन्होंने तब कहा था कि अंबेडकर किताबें इकट्ठा करते थे, लेकिन मैं लोगों को इकट्ठा करता हूं। उन्होंने तब मौजूदा पार्टियों में दलितों की जगह की पड़ताल की और बाद में अपनी अलग पार्टी खड़ा करने की जरूरत महसूस की। वो एक चिंतक भी थे और जमीनी कार्यकर्ता भी। बहुत कम समय में बीएसपी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी एक अलग छाप छोड़ी। उत्तर भारत की राजनीति में गैर-ब्राह्मणवाद की शब्दावली बीएसपी ही प्रचलन में लाई, हालांकि मंडल दौर की पार्टियां भी सवर्ण जातियों के वर्चस्व के खिलाफ थीं। दक्षिण भारत में यह पहले से ही शुरू हो चुका था। कांशीराम का मानना था कि अपने हक के लिए लड़ना होगा, उसके लिए गिड़गिड़ाने से बात नहीं बनेगी। कांशीराम मायावती के मार्गदर्शक थे। मायावती ने कांशीराम की राजनीति को आगे बढ़ाया और बसपा को राजनीति में एक ताकत के रूप में खड़ा किया, लेकिन मायावती कांशीराम की तरह कभी भी एक राजनीतिक चिंतक नहीं रहीं। कांशीराम 2006 में मृत्यु से करीब तीन साल पहले से ही ‘एक्टिव’ नहीं थे।
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Weather Report : अभी यूपी, उत्तराखंड को भिगोते ही रहेंगे बादल

Rain 1
Clouds will continue to soak UP, Uttarakhand for now
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:53 AM
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New Delhi : नई दिल्ली। मानसून की विदाई के बाद बादलों के विरह के आंसू हैं, जो देश के 23 राज्यों को जमकर भिगो रहे हैं। दिल्ली एनसीआर, यूपी और उत्तराखंड के साथ देश के 23 राज्यों में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। भारत मौसम विभाग के मुताबिक आज 9 अक्टूबर को यूपी, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है। रविवार को यूपी, उत्तराखंड और तमिलनाडु में भारी बारिश को देखते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है। बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित 23 राज्यों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो रविवार को दिनभर बादल छाए रहेंगे। कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। महाराष्ट्र में अगले 3-4 दिनों तक अगल-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

Weather Report :

मौसम विभाग के मुताबिक 9 अक्टूबर 2022 को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान के कुछ हिस्से, गुजरात के कुछ हिस्से, महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, पुड्डुचेरी, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल व पूर्वोत्तर भारत के सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा में तेज हवा व गरज-चमक के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने इन 26 राज्यों में आरेंज व येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने रविवार को दिल्ली-एनसीआर में और बारिश की संभावना जताई है। दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में पिछले दो दिन से हो रही बारिश से मौसम में बदलाव तो आया ही है, इसके साथ ही लोगों को नई मुसीबतें भी झेलने पड़ रही हैं। कई हिस्सों में यातायात बाधित रहा। लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ा। जबकि कई इलाकों में जलभराव से मुसीबत बढ़ी। दिल्ली में रविवार को भी भारी बारिश के आसार हैं। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ने एक एडवाइजरी भी जारी की है।

Weather Report :

उत्तर प्रदेश के मौसम की बात करें तो मानसून के जाते-जाते कई जिलों में तेज बारिश हो रही है। पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं। इसके कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनीं हुई है। मौसम विभाग ने पश्चिम यूपी के अधिकांश जिलों में रविवार को तेज बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को बहराइच, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़, फैजाबाद, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद व रामपुर सहित कई जिलों में भारी बारिश होगी। मौसम विभाग की ओर उत्तराखंड में रविवार को भारी बारिश ( न्जजंतंाींदक त्ंपद ।समतज )का अलर्ट जारी की गई है। कुमाऊं और गढ़वाल के कई जिलों में आज भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कुमाऊं मंडल के जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है। जबकि 10 अक्टूबर सोमवार को पिथौरागढ़ बागेश्वर नैनीताल और चंपावत में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

Weather Report :

मौसम विभाग ने रविवार को राजस्थान के 25 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पिछले 24 घंटे में बांसवाड़ा, झालावाड़,बारां और उदयपुर जिले में जोरदार बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 3 दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश के आसार है। तेज बारिश के चलते चंबल और सहायक नदियां उफान पर हैं। चंबल के सभी बांधों का जलस्तर बढ़ गया है और बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। इसके कारण कई जिलों में बाढ़ के हालात बन सकते हैं। 9 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल और सिक्किम, 9 और 10 अक्टूबर को ओडिशा, बिहार को भारी बारिश हो सकती है। 9 से 11 अक्टूबर के दौरान आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में भारी बारिश हो सकती है। उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 9 और 10 अक्टूबर को बारिश हो सकती है। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 9 से 11 अक्टूबर को भारी बारिश का अनुमान है। 10 से 11 अक्टूबर को नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की आशंका है।

Weather Report :

वहीं, पहाड़ी राज्यों में सीजन की पहली बर्फबारी भी शुरु हो चुकी है। कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बाद तापमान में गिरावट आने के साथ ही ठंड का अहसास होने लगा है। अक्टूबर में बरसते बादलों के पीछे दो बड़े कारण बताये जा रहे हैं, एक तो बंगाल की खाड़ी में कम दबाव पैदा हुआ है, दूसरे मानसून की वापसी में देर हुई है। मुंबई में 13 अक्टूबर के बाद मानसून के विदा होने की उम्मीद है, तब तक मुंबई में बारिश की मुसीबत का खतरा बना हुआ है।
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Bharat Jodo Yatra: भाजपा-आरएसएस ने नहीं लड़ी स्वतंत्रता की लड़ाई : राहुल गांधी

Rahul gandhi
Politics News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:56 AM
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Bharat Jodo Yatra :वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जारी है। इसी के तहत राहुल गांधी ने शनिवार को भाजपा और आरएसएस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई नहीं लड़ी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं संघ और सावरकर आजादी की जंग में कहीं नहीं थे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरु ने देश को स्वतंत्र कराया है।

Bharat Jodo Yatra

भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मेरा विचार है कि इससे कहीं और कोई फर्क नहीं पड़ता कि नफरत फैलाने वाला शख्स कौन है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नफरत फैलाने वाले किस समुदाय से आते हैं, पर सच्चाई ये है कि नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र विरोधी कार्य है। इसलिए हम ऐसे लोगों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे।

राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयं संघ पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि 'मेरी समझ में आरएसएस अंग्रेजों की मदद कर रहा था और सावरकर को अंग्रेजों से वजीफा मिल रहा था। स्वतंत्रता संग्राम में भाजपा कहीं नहीं मिली। भाजपा ऐसे तथ्यों को छिपा नहीं सकती। कांग्रेस और उसके नेताओं ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी यही सच है।'

उन्होंने ने कहा कि, 'भाजपा देश को बांटने का काम कर रही है। यही वजह है कि हमें भारत जोड़ो यात्रा निकालनी पड़ी। ये मैं अकेला नहीं हूं जो इस यात्रा में शामिल हूं, हमारी इस यात्रा में लाखों लोग पैदल चल रहे हैं।'

Urfi Javed- उर्फी जावेद ने लांघी सारी सीमाएं, शेल से शरीर ढकते आई नजर