उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन आज, राजधानी लखनऊ में हलचल तेज
सूत्रों के मुताबिक वे दिल्ली से लखनऊ पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय जाएंगे। यानी आज की प्रक्रिया से ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए ‘कप्तान’ की तस्वीर काफी हद तक साफ होती नजर आ सकती है।

UP News : उत्तर प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष चयन की घड़ी अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है। शनिवार को नामांकन के साथ ही सियासी फोकस पूरी तरह राजधानी लखनऊ पर सिमट गया है। पार्टी कार्यालय से लेकर जुड़े कार्यक्रमों तक मंत्रियों, विधायकों और संगठन पदाधिकारियों की चहल-पहल तेज हो गई है। पार्टी के तय कैलेंडर के अनुसार रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल नए अध्यक्ष के नाम पर औपचारिक मुहर लगाएंगे। इस बीच संगठन के भीतर कई चेहरों को लेकर चर्चा जरूर है, लेकिन सबसे मजबूत चर्चा केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी के नाम की बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक वे दिल्ली से लखनऊ पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय जाएंगे। यानी आज की प्रक्रिया से ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए ‘कप्तान’ की तस्वीर काफी हद तक साफ होती नजर आ सकती है।
डिप्टी सीएम को बड़ी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष चयन की दो-दिवसीय प्रक्रिया को लेकर तैयारियों की कमान भी साफ-साफ तय कर दी है। शनिवार के नामांकन कार्यक्रम की व्यवस्था और समन्वय की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश महामंत्री संजय राय को सौंपी गई है, ताकि संगठनात्मक प्रक्रिया तय समय पर और अनुशासित तरीके से पूरी हो सके। वहीं रविवार को होने वाली औपचारिक घोषणा के लिए मंच डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में प्रस्तावित किया गया है। इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला संभालेंगे।
घोषणा को ‘मेगा इवेंट’ बनाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में संगठन की यह घोषणा अब सिर्फ एक नाम तय करने की प्रक्रिया नहीं रह गई है, बल्कि इसे पार्टी एक बड़े राजनीतिक संदेश और शक्ति-प्रदर्शन के रूप में पेश करने की तैयारी में जुटी है। शुक्रवार को लखनऊ में दिनभर बैठकों का सिलसिला चला, जिसमें प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक व्यवस्थाओं, मंच संचालन और प्रबंधन की पूरी रूपरेखा तय की गई। जिम्मेदारियां बांटकर कार्यक्रम को “मेगा इवेंट” बनाने की रणनीति पर काम हुआ। शुक्रवार शाम राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल तेज दिखी। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अगुआई में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय निर्देशों और चुनाव प्रक्रिया के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। चुनावी प्रक्रिया के तहत पार्टी ने मतदाता सूची जारी कर दी है—कुल 464 मतदाता तय किए गए हैं, जिनमें प्रदेश परिषद सदस्यों के साथ-साथ सांसद और विधायक भी शामिल हैं। पार्टी के नियमों के अनुसार विधानमंडल और संसद के उत्तर प्रदेश कोटे से तय अनुपात में नामों को मतदाता सूची में शामिल किया जाता है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में संगठन का ‘मैसेज’
उत्तर प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का चयन महज़ संगठनात्मक औपचारिकता नहीं, बल्कि सामाजिक-संगठनात्मक संतुलन और क्षेत्रीय संकेतों का बड़ा पैमाना माना जाता है। इस बार भी पार्टी के तेवर बता रहे हैं कि अध्यक्ष पद के जरिए यूपी में संगठन की नई दिशा और 2027 की सियासी तैयारी का संदेश साफ किया जाएगा। यही वजह है कि लखनऊ इन दिनों सिर्फ राजधानी नहीं, बल्कि राजनीति का “कंट्रोल रूम” बन गया है। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष चयन की घड़ी अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है। शनिवार को नामांकन के साथ ही सियासी फोकस पूरी तरह राजधानी लखनऊ पर सिमट गया है। पार्टी कार्यालय से लेकर जुड़े कार्यक्रमों तक मंत्रियों, विधायकों और संगठन पदाधिकारियों की चहल-पहल तेज हो गई है। पार्टी के तय कैलेंडर के अनुसार रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल नए अध्यक्ष के नाम पर औपचारिक मुहर लगाएंगे। इस बीच संगठन के भीतर कई चेहरों को लेकर चर्चा जरूर है, लेकिन सबसे मजबूत चर्चा केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी के नाम की बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक वे दिल्ली से लखनऊ पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय जाएंगे। यानी आज की प्रक्रिया से ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए ‘कप्तान’ की तस्वीर काफी हद तक साफ होती नजर आ सकती है।
डिप्टी सीएम को बड़ी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष चयन की दो-दिवसीय प्रक्रिया को लेकर तैयारियों की कमान भी साफ-साफ तय कर दी है। शनिवार के नामांकन कार्यक्रम की व्यवस्था और समन्वय की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश महामंत्री संजय राय को सौंपी गई है, ताकि संगठनात्मक प्रक्रिया तय समय पर और अनुशासित तरीके से पूरी हो सके। वहीं रविवार को होने वाली औपचारिक घोषणा के लिए मंच डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में प्रस्तावित किया गया है। इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला संभालेंगे।
घोषणा को ‘मेगा इवेंट’ बनाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में संगठन की यह घोषणा अब सिर्फ एक नाम तय करने की प्रक्रिया नहीं रह गई है, बल्कि इसे पार्टी एक बड़े राजनीतिक संदेश और शक्ति-प्रदर्शन के रूप में पेश करने की तैयारी में जुटी है। शुक्रवार को लखनऊ में दिनभर बैठकों का सिलसिला चला, जिसमें प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक व्यवस्थाओं, मंच संचालन और प्रबंधन की पूरी रूपरेखा तय की गई। जिम्मेदारियां बांटकर कार्यक्रम को “मेगा इवेंट” बनाने की रणनीति पर काम हुआ। शुक्रवार शाम राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल तेज दिखी। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अगुआई में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय निर्देशों और चुनाव प्रक्रिया के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। चुनावी प्रक्रिया के तहत पार्टी ने मतदाता सूची जारी कर दी है—कुल 464 मतदाता तय किए गए हैं, जिनमें प्रदेश परिषद सदस्यों के साथ-साथ सांसद और विधायक भी शामिल हैं। पार्टी के नियमों के अनुसार विधानमंडल और संसद के उत्तर प्रदेश कोटे से तय अनुपात में नामों को मतदाता सूची में शामिल किया जाता है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में संगठन का ‘मैसेज’
उत्तर प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का चयन महज़ संगठनात्मक औपचारिकता नहीं, बल्कि सामाजिक-संगठनात्मक संतुलन और क्षेत्रीय संकेतों का बड़ा पैमाना माना जाता है। इस बार भी पार्टी के तेवर बता रहे हैं कि अध्यक्ष पद के जरिए यूपी में संगठन की नई दिशा और 2027 की सियासी तैयारी का संदेश साफ किया जाएगा। यही वजह है कि लखनऊ इन दिनों सिर्फ राजधानी नहीं, बल्कि राजनीति का “कंट्रोल रूम” बन गया है। UP News







