उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन आज, राजधानी लखनऊ में हलचल तेज

सूत्रों के मुताबिक वे दिल्ली से लखनऊ पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय जाएंगे। यानी आज की प्रक्रिया से ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए ‘कप्तान’ की तस्वीर काफी हद तक साफ होती नजर आ सकती है।

उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष तय आज के नामांकन से साफ होगी तस्वीर
उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष तय आज के नामांकन से साफ होगी तस्वीर
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar13 Dec 2025 10:16 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष चयन की घड़ी अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है। शनिवार को नामांकन के साथ ही सियासी फोकस पूरी तरह राजधानी लखनऊ पर सिमट गया है पार्टी कार्यालय से लेकर जुड़े कार्यक्रमों तक मंत्रियों, विधायकों और संगठन पदाधिकारियों की चहल-पहल तेज हो गई है। पार्टी के तय कैलेंडर के अनुसार रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल नए अध्यक्ष के नाम पर औपचारिक मुहर लगाएंगे। इस बीच संगठन के भीतर कई चेहरों को लेकर चर्चा जरूर है, लेकिन सबसे मजबूत चर्चा केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी के नाम की बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक वे दिल्ली से लखनऊ पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय जाएंगे यानी आज की प्रक्रिया से ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए ‘कप्तान’ की तस्वीर काफी हद तक साफ होती नजर आ सकती है।

डिप्टी सीएम को बड़ी जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष चयन की दो-दिवसीय प्रक्रिया को लेकर तैयारियों की कमान भी साफ-साफ तय कर दी है। शनिवार के नामांकन कार्यक्रम की व्यवस्था और समन्वय की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश महामंत्री संजय राय को सौंपी गई है, ताकि संगठनात्मक प्रक्रिया तय समय पर और अनुशासित तरीके से पूरी हो सके। वहीं रविवार को होने वाली औपचारिक घोषणा के लिए मंच डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में प्रस्तावित किया गया है। इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला संभालेंगे।

घोषणा को ‘मेगा इवेंट’ बनाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश में संगठन की यह घोषणा अब सिर्फ एक नाम तय करने की प्रक्रिया नहीं रह गई है, बल्कि इसे पार्टी एक बड़े राजनीतिक संदेश और शक्ति-प्रदर्शन के रूप में पेश करने की तैयारी में जुटी है। शुक्रवार को लखनऊ में दिनभर बैठकों का सिलसिला चला, जिसमें प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक व्यवस्थाओं, मंच संचालन और प्रबंधन की पूरी रूपरेखा तय की गई। जिम्मेदारियां बांटकर कार्यक्रम को “मेगा इवेंट” बनाने की रणनीति पर काम हुआ। शुक्रवार शाम राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल तेज दिखी। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अगुआई में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय निर्देशों और चुनाव प्रक्रिया के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। चुनावी प्रक्रिया के तहत पार्टी ने मतदाता सूची जारी कर दी है—कुल 464 मतदाता तय किए गए हैं, जिनमें प्रदेश परिषद सदस्यों के साथ-साथ सांसद और विधायक भी शामिल हैं। पार्टी के नियमों के अनुसार विधानमंडल और संसद के उत्तर प्रदेश कोटे से तय अनुपात में नामों को मतदाता सूची में शामिल किया जाता है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में संगठन का ‘मैसेज’

उत्तर प्रदेश भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का चयन महज़ संगठनात्मक औपचारिकता नहीं, बल्कि सामाजिक-संगठनात्मक संतुलन और क्षेत्रीय संकेतों का बड़ा पैमाना माना जाता है। इस बार भी पार्टी के तेवर बता रहे हैं कि अध्यक्ष पद के जरिए यूपी में संगठन की नई दिशा और 2027 की सियासी तैयारी का संदेश साफ किया जाएगा। यही वजह है कि लखनऊ इन दिनों सिर्फ राजधानी नहीं, बल्कि राजनीति का “कंट्रोल रूम” बन गया है। UP News

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उत्तर प्रदेश बीजेपी को आज मिल सकता है नया अध्यक्ष, नामांकन से साफ होगी तस्वीर

हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की रेस में केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा और पूर्व सांसद निरंजन रंजन ज्योति के नाम भी चर्चा में रहे हैं, लेकिन अंदरूनी संकेत यही हैं कि इनके नामांकन की संभावना फिलहाल कमजोर है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की सियासी फाइल में फोकस अभी भी पंकज चौधरी पर टिकता दिख रहा है।

उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष तय होने की दहलीज पर
उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष तय होने की दहलीज पर
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar13 Dec 2025 09:45 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश बीजेपी में लंबे समय से चल रहा प्रदेश अध्यक्ष का सस्पेंस शनिवार, 13 दिसंबर 2025 को खत्म होने की संभावना जताई जा रही है।संगठनात्मक चुनाव के तहत आज नामांकन होने हैं और इसी कागजी प्रक्रिया पर उत्तर प्रदेश की राजनीति की धड़कनें टिकी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे है और अगर उनके मुकाबले कोई दूसरा दावेदार नामांकन नहीं करता, तो दोपहर तक ही पार्टी के भीतर अनौपचारिक मुहर लगने की स्थिति बन सकती है। अंदरखाने यह चर्चा भी तेज है कि एकल नामांकन की सूरत में औपचारिक घोषणा भले बाद में हो, लेकिन आज ही तय हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान किसके हाथ जाएगी। संकेत यह भी हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पंकज चौधरी के प्रस्तावक बन सकते हैं, जिससे उत्तर प्रदेश संगठन में नेतृत्व बदलाव की पटकथा लगभग तैयार मानी जा रही है।

औपचारिक घोषणा रविवार को

सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा रविवार, 14 दिसंबर 2025 को लखनऊ में प्रस्तावित बड़े कार्यक्रम के दौरान की जा सकती है। इसी मंच से राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों से जुड़ी संगठनात्मक औपचारिकताएं भी पूरी होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने प्रक्रिया को “एक ही जगह, एक ही दिन” पूरा करने की रणनीति के तहत कई सांसदों को लखनऊ में ही रुकने का संदेश दिया है, ताकि उत्तर प्रदेश संगठन की तस्वीर बिना देरी साफ हो सके। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की रेस में केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा और पूर्व सांसद निरंजन रंजन ज्योति के नाम भी चर्चा में रहे हैं, लेकिन अंदरूनी संकेत यही हैं कि इनके नामांकन की संभावना फिलहाल कमजोर है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की सियासी फाइल में फोकस अभी भी पंकज चौधरी पर टिकता दिख रहा है।

यूपी की राजनीति में ओबीसी कार्ड

उत्तर प्रदेश बीजेपी में संगठन की कमान किसके हाथ जाएगी यह फैसला महज एक नियुक्ति भर नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी और 2024 के लोकसभा चुनाव से मिले सबक के संदर्भ में देखा जा रहा है। पार्टी के भीतर चल रहे आकलन के मुताबिक, इस बार प्रदेश अध्यक्ष के लिए ओबीसी नेतृत्व को आगे कर बीजेपी यूपी में सामाजिक संतुलन और नए सियासी संदेश की बुनियाद रखना चाहती है। इसी रणनीति के केंद्र में पंकज चौधरी का नाम बताया जा रहा है। कुर्मी समुदाय से आने वाले पंकज चौधरी को संगठन की नब्ज समझने वाला और चुनावी राजनीति में अनुभव-समृद्ध चेहरा माना जाता हैयही वजह है कि उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में उन्हें संभावित “कप्तान” के तौर पर सबसे मजबूत दावेदार बताया जा रहा है।

“पूर्वांचल फैक्टर” भी चर्चा में

अगर पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान मिलती है, तो चर्चा सिर्फ “नाम” तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि सियासी नजरें पूर्वांचल समीकरण पर भी टिक जाएंगी। वजह यह कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संभावित प्रदेश अध्यक्ष दोनों का जुड़ाव पूर्वांचल से बताया जा रहा है। ऐसे में एक तरफ पार्टी की रणनीति साफ झलकती है ओबीसी, खासकर कुर्मी वोट बैंक को साधकर यूपी की सामाजिक तस्वीर में मजबूती जोड़ना। वहीं दूसरी ओर, प्रदेश के पश्चिम, बुंदेलखंड और अवध जैसे क्षेत्रों में संगठनात्मक क्षेत्रीय संतुलन को लेकर सवाल उठने की गुंजाइश भी बनी रहती है। यानी फैसला आते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में “संदेश” भी जाएगा और “बहस” भी शुरू हो सकती है।

2024 की नाराजगी को साधने की कोशिश?

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक चर्चा लगातार तैरती रही कि कुछ क्षेत्रों में ओबीसी मतदाताओं, खासकर कुर्मी समाज, की नाराजगी के संकेत सामने आए। अब पार्टी संगठन के शीर्ष पद पर उसी सामाजिक पृष्ठभूमि से नेतृत्व आगे लाने की सुगबुगाहट को डैमेज कंट्रोल और री-कनेक्ट रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। संदेश साफ माना जा रहा है: बीजेपी यूपी में अपने कोर सामाजिक आधार को फिर से मजबूती से जोड़ना चाहती है—ताकि 2027 की लड़ाई से पहले नाराजगी की दरार भरकर संगठन को एक नई ऊर्जा दी जा सके। UP News



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मुज़फ़्फ़र रज़्मी की बेहतरीन शायरियां

रज़्मी की पंक्तियाँ सरल लगती हैं, लेकिन उनके भीतर समय, समाज और इंसान की मनोवृत्ति पर तीखा सवाल छिपा होता है—यही वजह है कि उनकी शायरी श्रोताओं के दिल में उतरकर देर तक याद रह जाती है।

रज़्मी की शायरी आज भी बोलती है
रज़्मी की शायरी आज भी बोलती है
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar12 Dec 2025 05:36 PM
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Muzaffar Razmi : मुज़फ़्फ़र रज़्मी (तख़ल्लुस: “रज़्मी”) उर्दू शायरी की उस परंपरा के अहम नाम रहे, जिनकी ग़ज़लें सिर्फ़ एहसास नहीं जगातीं—सोच को भी झकझोर देती हैं। उनकी पहचान सामाजिक सरोकारों, सियासी चेतना और तेज़ नज़रिए वाली शायरी से बनी, जिसकी गूंज मुशायरों के मंच पर भी खूब सुनाई देती रही। रज़्मी की पंक्तियाँ सरल लगती हैं, लेकिन उनके भीतर समय, समाज और इंसान की मनोवृत्ति पर तीखा सवाल छिपा होता है—यही वजह है कि उनकी शायरी श्रोताओं के दिल में उतरकर देर तक याद रह जाती है।

1 मुज़फ़्फ़र रज़्मी की मशहूर शायरी 

कोई सौग़ात-ए-वफ़ा दे के चला जाऊँगा

तुझ को जीने की अदा दे के चला जाऊँगा



2 मुज़फ़्फ़र रज़्मी की मशहूर शायरी 


ख़ुद पुकारेगी जो मंज़िल तो ठहर जाऊँगा

वर्ना ख़ुद्दार मुसाफ़िर हूँ गुज़र जाऊँगा


आँधियों का मुझे क्या ख़ौफ़ मैं पत्थर ठहरा

रेत का ढेर नहीं हूँ जो बिखर जाऊँगा



3 मुज़फ़्फ़र रज़्मी की मशहूर शायरी 

इस राज़ को क्या जानें साहिल के तमाशाई

हम डूब के समझे हैं दरिया तिरी गहराई


जाग ऐ मिरे हम-साया ख़्वाबों के तसलसुल से

दीवार से आँगन में अब धूप उतर आई


4 मुज़फ़्फ़र रज़्मी की मशहूर शायरी 


मुक़ाबले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं

ये वलवले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं


क़रीब आओ तो शायद समझ में आ जाए

कि फ़ासले तो ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ाते हैं


5 मुज़फ़्फ़र रज़्मी की मशहूर शायरी

हर एक शख़्स तिरी चाह के गुमान में था

न जाने कौन सा जादू तिरी ज़बान में था


बुलंदियों के सलीक़े सिखा दिए जिस ने

कहाँ गया वो परिंदा जो आसमान में था Muzaffar Razmi