Entertainment News : बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ ख़ान (Shahrukh Khan) के बारे में तो आप लोगों ने सुना ही होगा, जिन्हें अक्सर एस॰आर॰के॰ नाम से भी जाना जाता है। अक्सर मीडिया में इन्हें “बॉलीवुड का बादशाह”, “किंग ख़ान”, “रोमांस किंग” और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से भी बुलाया जाता है। वैसे तो आपने अब तक कई रोमांटिक फिल्में देखी होंगी, लेकिन एक फिल्म ऐसी है जिसके जैसी तो कोई फिल्म बन ही नहीं पाई। 22 साल बाद भी इसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है। ये फिल्म शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय की है, जिसने 2002 में बॉक्स ऑफिस हिलाकर रख दिया था। इंडियन सुपरस्टार शाहरुख खान के सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है ‘देवदास’ (Devdas)। इस फिल्म में शाहरुख की परफॉरमेंस लोगों के लिए आज भी यादगार है, लेकिन शाहरुख को लगता है कि उनकी परफॉरमेंस फिल्म में इतनी भी अच्छी भी नहीं थी।
शाहरुख खान की देवदास: एक इमोशनल सफर
शाहरुख खान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने फिल्म ‘देवदास’ करने का फैसला अपनी मां के प्यार और उनके सपनों के लिए किया। शाहरुख ने कहा कि जब उन्होंने यह फिल्म की, तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे उन्होंने अपनी मां को खुशी देने का एक कोशिश की। उनका यह इमोशनल अटेचेंमट उनके करियर के खास पलों में से एक रहा है। शाहरुख ने अपने परिवार की बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके सपने और उनकी इच्छाएं हमेशा उनके साथ रहीं। उन्होंने कहा, “मैंने सोचा कि अगर मैंने ऐसी बड़ी फिल्में कीं, तो वे स्वर्ग से उन्हें देख सकेंगे। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता था।” यह विचार उनके लिए प्रेरणा बना, और उन्होंने अपनी पूरी मेहनत से ‘देवदास’ फिल्म में काम किया।
भंसाली की डायरेक्शन
शाहरुख ने संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भंसाली की फिल्म निर्माण शैली उन्हें आकर्षित करती है। खासकर, ‘देवदास’ की स्क्रिप्ट सुनने के दौरान उन्हें बहुत आनंद आया। शाहरुख ने कहा, “भंसाली की फिल्में हमेशा एक बड़े एक्सपीरियेंस के साथ आती हैं।” वे एक ऐसे डायरेक्टर हैं जो अपनी फिल्मों में गहराई और भावनाओं को बहुत अच्छे से पेश करते हैं। शाहरुख को यह बात बेहद पसंद आई।
अपनी परफॉर्मेंस पर नहीं था कॉन्फिडेंस
जब बात उनकी एक्टिंग की हुई, तो शाहरुख ने खुद को आंका। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैंने ‘देवदास’ में उतनी बेहतरीन परफॉर्मेंस नहीं दी।” उन्होंने दिलीप कुमार, के एल सहगल और उत्तम कुमार जैसे महान कलाकारों का उल्लेख किया, जिन्होंने इस किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाया है। शाहरुख ने अपने किरदार के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने देवदास को एक ‘लूजर’ के रूप में नहीं दिखाना चाहा। बल्कि, उन्होंने इस किरदार को ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया जो प्यार में कमिटमेंट नहीं कर पाता। शाहरुख ने कहा, “मैं नहीं चाहता था कि दर्शक उससे नफरत करें, लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता था कि वे उसे सिर्फ इसलिए पसंद करें कि वह शराब पीता है।”
शाहरुख ने कहा- मैं नर्वस था… Entertainment News
शाहरुख ने स्वीकार किया कि जब उन्होंने ‘देवदास’ फिल्म की, तब वे बहुत युवा थे और उस किरदार की जटिलता को समझना उनके लिए मुश्किल था। उन्होंने कहा, “मैं नर्वस था, क्योंकि यह एक गंभीर और संवेदनशील रोल था।” उनके लिए यह रोल चुनौती से भरा था कि वे इस किरदार की भावनाओं को सही तरीके से दर्शा सकें।
इस तरह, शाहरुख खान की ‘देवदास’ केवल एक फिल्म नहीं है। यह उनके माता-पिता के लिए उनके प्रेम और समर्पण की कहानी है। यह उनके करियर में एक अहम मोड़ था। जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं को बड़े पर्दे पर उतारा। शाहरुख का यह सफर न केवल उनके लिए, बल्कि उनके प्रशंसकों के लिए भी एक प्रेरणा बना है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि प्यार और परिवार का महत्व हमेशा हमारे जीवन में सबसे ऊपर रहता है। Entertainment News
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