25 जुलाई से शुरू होगी IRCTC की अनोखी रामायण यात्रा: 17 दिन में भगवान श्रीराम के 15 से ज्यादा पवित्र स्थलों के दर्शन

Picsart 25 07 15 16 36 21 018
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:40 AM
bookmark
25 जुलाई से शुरू होगी भक्ति से भरी रेल यात्रा: भारतीय रेलवे और IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) मिलकर 25 जुलाई 2025 से एक विशेष 'रामायण यात्रा ट्रेन' शुरू करने जा रहे हैं। यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले उन स्थलों पर ले जाएगी जो भगवान श्रीराम के जीवन और रामायण काल से जुड़े हुए हैं। ये यात्रा कुल 17 दिन और 16 रातों की होगी, जो दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और भारत के विभिन्न राज्यों होते हुए दक्षिण के रामेश्वरम तक पहुंचेगी। यात्रा के दौरान यात्रियों को पूरी तरह शाकाहारी भोजन और आवास की सुविधा भी दी जाएगी।

किन-किन स्थानों पर होंगे दर्शन?

रामायण यात्रा ट्रेन अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट, जनकपुर (नेपाल), सीतामढ़ी, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम जैसे पवित्र स्थलों से होकर गुजरेगी। इन सभी स्थानों का श्रीराम के जीवन में विशेष महत्व है।

यात्रा में शामिल प्रमुख तीर्थ स्थल:

अयोध्या: राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी, राम की पैड़ी नंदीग्राम: भरत-हनुमान मंदिर, भरत कुंड जनकपुर (नेपाल): राम जानकी मंदिर, धनुष धाम, परशुराम कुंड सीतामढ़ी (बिहार): जानकी मंदिर, पुनौरा धाम बक्सर: राम रेखा घाट, रामेश्वरनाथ मंदिर वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, संकट मोचन मंदिर, गंगा आरती प्रयागराज: त्रिवेणी संगम, हनुमान मंदिर, भारद्वाज आश्रम चित्रकूट: गुप्त गोदावरी, राम घाट, सती अनुसूया मंदिर श्रृंगवेरपुर: श्रृंग ऋषि मंदिर नासिक: पंचवटी, त्रयंबकेश्वर मंदिर, सीता गुफा, कालाराम मंदिर हम्पी: अंजनाद्री पहाड़ी, विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर रामेश्वरम: रामनाथस्वामी मंदिर, धनुषकोडी

क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?

इस यात्रा में यात्रियों को प्रतिदिन चाय, नाश्ता, दोपहर और रात का शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा। इसके अलावा ट्रेनों में रहने और स्नान आदि की समुचित व्यवस्था भी की गई है। यात्रा को आरामदायक और भक्तिमय बनाने के लिए IRCTC ने हर सुविधा का ध्यान रखा है।

किसके लिए है यह यात्रा?

यह यात्रा खास तौर पर उन श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों के लिए है जो भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े स्थलों को एक ही यात्रा में देखना चाहते हैं। IRCTC की यह योजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है।

यात्रा बुकिंग और जानकारी

IRCTC की वेबसाइट और अधिकृत एजेंट्स के माध्यम से इस यात्रा के लिए बुकिंग की जा सकती है। सीटें सीमित हैं, इसलिए इच्छुक यात्रियों को जल्द ही रजिस्ट्रेशन करवाने की सलाह दी जाती है। मर्यादा के दायरे में हो अभिव्यक्ति : सोशल मीडिया कंटेंट पर SC सख्त
अगली खबर पढ़ें

सात बहनों का जादू, क्यों है नार्थ ईस्ट ट्रेवलर्स की पहली पसंद?

सात बहनों का जादू, क्यों है नार्थ ईस्ट ट्रेवलर्स की पहली पसंद?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jul 2025 12:08 PM
bookmark
North East :  उत्तर पूर्व भारत जिसे हम "सात बहनों" के नाम से जानते हैं। नार्थ ईस्ट अब तक भारत का सबसे कम खोजा गया लेकिन सबसे समृद्ध इलाका है। 2025 में अगर आप एक ऐसा डेस्टिनेशन ढूंढ रहे हैं जहां प्रकृति, संस्कृति और एडवेंचर, सब कुछ हो तो भारत के इस क्षेत्र नार्थ ईस्ट से बेहतर कोई विकल्प नहीं। तो आइए जानते हैं क्यों नार्थ ईस्ट आपकी 2025 की ट्रैवल बकेट लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए।

प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना

मेघालय की गुफाएं, अरुणाचल के बर्फ से ढके पहाड़, मिज़ोरम की घाटियाँ और नागालैंड के घने जंगल। उत्तर पूर्व भारत हर प्रकृति प्रेमी का सपना है। यहाँ की हरियाली और ताजगी आपको एक नई ऊर्जा से भर देगी।

भीड़-भाड़ से दूर, शांति से भरपूर

अगर आप हिमाचल प्रदेश या उत्तराखंड जैसे मशहूर पर्यटन स्थलों की भीड़ से परेशान हो चुके हैं तो नॉर्थ ईस्ट एक ताज़ा हवा की तरह है। यहाँ आपको मिलेगा सुकून, शांति और एकदम नया अनुभव।

लोक संस्कृति और त्योहारों की विविधता

बिहू (असम), होर्नबिल फेस्टिवल (नागालैंड), माउंटेन बाइकर फेस्ट (मिज़ोरम) हर राज्य की अपनी अनोखी परंपराएं हैं जो आपको भारत की विविधता से रूबरू कराती हैं। त्योहारों के साथ साथ यहाँ का खाना भी स्वाद, सेहत और संस्कृति तीनों का मिश्रण है। मोमोज़, थुपका, असम की फिश करी, मणिपुरी इरम्बा—हर राज्य के पास है अपनी खासियत।

साहसिक गतिविधियों का रोमांच

ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग, माउंटेन बाइकिंग और कैम्पिंग। अभी तक आपने जो नहीं किया वो सब यहां संभव है। खासकर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में ट्रैकिंग के अनोखे ट्रेल्स हैं।

लोकल लोगों की सादगी और मेहमाननवाज़ी

नॉर्थ ईस्ट के लोग बहुत सीधे, मददगार और मेहमाननवाज़ होते हैं। उनका मुस्कुराता चेहरा और गर्मजोशी भरा व्यवहार आपके सफर को यादगार बना देगा।

वल्र्ड के सबसे अनोखे ब्रिज—"लिविंग रूट ब्रिज"

मेघालय में जड़ से बने हुए जीवित पुल (लिविंग रूट ब्रिज) दुनियाभर में अपनी तरह के अनोखे हैं। ये प्रकृति और इंसान के तालमेल का अद्भुत उदाहरण हैं।

सफर में एक नया नजरिया

उत्तर पूर्व की यात्रा केवल ट्रैवल नहीं, अपने आप से बेहतर तरीके से मिलने का सफर है। यहाँ की परंपराएं, जीवनशैली और लोग आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे कि असली भारत क्या है।

2025: उत्तर पूर्व को जानने का सही समय

केंद्र सरकार और पर्यटन विभाग अब इस क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए सक्रिय हैं। नई सडक़ें, बेहतर उड़ानें और गाइडेड टूर पैकेज इसे एक्सप्लोर करना पहले से कहीं आसान बना रहे हैं।

फोटोग्राफर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए जन्नत

अगर आप इंस्टाग्राम, यूट्यूब या ब्लॉगिंग के लिए ट्रैवल कंटेंट बनाते हैं, तो नॉर्थ ईस्ट की अनदेखी लोकेशंस, जनजातीय जीवन, और नयनाभिराम दृश्य आपके लिए खजाना साबित होंगे। अगर आप भी 2025 में अपनी ट्रैवल लिस्ट बना रहे हों तो नार्थ ईस्ट को केवल एक ऑप्शन ना समझें। इसे एक अनुभव मानें, एक एहसास जो आपको बदल कर रख देगा। भारत का यह हिस्सा अभी भी अनछुआ है लेकिन अब नहीं रहेगा। उससे पहले आप इसे एक्सप्लोर करें। North East : - रितिक मिश्रा
अगली खबर पढ़ें

महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी, केदारनाथ धाम के पट खुलने की तारीख आई सामने

Picsart 25 02 26 13 52 09 935
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Feb 2025 07:28 PM
bookmark
महाशिवरात्रि के पर्व पर शिवभक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उत्तराखंड राज्य में स्थित विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के पट खुलने की तारीख का ऐलान हो गया है। शिवभक्तों का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। इस वर्ष केदारनाथ धाम का पट 2 मई, शुक्रवार के दिन शिवभक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। महा शिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीथल ओम्कारेश्वर मंदिर ऊखिमठ में ये दिन निकाला गया है। वृष लग्न के शुभ मुहूर्त में 2 मई को सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे और इसके साथ ही चार धाम की यात्रा प्रारंभ हो जाएगी। गौरतलब है केदारनाथ ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और पंच केदार में प्रमुख है। प्रतिवर्ष शीतकाल में बर्फबारी के दौरान 6 महीने के लिए इसका कपाट बंद कर दिया जाता है और फिर ग्रीष्मकाल की शुरुआत में अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर इसे खोला जाता है।

केदारनाथ धाम: 28 अप्रैल को रवाना होगी गद्दी:

निर्धारित तिथि के अनुसार, 27 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में भैरव पूजा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद बाबा केदार की डोली धाम के लिए रवाना होगी। बाबा केदार की डोली 28 अप्रैल को गुप्तकाशी, 29 को फाटा, और फिर 30 को गौरीकुंड होते हुए 1 मई को डोली केदारनाथ पहुंचेगी। इसके पश्चात 2 मई को सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। इस वर्ष चार धाम की यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी। 30 अप्रैल अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री, यमुनोत्री के पट खोले जाएंगे। इसके बाद 2 में को केदारनाथ धाम के और फिर 4 में को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।

केदारनाथ धाम यात्रा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

जो भी भक्तगण चार धाम यात्रा करना चाहते हैं वह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। नोएडा में ऊँ नम: शिवाय के जयघोष से गूंज उठे शिवालय