अंकिता हत्याकांड में कोर्ट का बड़ा फैसला, तीनो दोषी जेल में सड़ेंगे ताउम्र

Ankita Bhandari : उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को आख़िरकार न्याय मिल गया। पौड़ी गढ़वाल के बहुचर्चित और दिल दहला देने वाले हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। ये वही पुलकित आर्य है, जो तत्कालीन बीजेपी नेता विनोद आर्य का पुत्र है—मामला उजागर होते ही पार्टी ने विनोद आर्य से किनारा कर लिया था।
न्यायालय ने दिया स्पष्ट संदेश
न्यायालय ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने), 354A (यौन उत्पीड़न) तथा अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)d के तहत पुलकित आर्य को दोषी ठहराया है। वहीं, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, सबूत मिटाने और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई है। तीनों को आजीवन कारावास के साथ आर्थिक दंड भी भुगतना होगा। अदालत ने पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
दो साल आठ महीने की लंबी कानूनी लड़ाई
2022 में जब यह मामला सामने आया, तब राज्य से लेकर राजधानी तक जनाक्रोश की लहर दौड़ गई थी। अंकिता की गुमशुदगी से लेकर उसकी लाश के बरामद होने तक का हर पहलू राज्य की संवेदनशीलता और कानून-व्यवस्था पर सवाल बनकर खड़ा था। सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। जांच में जुटी टीम ने 500 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की। अभियोजन पक्ष ने 97 गवाहों की सूची दी, जिनमें से 47 प्रमुख गवाहों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
अंकिता की आखिरी शाम
19 वर्षीय अंकिता, यमकेश्वर ब्लॉक के श्रीकोट गांव की रहने वाली थी और वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थी। 18 सितंबर 2022 को वह रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई। 24 सितंबर को उसका शव ऋषिकेश के समीप चीला पावर हाउस की नहर से बरामद किया गया। जांच में सामने आया कि पुलकित आर्य ने अंकिता पर किसी वीआईपी मेहमान को ‘विशेष सेवा’ देने का दबाव बनाया था। अंकिता ने इस अवैध मांग का विरोध किया, जो उसकी जान पर भारी पड़ा। पुलकित ने अपने सहयोगियों सौरभ और अंकित के साथ मिलकर उसे चीला नहर में धक्का दे दिया। Ankita Bhandari
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न्यायालय ने दिया स्पष्ट संदेश
न्यायालय ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने), 354A (यौन उत्पीड़न) तथा अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)d के तहत पुलकित आर्य को दोषी ठहराया है। वहीं, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, सबूत मिटाने और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई है। तीनों को आजीवन कारावास के साथ आर्थिक दंड भी भुगतना होगा। अदालत ने पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
दो साल आठ महीने की लंबी कानूनी लड़ाई
2022 में जब यह मामला सामने आया, तब राज्य से लेकर राजधानी तक जनाक्रोश की लहर दौड़ गई थी। अंकिता की गुमशुदगी से लेकर उसकी लाश के बरामद होने तक का हर पहलू राज्य की संवेदनशीलता और कानून-व्यवस्था पर सवाल बनकर खड़ा था। सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। जांच में जुटी टीम ने 500 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की। अभियोजन पक्ष ने 97 गवाहों की सूची दी, जिनमें से 47 प्रमुख गवाहों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
अंकिता की आखिरी शाम
19 वर्षीय अंकिता, यमकेश्वर ब्लॉक के श्रीकोट गांव की रहने वाली थी और वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थी। 18 सितंबर 2022 को वह रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई। 24 सितंबर को उसका शव ऋषिकेश के समीप चीला पावर हाउस की नहर से बरामद किया गया। जांच में सामने आया कि पुलकित आर्य ने अंकिता पर किसी वीआईपी मेहमान को ‘विशेष सेवा’ देने का दबाव बनाया था। अंकिता ने इस अवैध मांग का विरोध किया, जो उसकी जान पर भारी पड़ा। पुलकित ने अपने सहयोगियों सौरभ और अंकित के साथ मिलकर उसे चीला नहर में धक्का दे दिया। Ankita Bhandari







