Maharashtra: कर्नाटक पर ‘लगाम कसने’ को नदी के ऊपर बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए

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दशकों पुराने सीमा विवाद का मुद्दा दोनों राज्यों की विधानसभाओं में उठा। पाटिल ने महाराष्ट्र विधानसभा में कहा कि कर्नाटक जानबूझकर अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषी लोगों को परेशान कर रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व जल संसाधन मंत्री ने कहा कि ‘ कर्नाटक के मुख्यमंत्री की बात का जवाब हमें उन्हीं की भाषा में देना चाहिए। अगर उनमें इतनी अकड़ है, तो हम कोयना तथा वरना नदियों पर बने बांधों और सतारा तथा कोल्हापुर जिलों के सभी बांधों की ऊंचाई बढ़ाएंगे। उन्हें (कर्नाटक के नेताओं को) किसी और तरीके से काबू में नहीं लाया जा सकता।’’ दोनों राज्यों के 1957 में भाषाई आधार पर पुनर्गठन के बाद से सीमा विवाद जारी है। महाराष्ट्र बेलगावी पर अपना दावा करता है, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था क्योंकि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है। वह उन 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं। वहीं कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषाई आधार पर सीमांकन किया गया।UP News : चाचा ही बन गया अपने 7 वर्षीय भतीजे की जान का दुश्मन, कर दिया ये काम
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