Edible Oil : महंगाई से मिलेगी राहत, खाद्य तेल के आयात शुल्क में हो सकती है कटौती

Edible Oil : कोरोना महामारी के आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा। साथ ही लोगों के कमाई पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा। बीते कुछ वक्त में खाद्य सामग्रियों की कीमतों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है हालांकि अब केंद्र सरकार आम आदमी पर महंगाई का बोझ कम करने के लिए खाद्य तेलों (Edible Oil) के आयात शुल्क में कटौती करने की तैयारी कर रही है।
Edible Oil
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले कर में कटौती कर सकती है। खाद्य तेलों के आयात पर लगाए जाने वाले शुल्क में 2021 जून में भी कटौती की गई थी। साथ ही अक्टूबर 2021 में सूरजमुखी के तेल, सोयाबीन ऑयल और पाम ऑयल अक्टूबर 2022 मार्च तक के लिए सभी आयात शुल्क हटा दिए गए थे।
वहीं अगस्त 1 सितंबर में कस्टम ड्यूटी को भी घटाया गया था तथा उसे सितंबर अंत तक जारी रखने की योजना सरकार द्वारा बनाई गई थी। मगर जब खुदरा भाव में कमी नहीं हुई तब केंद्र सरकार ने कस्टम ड्यूटी को उसी तरह आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया था। मौजूदा कर प्रणाली 5.5 फ़ीसदी शुल्क कच्चे खाद्य तेल के आयात पर लगता है।
गौरतलब है कि मौजूदा कर प्रणाली में बेसिक कस्टम ड्यूटी को शामिल नहीं किया गया है। इस हिसाब से मौजूदा खाद्य तेल आयात पर लगने वाला शुल्क पहले के शुल्क से लगभग 8 फ़ीसदी कम है। मौजूदा वक्त में चलने वाला कर प्रणाली चुप करो पर आधारित है पहला सोशल वेलफेयर से तथा दूसरा एग्रीकल्चर इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट सेस। बता दें फरवरी 2022 में केंद्र सरकार ने एग्रीकल्चर इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट सेस को 2.5 फ़ीसदी तक घटा दिया था।
देश मैं खाद्य तेलों की कीमतों में इजाफा होने का सबसे बड़ा कारण है वैश्विक स्तर पर तेल उत्पादन की चयन का प्रभावित होना मौजूदा वक्त में वैश्विक स्तर पर उत्पादन सुचारू रूप से नहीं चल रहा। इसी कारण से इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा जिसके कारण तेल की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिला।
Edible Oil : कोरोना महामारी के आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा। साथ ही लोगों के कमाई पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा। बीते कुछ वक्त में खाद्य सामग्रियों की कीमतों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है हालांकि अब केंद्र सरकार आम आदमी पर महंगाई का बोझ कम करने के लिए खाद्य तेलों (Edible Oil) के आयात शुल्क में कटौती करने की तैयारी कर रही है।
Edible Oil
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले कर में कटौती कर सकती है। खाद्य तेलों के आयात पर लगाए जाने वाले शुल्क में 2021 जून में भी कटौती की गई थी। साथ ही अक्टूबर 2021 में सूरजमुखी के तेल, सोयाबीन ऑयल और पाम ऑयल अक्टूबर 2022 मार्च तक के लिए सभी आयात शुल्क हटा दिए गए थे।
वहीं अगस्त 1 सितंबर में कस्टम ड्यूटी को भी घटाया गया था तथा उसे सितंबर अंत तक जारी रखने की योजना सरकार द्वारा बनाई गई थी। मगर जब खुदरा भाव में कमी नहीं हुई तब केंद्र सरकार ने कस्टम ड्यूटी को उसी तरह आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया था। मौजूदा कर प्रणाली 5.5 फ़ीसदी शुल्क कच्चे खाद्य तेल के आयात पर लगता है।
गौरतलब है कि मौजूदा कर प्रणाली में बेसिक कस्टम ड्यूटी को शामिल नहीं किया गया है। इस हिसाब से मौजूदा खाद्य तेल आयात पर लगने वाला शुल्क पहले के शुल्क से लगभग 8 फ़ीसदी कम है। मौजूदा वक्त में चलने वाला कर प्रणाली चुप करो पर आधारित है पहला सोशल वेलफेयर से तथा दूसरा एग्रीकल्चर इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट सेस। बता दें फरवरी 2022 में केंद्र सरकार ने एग्रीकल्चर इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट सेस को 2.5 फ़ीसदी तक घटा दिया था।
देश मैं खाद्य तेलों की कीमतों में इजाफा होने का सबसे बड़ा कारण है वैश्विक स्तर पर तेल उत्पादन की चयन का प्रभावित होना मौजूदा वक्त में वैश्विक स्तर पर उत्पादन सुचारू रूप से नहीं चल रहा। इसी कारण से इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा जिसके कारण तेल की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिला।








Source- ANI Twitter[/caption]
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