Asian Championship: हाईकोर्ट ने पांच पहलवानों को एशियाई चैम्पियनशिप के ट्रायल में हिस्सा लेने की अनुमति दी

Asian Championship/ नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरूवार को पांच पहलवानों को आगामी 2023 एशियाई चैम्पियनशिप के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) द्वारा शुक्रवार से कराये जाने वाले ट्रायल्स में भाग लेने की अनुमति दी।
Asian Championship
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने छुट्टी के दिन की गई विशेष सुनवाई में कहा कि याचिकाकर्ता पहलवान अनुज कुमार, चंदर मोहन, विजय, अंकित और सचिन मोर को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए और उनकी काबिलियत के आधार पर आंका जाए।
हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल में भागीदारी का अर्थ यह नहीं होना चाहिए कि अदालत ने पहलवानों की योग्यता के आधार पर कोई राय बनाई है और इस पर चयन समिति का फैसला अंतिम होगा।
न्यायमूर्ति ने कहा कि इस स्थिति और तथ्य को ध्यान में रख्ते हुए कि प्रतिभाशाली पहलवान होने के नाते याचिकाकर्ताओं को बाहर नहीं किया जाना चाहिए कि ट्रायल्स में इनसे अधिक प्रतिभा वाले पहलवान होंगे, इस अदालत की राय है कि याचिकाकर्ता को कल और परसो इनके संबंधित वर्ग में होने वाले ट्रायल्स में भाग लेने की अनुमति दी जाए।
अदालत पांच पहलवानों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं और जिन्होंने नौ से 14 अप्रैल तक कजाकिस्तान के अस्ताना में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए डब्ल्यूएफआई द्वारा आयोजित ट्रायल्स से बहार किये जाने की शिकायत की है।
याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व उनके वकील राहुल राठौड़ कर रहे हैं, जिन्होंने दावा किया कि डब्ल्यूएफआई द्वारा अपनाया जाने वाला मानंदड पूरी तरह से अनुचित और मनमाना है जिससे ट्रायल्स में उन पहलवानों को शामिल किया गया जो या तो उनसे कमतर हैं या फिर उनके बराबर हैं।
याचिकाकर्ताओं ने अपील की थी कि उन्हें ट्रायल्स में भाग लेने की अनुमति दी जाए। अदालत ने कहा कि किसी भी ट्रायल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हिस्सा लें।
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न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने छुट्टी के दिन की गई विशेष सुनवाई में कहा कि याचिकाकर्ता पहलवान अनुज कुमार, चंदर मोहन, विजय, अंकित और सचिन मोर को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए और उनकी काबिलियत के आधार पर आंका जाए।
हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल में भागीदारी का अर्थ यह नहीं होना चाहिए कि अदालत ने पहलवानों की योग्यता के आधार पर कोई राय बनाई है और इस पर चयन समिति का फैसला अंतिम होगा।
न्यायमूर्ति ने कहा कि इस स्थिति और तथ्य को ध्यान में रख्ते हुए कि प्रतिभाशाली पहलवान होने के नाते याचिकाकर्ताओं को बाहर नहीं किया जाना चाहिए कि ट्रायल्स में इनसे अधिक प्रतिभा वाले पहलवान होंगे, इस अदालत की राय है कि याचिकाकर्ता को कल और परसो इनके संबंधित वर्ग में होने वाले ट्रायल्स में भाग लेने की अनुमति दी जाए।
अदालत पांच पहलवानों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं और जिन्होंने नौ से 14 अप्रैल तक कजाकिस्तान के अस्ताना में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए डब्ल्यूएफआई द्वारा आयोजित ट्रायल्स से बहार किये जाने की शिकायत की है।
याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व उनके वकील राहुल राठौड़ कर रहे हैं, जिन्होंने दावा किया कि डब्ल्यूएफआई द्वारा अपनाया जाने वाला मानंदड पूरी तरह से अनुचित और मनमाना है जिससे ट्रायल्स में उन पहलवानों को शामिल किया गया जो या तो उनसे कमतर हैं या फिर उनके बराबर हैं।
याचिकाकर्ताओं ने अपील की थी कि उन्हें ट्रायल्स में भाग लेने की अनुमति दी जाए। अदालत ने कहा कि किसी भी ट्रायल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हिस्सा लें।







