UP News : कानपुर में तीसरे दिन भी नहीं बुझी कपड़ा बाजार की आग

UP News कानपुर। यूपी के कानपुर की रेडीमेड कपड़ा बाजार की आग तीसरे दिन भी धधक रही है। NDRF और SDRF की टीम ने मोर्चा संभाला हुआ है। कॉम्प्लेक्स के भीतर दुकानों के शटर और दीवार काटकर पानी डाला जा रहा है, जिससे आग बुझ सके। रेस्क्यू टीम के मुताबिक हालात अभी भी खतरे से बाहर नहीं हैं। पूरी तरह से आग पर काबू पाने में अभी एक से दो दिन का समय और लग सकता है।
UP News : गलत तरह से बुझाई जा रही आग
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 30-30 सदस्यीय दो टीमें शनिवार दोपहर मौके पर पहुंचीं। टीम ने सर्वे किया तो सामने आया कि अभी तक फायर ब्रिगेड और पुलिस का लाइन ऑफ एक्शन गलत है। इसके चलते आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। इसके बाद दोनों टीमों ने सभी मार्केट की दुकानों का शटर काटकर और कॉम्प्लेक्स की दीवारों को काटकर आग बुझाने का काम तेजी से शुरू कर दिया है। एआर टावर में आग की लपटें इतनी तेज हैं कि टीम ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल के ऊपर नहीं बढ़ सकी। टीमें मार्केट के चौतरफा इसी तरह से दीवारों को काटकर और एक-एक शटर काटकर आग पर काबू पाने की मशक्कत कर रही है। कॉम्प्लेक्स के भीतर और पिछला हिस्सा भयंकर तरीके से धधक रहा है।
छह टॉवर आए आग की चपेट में
बांसमंडी रेडीमेड कपड़ा बाजार में शुक्रवार की रात करीब 1 बजे आग लगी थी। एआर टावर से धधकी आग ने एक-एक करके छह टावरों को अपनी चपेट में ले लिया। 800 से ज्यादा दुकानें और गोदाम जल गए। अफसरों की मानें तो छोटी-मोटी दुकानों को भी अगर जोड़ लिया जाए तो दुकानों की संख्या 1500 के आसपास होगी। इतने बड़े अग्निकांड के बाद भी कानपुर पुलिस अफसरों और फायर ब्रिगेड की टीम की प्लानिंग पूरी तरह से फेल हो गई। इसी का नतीजा है कि तीसरे दिन भी बाजार की आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।
आग का गोला बनी हैं दुकानें
एनडीआरएफ की टीम मार्केट में दाखिल हुई तो देखा कि बंद दुकानें आग का गोला बनी हैं। दुकान में रखा माल धधक रहा है। शटर बंद होने के चलते पानी भीतर तक नहीं पहुंच पा रहा। इसके चलते आग काबू नहीं हो पा रही है। दुकानों का शटर और दीवार काटकर आग बुझाया तो जा रहा है, लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ में सीमित स्टाफ और आग के बीच शटर काटना बेहद मुश्किल हो रहा है। इसके चलते तेजी से दीवार तोड़ने और शटर काटने का काम नहीं हो पा रहा और आग बढ़ती जा रही है। कानपुर कमिश्नरेट के पुलिस अफसर और फायर ब्रिगेड की टीम बगैर किसी तकनीकी का सहारा लिए पानी की बौछार से बाजार के चौतरफा आग बुझाने का काम कर रही थी। जबकि एक-एक दुकान और गोदाम और कारखाने आग का गोला बन चुके थे। इसी के चलते पानी की बौछार बंद करते ही आग फिर से भड़क रही थी। टेक्निकल तरीके से आग बुझाने का काम किया जा रहा है।
अफसर नहीं ले सके कोई निर्णय
इतनी बड़ी आग होने के बाद भी अग्निकांड की कमान संभाल रहे जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी कोई डिसीजन नहीं ले सके। दूसरे दिन लखनऊ से हाइड्रोलिक फायर मशीन मंगाई गई और फिर उसके बाद प्रयागराज से एक और हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म फायर ब्रिगेड मंगाई गई। इतना ही नहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी तत्काल नहीं बुलाया गया। अफसरों का बचाव कार्य के लिए एक्शन देरी से लेना भी अग्निकांड की भयावहता के पीछे बड़ी वजह बनकर सामने आई है।
एक किमी का दायरा है सील
अग्निकांड के चलते पुलिस ने करीब एक किमी का दायरा सील कर रखा है। डिप्टी पड़ाव से लेकर बांसमंडी चाचा नेहरू अस्पताल तक की सड़क को कैंटोमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इधर लाटूश रोड और इस रोड से जुड़ने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। इसके चलते पब्लिक को दो दिन से बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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UP News : गलत तरह से बुझाई जा रही आग
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 30-30 सदस्यीय दो टीमें शनिवार दोपहर मौके पर पहुंचीं। टीम ने सर्वे किया तो सामने आया कि अभी तक फायर ब्रिगेड और पुलिस का लाइन ऑफ एक्शन गलत है। इसके चलते आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। इसके बाद दोनों टीमों ने सभी मार्केट की दुकानों का शटर काटकर और कॉम्प्लेक्स की दीवारों को काटकर आग बुझाने का काम तेजी से शुरू कर दिया है। एआर टावर में आग की लपटें इतनी तेज हैं कि टीम ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल के ऊपर नहीं बढ़ सकी। टीमें मार्केट के चौतरफा इसी तरह से दीवारों को काटकर और एक-एक शटर काटकर आग पर काबू पाने की मशक्कत कर रही है। कॉम्प्लेक्स के भीतर और पिछला हिस्सा भयंकर तरीके से धधक रहा है।
छह टॉवर आए आग की चपेट में
बांसमंडी रेडीमेड कपड़ा बाजार में शुक्रवार की रात करीब 1 बजे आग लगी थी। एआर टावर से धधकी आग ने एक-एक करके छह टावरों को अपनी चपेट में ले लिया। 800 से ज्यादा दुकानें और गोदाम जल गए। अफसरों की मानें तो छोटी-मोटी दुकानों को भी अगर जोड़ लिया जाए तो दुकानों की संख्या 1500 के आसपास होगी। इतने बड़े अग्निकांड के बाद भी कानपुर पुलिस अफसरों और फायर ब्रिगेड की टीम की प्लानिंग पूरी तरह से फेल हो गई। इसी का नतीजा है कि तीसरे दिन भी बाजार की आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।
आग का गोला बनी हैं दुकानें
एनडीआरएफ की टीम मार्केट में दाखिल हुई तो देखा कि बंद दुकानें आग का गोला बनी हैं। दुकान में रखा माल धधक रहा है। शटर बंद होने के चलते पानी भीतर तक नहीं पहुंच पा रहा। इसके चलते आग काबू नहीं हो पा रही है। दुकानों का शटर और दीवार काटकर आग बुझाया तो जा रहा है, लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ में सीमित स्टाफ और आग के बीच शटर काटना बेहद मुश्किल हो रहा है। इसके चलते तेजी से दीवार तोड़ने और शटर काटने का काम नहीं हो पा रहा और आग बढ़ती जा रही है। कानपुर कमिश्नरेट के पुलिस अफसर और फायर ब्रिगेड की टीम बगैर किसी तकनीकी का सहारा लिए पानी की बौछार से बाजार के चौतरफा आग बुझाने का काम कर रही थी। जबकि एक-एक दुकान और गोदाम और कारखाने आग का गोला बन चुके थे। इसी के चलते पानी की बौछार बंद करते ही आग फिर से भड़क रही थी। टेक्निकल तरीके से आग बुझाने का काम किया जा रहा है।
अफसर नहीं ले सके कोई निर्णय
इतनी बड़ी आग होने के बाद भी अग्निकांड की कमान संभाल रहे जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी कोई डिसीजन नहीं ले सके। दूसरे दिन लखनऊ से हाइड्रोलिक फायर मशीन मंगाई गई और फिर उसके बाद प्रयागराज से एक और हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म फायर ब्रिगेड मंगाई गई। इतना ही नहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी तत्काल नहीं बुलाया गया। अफसरों का बचाव कार्य के लिए एक्शन देरी से लेना भी अग्निकांड की भयावहता के पीछे बड़ी वजह बनकर सामने आई है।
एक किमी का दायरा है सील
अग्निकांड के चलते पुलिस ने करीब एक किमी का दायरा सील कर रखा है। डिप्टी पड़ाव से लेकर बांसमंडी चाचा नेहरू अस्पताल तक की सड़क को कैंटोमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इधर लाटूश रोड और इस रोड से जुड़ने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। इसके चलते पब्लिक को दो दिन से बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।







