Joshimath Update : ISRO की तस्वीरों ने चिंता बढाई, प्रभावितों को स्थानांतरित करने का सिलसिला जारी

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Joshimath Update  ISRO
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 06:22 AM
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Joshimath Update : ISRO : देहरादून। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा शुक्रवार को जारी उपग्रह तस्वीरों में जोशीमठ (Joshimath) में पिछले 12 दिनों में भूधंसाव की गति​ बढ़ने की बात सामने आने से चिंता बढ़ गई है जबकि 'असुरक्षित' घोषित दो होटलों को ढहाए जाने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित स्थानों पर जाने का सिलसिला जारी रहा।

Joshimath Update  ISRO

राज्य मंत्रिमंडल ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कई निर्णय लिए जिनमें उनके मकानों के किराए की धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करना, उनके बिजली-पानी के बिल छह माह की अवधि के लिए माफ करना तथा बैंको से उनके ऋणों की वसूली एक साल तक स्थगित रखना शामिल है ।

इस बीच, रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की तकनीकी निगरानी में, दरारों के कारण ऊपरी हिस्से से एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए दो होटलों- सात मंजिला ‘मलारी इन’ और पांच मंजिला ‘माउंट व्यू’ को तोड़ने की कार्रवाई जारी रही।

इन दोनों होटलों के कारण उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घरों को खतरा उत्पन्न हो गया था।

उधर, चमोली में जिला आपदा प्र​बंधन प्राधिकरण ने बताया कि जोशीमठ के 25 और परिवारों को शुक्रवार को अस्थाई राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया। हालांकि, उन भवनों की संख्या अभी 760 ही है जिनमें दरारें आई हैं और इनमें से 147 को असुरक्षित घोषित किया गया है।

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब तक जोशीमठ के 90 परिवारों को 'स्थानांतरित' किया गया है।

उन्होंने फिर साफ किया कि अभी किसी के मकान को तोड़ा नहीं जा रहा है और केवल आवश्यकतानुसार उन्हें खाली करवाया जा रहा है । इस संबंध में उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सर्वेंक्षण करने वाले दल अपना काम कर रहे हैं।

प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए धामी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है और बृहस्पतिवार से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा “ यह प्राकृतिक आपदा है और हम उसी के अनुसार फैसले ले रहे हैं।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वहां का जनजीवन सामान्य है और 60 प्रतिशत से ज्यादा चीजें सामान्य चल रही हैं।

इस बीच, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजने तथा उन्हें मकान के किराए के रूप में दी जाने वाली धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने कहा कि जोशीमठ में राज्य सरकार के संसाधनों से अल्पकालिक एवं मध्यकालिक कार्य जारी रहेंगे जिन पर होने वाले व्यय का समायोजन केंद्र से राहत पैकेज मिलने पर किए जाने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।

प्रभावितों के लघुकालिक पुनर्वास के लिए चमोली जिला प्रशासन द्वारा कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम गौख सेलंग तथा ग्राम ढाक में चयनित भूखंडों के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत वहां ‘प्री-फेब्रीकेटेड’ संरचनाओं के निर्माण को भी मंत्रिमंडल ने सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान कर दी।

इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने चार अन्य प्रस्तावों पर भी अपनी सहमति दी जिनमें जोशीमठ के आपदा पीड़ित परिवारों के छह माह तक के लिए बिजली एवं पानी के बिल माफ करना, बैंकों आदि से लिए ऋण की वसूली एक साल के लिए स्थगित करना, प्रदेश के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन कराना तथा जोशीमठ आपदा से संबंधित प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करना शामिल है।

संधु ने कहा कि अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ के नीचे कठोर चट्टान नहीं है, इसलिए वहां भूधंसाव हो रहा है।

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जिन शहरों के नीचे कठोर चट्टानें हैं, वहां जमीन धंसने की समस्या नहीं होती हैं।

संधु ने कहा कि 1976 में भी जोशीमठ में थोड़ी जमीन धंसने की बात सामने आयी थी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पानी निकलने को लेकर विभिन्न संस्थान जांच में लगे हैं।

संधु ने कहा कि विशेषज्ञ जोशीमठ में सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट आने के बाद यह मामला राज्य मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा और उसके आधार पर ही कोई निर्णय किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है और उन सभी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए एक समिति बनायी जाएगी जो अपना निष्कर्ष देगी।

उधर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा जारी उपग्रह तस्वीरों में जोशीमठ नगर के केवल 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर तक धंसने की बात सामने आने से चिंता बढ़ गई है।

इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र द्वारा किए गए प्रारंभिक अध्ययन में कहा गया है कि अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच जोशीमठ में भूधंसाव की दर धीमी रही जब वह 8.9 सेंटीमीटर नीचे धंसा।

हालांकि, 27 दिसंबर 2022 से आठ जनवरी 2023 के बीच जोशीमठ में भूधंसाव की दर बढ़ गयी और केवल 12 दिनों में यह 5.4 सेंटीमीटर धंस गया।

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Almora News : रामपुर के नंबर-एक स्मैक तस्कर को अल्मोड़ा पुलिस ने पकड़ा

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calendar30 Nov 2025 10:48 PM
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नवीन बिष्ट (ब्यूरो प्रमुख) Almora:  अल्मोडा। ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन के तहत अल्मोड़ा पुलिस (Almora Police) नशे के सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। नशे के सौदागरों पर नकेल कसते हुए अल्मोड़ा पुलिस ने रामपुर (Rampur) के नम्बर-एक के मादक पदार्थ के तस्कर Smuggler  को गिरफ्तार (Arrested ) कर लिया है। वहीं एक और तस्कर को भी पुलिस ने पकड़ा है।

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अल्मोड़ा के एसएसपी प्रदीप कुमार राय (SSP Pradeep Kumar Rai)  ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि जनपद में युवाओं व छात्रों को नशे की लत से बचाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। महज 12 घंटे में पुलिस ने दो स्मैक तस्करों को गिरफ्तार किया है। सीओ अल्मोड़ा विमल प्रसाद व सीओ आपरेशन ओशीन जोशी के नेतृत्व में अल्मोड़ा पुलिस ने सूचना पर बेस तिराहे के पास चेकिंग के दौरान राजेश कश्यप (40 वर्ष) पुत्र श्याम लाल कश्यप निवासी सिंह कालोनी थाना विलासपुर जिला रामपुर (यूपी) को गिरफ्तार (Arrested ) किया है। इसके कब्जे से 5 लाख 43 हजार रुपयेे की 54.35 ग्राम स्मैक व एक इलेक्ट्रोनिक तराजू बरामद हुआ है। राजेश रामपुर से छोटी पुडिय़ों में स्मैक लाकर युवाओं को बेचता था।

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राजेश रामपुर का नंबर-एक स्मैक का तस्कर है। इसी तरह अल्मोड़ा पुलिस ने करबला तिराहा से चैकिंग के दौरान स्मैक तस्कर (Smuggler)  लोकेश मेहता (25 वर्ष) पुत्र हरीश सिंह मेहता, निवासी निकट शिव मंदिर एनटीडी अल्मोड़ा को 20.32 ग्राम स्मैक के साथ पकड़ा। बाजार में इस स्मैक की कीमत 2 लाख रूपये से अधिक है। एसएसपी ने दोनों स्मैक तस्करों को पकडऩे वाली टीम को ईनाम देने की घोषणा की है।  

Joshimath Disaster : जोशीमठ में जमीन धंसने में कोई भूमिका नहीं : एनटीपीसी

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ISRO News : जोशीमठ केवल 12 दिनों में 5.4 सेमी धंसा : इसरो

Isro
Joshimath sank 5.4 cm in just 12 days : ISRO
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calendar26 Nov 2025 09:51 AM
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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जारी उत्तराखंड के जोशीमठ की उपग्रह छवियों से पता चलता है कि हिमालयी शहर केवल 12 दिनों में 5.4 सेमी धंस गया। जमीन धंसने की यह घटना संभवत: दो जनवरी से शुरू हुई।

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बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली के प्रवेश द्वार जोशीमठ को भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

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इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) के प्रारंभिक अध्ययन में कहा गया है कि अप्रैल और नवंबर 2022 के बीच जमीन के धंसने की प्रक्रिया धीमी थी। इस दौरान जोशीमठ 8.9 सेमी तक धंसा था। हालांकि 27 दिसंबर, 2022 और आठ जनवरी, 2023 के बीच, भू-धंसाव की तीव्रता में वृद्धि हुई और इन 12 दिनों में शहर 5.4 सेंटीमीटर धंस गया। ये तस्वीरें कार्टोसैट-2एस उपग्रह से ली गई हैं। एनआरएससी की रिपोर्ट में कहा गया कि यह क्षेत्र कुछ दिनों के अंदर लगभग पांच सेमी धंस गया और अवतलन की क्षेत्रीय सीमा भी बढ़ गई है। यह हालांकि जोशीमठ शहर के मध्य भाग तक ही सीमित है। इसने कहा कि एक सामान्य भूस्खलन आकार जैसे दिखने वाले एक धंसाव क्षेत्र की पहचान की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि धंसाव का केंद्र जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित था। तस्वीरों में सेना के हेलीपैड और नरसिंह मंदिर को जोशीमठ शहर के मध्य भाग में फैले धंसाव क्षेत्र के प्रमुख स्थलों के रूप में दिखाया गया है।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत व शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में हुई एक बैठक में जोशीमठ की स्थिति और लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का आकलन किया था। अब तक 589 सदस्यों वाले कुल 169 परिवारों को राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत केंद्रों के रूप में 835 कमरे हैं, जिनमें कुल मिलाकर 3,630 लोग रह सकते हैं।