Jewar Airport : ग्रेटर नोएडा शहर के पास स्थापित हो रहे जेवर एयरपोर्ट के रनवे का ट्रॉयल एक ही दिन में पूरा किया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कर रही कंपनी शुक्रवार 15 नवंबर 2024 से रनवे का ट्रॉयल शुरू करने वाली थी। जेवर एयरपोर्ट के रनवे का ट्रॉयल एक महीने तक चलना था। भारत सरकार के नागरिक उडडयन महानिदेशालय (DGCA) ने पूरे महीने तक रनवे के ट्रॉयल की अनुमति देने से मना कर दिया है। अब जेवर एयरपोर्ट के रनवे का ट्रॉयल एक ही दिन में पूरा किया जाएगा।
एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए होना है जेवर एयरपोर्ट के रनवे का ट्रॉयल
आपको बता दें कि जेवर एयरपोर्ट को तीन जरूरी लाइसेंस पहले ही मिल गए हैं। जो लाइसेंस जेवर एयरपोर्ट को मिले हैं उनमें इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम लाइसेंस (ILS) भी शामिल है। अब जेवर एयरपोर्ट को चौथा और अंतिम लाईसेंस लेना है। इस लाईसेंस का नाम एयरोड्रोम लाइसेंस है। इस लाइसेंस को लेने के लिए रनवे पर हवाई जहाज उतारकर तथा उड़ाकर रनवे की टेस्टिंग की जाती है। शुक्रवार से एक महीने के लिए यह ट्रॉयल प्रस्तावित किया गया था। DGA ने एक महीने तक ट्रॉयल की अनुमति नहीं दी है। DGA ने एक ही दिन में ट्रॉयल पूरा करने के निर्देश दिए हैं। संभावना जताई जा रही है कि 25 से 30 नवंबर के बीच जेवर एयरपोर्ट पर किसी एक दिन रनवे की टेस्टिंग के लिए ट्रॉयल किया जाएगा।
एशिया का सबसे बड़ा तथा दुनिया का चौथ बढ़ा एयरपोर्ट है
आपको बता दें कि जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा। इतना ही नहीं जेवर एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर की बगल में यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के क्षेत्र में एयरपोर्ट स्थापित हो रहा है। यह एयरपोर्ट भारत ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा। बात पूरे विश्व की करें तो अमरीका के दो एयरपोर्ट तथा सउदी अरब के एयरपोर्ट के बाद जेवर एयरपोर्ट विश्व का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा। जेवर एयरपोर्ट यीडा के क्षेत्र में जेवर तथा उसके आसपास के गांवों की जमीन पर बन रहा है। जेवर एयरपोर्ट कुल पांच हजार हेक्टेयर जमीन पर बन रहा है। भारत के अब तक के बड़े से बड़े एयरपोर्ट की बात करें तो देश की राजधानी में स्थापित इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट (IGI) 2066 हेक्टेयर जमीन पर बना हुआ है। नवी मुंबई में बन रहा एक और बड़ा एयरपोर्ट 2320 हेक्टेयर जमीन पर स्थापित हो रहा है। जेवर एयरपोर्ट पर अन्तर्राष्ट्रीय कारगो तथा जहाजों को रिपेयर करने वाला रिपेयर सेंटर भी स्थापित हो रहा है। जेवर एयरपोर्ट को सडक़ मार्ग के द्वारा देश की राजधानी से लेकर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा लखनऊ से सीधा जोड़ा जा रहा है। इस एयरपोर्ट का रेल मार्ग के द्वारा पूरे देश से जोडऩे की योजना पर भी काम चल रहा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जेवर एयरपोर्ट दुनिया का अनोखा एयरपोर्ट बनेगा।
यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के CEO डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट से वर्ष 2050 तक बीस करोड़ यात्री प्रतिवर्ष उड़ान भरा करेंगे। प्रतिवर्ष उड़ान भरने के मामले में जेवर एयरपोर्ट देश के सभी हवाई अड्डे को पीछे छोड़ देगा। अब तक के प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक के सबसे बड़े एयरपोर्ट आईजीआई से प्रतिवर्ष 6 करोड़ यात्री उड़ान भरते हैं। वर्ष 2024 तक आईजीआई से 10 करोड़ यात्री उड़ान भर सकेंगे। उसके बाद इस एयरपोर्ट की क्षमता नहीं बढ़ सकेगी। जेवर एयरपोर्ट से 2050 तक बीस करोड़ यात्री उड़ान भरेंगे। इस प्रकार हर मामले में जेवर एयरपोर्ट अव्वल साबित होगा।