Greater Noida News : एक पुराना फिल्मी गाना है कि “दोस्त-दोस्त न रहा”। इसी प्रकार का कुछ हुआ है ग्रेटर नोएडा शहर के दो दोस्तों के बीच में। ग्रेटर नोएडा में रहने वाले एक किसान का दोस्त कच्चे लालच में किसान की जान का दुश्मन बन गया है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र का यह मामला पूरे ग्रेटर नोएडा तथा नोएडा में चर्चा का विषय बना हुआ है।
दोस्त कैसे बन गया दुश्मन
यह मामला ग्रेटर नोएडा क्षेत्र का है। ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना क्षेत्र के गांव पल्ला निवासी वृद्ध किसान कंवर सिंह पुत्र हरगुलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वर्ष-2005 से जयप्रकाश भोला पुत्र प्रेमचंद निवासी पुराना मौजपुर दिल्ली उसका दोस्त है। जयप्रकाश को यह जानकारी थी कि कंवर सिंह को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जमीन के बदले मोटा मुआवजा मिला है। इसलिए जयप्रकाश ने षड्यंत्र रचा और कंवर सिंह को ज्यादा रूपये कमाने का लालच देकर अपने झांसे में फंसा लिया। उसने कल्याणी कंपनी में निवेश के नाम पर उससे 5 लाख, फिर 20 लाख, फिर 15 लाख और बाद में 10 लाख रुपए अपने ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे में स्थित बैंक के खाते में ट्रांसफर करा लिए।
जयप्रकाश ने बताया था कि वह इन पैसों को कल्याणी व उसकी जैसी अन्य अच्छी कंपनियों में निवेश करेगा। जिसका लाभ उसे हर महीने दुगना मिलेगा। पिछले 6 वर्षों तक लाभ की धनराशि न मिलने पर वृद्घ ने अपने द्वारा दिए गए कुल 50 लाख रुपए मांगे तो जयप्रकाश ने उससे कहा कि अगर वह उसे 17 लाख रुपए और दे दे तो उसके द्वारा लगाए गई राशि 5 वर्षों में उसे दोगुना होकर मिलेगी। वृद्ध किसान ने एक बार फिर 17 लाख रुपए जयप्रकाश को दे दिए। अपने पैसे मांगने पर जयप्रकाश उसे कोई ना कोई बहाना देकर टालता रहा। पीडि़त कंवर सिंह ने जब 3 अप्रैल 2024 को अपने द्वारा दिए गए 67 लाख रुपए मांगे तो जयप्रकाश ने उसे रुपए लौटाने से मना कर दिया और धमकी दी कि अब अगर उसने पैसे मांगे तो वह उसकी हत्या करवा देगा। दादरी थानाध्यक्ष ने बताया है कि उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
किसानों को मिला है मोटा मुआवजा
उत्तर प्रदेश के नोएडा (गौतमबुद्घनगर) तथा ग्रेटर नोएडा शहरों में जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा तथा नोएडा (गौतमबुद्घनगर) के किसानों की जमीन के बदले मोटा मुआवजा दिया। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी व जेवर के क्षेत्र के सभी गांवों में किसानों को मोटा मुआवजा मिला है। यहां वृद्घ व अनपढ़ किसानों को मिले मुआवजे पर जालसाजों की नजर रहती है। जालसाज फर्जी दस्तावेजों के जरिये व लालच देकर इन्हें अपने जाल में फंसाते हैं और उनके मुआवजे की रकम को हड़प लेते हैं। ग्रेटर नोएडा के इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है। धन के लालच में दोस्त-दोस्त न रहा बल्कि दुश्मन बन गया। ग्रेटर नोएडा का यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
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