Wednesday, 13 November 2024

नोएडा शहर की न्‍यूज, 12 नवंबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा…

नोएडा शहर की न्‍यूज, 12 नवंबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 12 नवंबर को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।

Noida News:

समाचार अमर उजाला से

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “पिंक ऑटो के लिए 226 महिलाओं को परमिट” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि जिले की सड़कों पर अब जल्द ही पिंक ऑटो फर्राटा भरते हुए दिखेंगे। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से 226 महिलाओं को परमिट दे दिए गए हैं। इसके बाद अब महिलाएं ऑटो खरीदकर उसे चला सकेंगी। अहम है कि गौतमबुद्ध नगर में पिंक ऑटो के संचालन में लगातार कमी के बाद विभाग की ओर से पिछले दिनों परमिट जारी किए गए थे। इसके बाद आवेदन प्राप्त होने के बाद महिलाओं को यह सौप दिए गए हैं। अब जल्द ही इनके संचालन में वृद्धि देखने को मिलेगी।

वर्तमान में जिले में 214 ऑटो संचालित हो रहे हैं। इनकी संख्या में लगातार कमी देखने को मिल रही थी। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग कार्यालय से शासन को परमिट जारी करने के लिए पत्र लिखा गया। शासन से मंजूरी मिलने के बाद शासन की ओर से गाजियाबाद के लिए 71, गौतमबुद्ध नगर के लिए 226, हापुड़ के लिए 20 और बुलंदशहर के लिए 25 परमिट जारी किए गए। नियम के अनुसार परमिट पहले आओ पहले पाओ के नियम पर जारी किए गए थे। सात सितंबर तक परमिट आवेदन के लिए विभाग की तरफ से अंतिम तारीख रखी गई, जिसके बाद 254 महिला चालकों ने इसके लिए आवेदन किए थे।

Noida News:

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “न्यू नोएडा के 80 गांवों में जिला पंचायत से नहीं पास होगा नक्शा” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि दादरी से खुर्जा के बीच 80 गांवों की ज़मीन पर प्रस्तावित दादरी-नोएडा- गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (न्यू नोएडा) के लिए नोएडा प्राधिकरण ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मास्टर प्लान-2041 की मंजूरी कैबिनेट से मिलने के बाद अब इन सभी गांवों में किसी भी निर्माण का जिला पंचायत से नक्शा पास करने की प्रक्रिया प्राधिकरण रुकवाएगा। इसके लिए प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास को पत्र भेजकर शासन स्तर से नोटिफिकेशन जारी कराने की सिफारिश की है। इसके साथ ही प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने जिला पंचायत अध्यक्ष से वार्ता कर मास्टर प्लान प्रभावी किए जाने से अवगत करवाया है।

अधिकारियों ने बताया, जिला पंचायत से सभी नक्शे पास होने पर तकरीबन रोक लग गई है। अब भविष्य में प्राधिकरण ही इस क्षेत्र के सभी नक्शे पास करेगा। इसके साथ ही आबादी का चिन्हीकरण करेगा। प्राधिकरण सिर्फ उन्हीं प्लॉट का नक्शा पास करेगा जिनका आवंटन करेगा या लेआउट को स्वीकृति देगा। मास्टर प्लान का प्रकाशन होने के बाद जमीन की खरीद फरोख्त कर भू-माफिया पहले नक्शा न पास करा लें इसलिए यह कदम उठाया गया है।

न्यू नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को यूपी कैबिनेट ने 18 अक्टूबर को मंजूरी दी थी। इसलिए आधिकारिक तौर पर इसी तारीख को निवेश क्षेत्र में मास्टर प्लान प्रभावी किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस क्षेत्र में आबादी से अलग किसी भी तरह के नए निर्माण पर रोक लगाने की सूचना जारी कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया, क्षेत्र में शामिल 80 गांव गौतमबुद्ध नगर व बुलंद शहर के हैं। दोनों जगहों पर जिला प्रशासन स्तर पर भी वार्ता कर ली गई है। प्रशासन भी अपने स्तर से सक्रिय हो गया है। रिकार्ड के तौर पर एरियल व सैटेलाइट फोटो भी प्राधिकरण जुटा रहा है। मास्टर प्लान के मुताबिक पूरे निवेश क्षेत्र को 4 चरणों में बसाया जाना है। पहले चरण में 3165 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य वर्ष 2027 तक पूरा किया जाना है। दूसरे चरण में 3798 हेक्टेयर जमीन का विकास वर्ष 2032, तीसरे चरण में 5908 हेक्टेयर जमीन का विकास वर्ष 2037 और अंत में चौथे चरण के तहत 8230 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य 2041 तक कराने का लक्ष्य रखा गया है।

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “आबकारी विभाग ने सभी बैंक्वेट हॉल संचालकों को जारी किया नोटिस, रात 12 बजे तक पार्टी की मिलेगी अनुमति, पार्टियों में बगैर लाइसेंस परोसी शराब तो होगी एफआईआर” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा और ग्रेनो में शादी समारोह और नव वर्ष की पार्टियों में बगैर लाइसेंस शराब परोसना महंगा पड़ेगा। बिना लाइसेंस के पार्टी में शराब पिलाने पर जुर्माना लगाने के साथ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। आयोजकों को शराब परोसने से पहले आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा। सोमवार को विभाग ने सभी बैंक्वेट हॉल संचालकों को इस बाबत नोटिस जारी किया है।

मंगलवार से शहर में शादियां शुरू हो रही हैं। नोएडा और ग्रेनो के कई शादी समारोह में शराब भी परोसी जाती हैं। वहीं नववर्ष की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। जगह-जगह पार्टियों के आयोजन की तैयारी चल रही हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि नववर्ष और शादी समारोह की पार्टी शराब परोसने के लिए एक दिन का लाइसेंस लेना होगा। जिसकी फीस 11,000 रुपये है। लाइसेंस के तहत रात 12 बजे तक शराब परोसी जा सकेगी।

अधिकारियों ने बताया कि बगैर लाइसेंस शराब परोसने वालों पर नजर रखने के लिए विभाग की सात टीमें तैनात रहेंगी। जो सभी आयोजन पर नजर रखेंगी। जल्द ही शहर की सभी आडब्ल्यूए, एओए और बैंक्वेट हॉल संचालकों के साथ बैठक बुलाकर उन्हें जागरूक किया जाएगा।

नोएडा हिन्‍दी खबर, 11 नवंबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Hindi News:

समाचार दैनिक जागरण से

Noida News: दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 12 नवंबर 2024 का प्रमुख समाचार “सेक्टर-18 बाजार में लगाए जाएंगे 90 हाइड्रोलिक बोलार्ड बैरियर” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि कामर्शियल हब सेक्टर- 18 बाजार का सुंदरीकरण नोएडा प्राधिकरण की ओर से लगातार कराया जा रहा है। इसी के तहत तिकोना पार्क के आसपास 500 मीटर का एरिया भी नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। अब नो व्हीकल जोन में वाहनों का प्रवेश न हो, इसके लिए प्राधिकरण ने 90 हाइड्रोलिक बोलार्ड बैरियर लगाने की योजना तैयार की है। ये बैरियर पूरी तरह से आटोमैटिक सेंसर युक्त होंगे, जिन्हें आपातकालीन स्थिति में जमीन के भीतर किया जा सकेगा। इसका टेंडर जारी कर प्राधिकरण ने केवीएस कंपनी का चयन किया है, जिसने सोमवार को प्राधिकरण कार्यालय पर ओएसडी महेंद्र प्रसाद के समक्ष हाइड्रोलिक बोलार्ड बैरियर का प्रस्तुतीकरण दिया। इसके बाद महेंद्र प्रसाद ने परियोजना को धरातल पर उतारने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की। इस दौरान सिविल ‘विभाग के उप महाप्रबंधक विजय कुमार रावल, वर्क सर्किल दो के वरिष्ठ प्रबंधक कपिल देव सिंह उपस्थित रहे। महेंद्र प्रसाद ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जहां-जहां इसका प्रयोग किया जा रहा है, उसका भौतिक निरीक्षण भी करें।

दोपहिया वाहन भी नहीं कर पाएंगे प्रवेशः कंपनी के प्रतिनिधि पवन कुमार । गुप्ता ने बताया कि हाइड्रोलिक बोलार्ड । की जमीन के ऊपर ऊंचाई 600 । एमएम और नीचे 1200 एमएम की । होगी। दो हाइड्रोलिक पोलार्ड के बीच करीब 400 एमएम की दूरी होगी। इससे नो व्हीकल एरिया में कार ही नहीं, बल्कि दोपहिया वाहन का भी प्रवेश नहीं हो सकेगा। परियोजना पर प्राधिकरण का 1.55 करोड़ रुपये खर्च आएगा। आर्डर के दो माह बाद इन्हें लगाने की प्रक्रिया कंपनी की ओर शुरू की जा सकेगी। काम अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। छह वर्ष से अधिक समय तक होगा

संचालितः एक हाइड्रोलिक पोलार्ड की लाइफ एक करोड़ बार (अंदर-बाहर) करने की होगी, जिसे छह वर्ष से अधिक समय तक संचालित किया जा सकता है। कंपनी एक साल तक इसका रखरखाव करेंगी। इसके बाद की प्राधिकरण को एएमसी करानी होगी। कंपनी प्रतिनिधियों ने बताया कि डीआरडीओ समेत देश के तमाम एयरपोर्ट, पांच सितारा होटल में हाइड्रोलिक पोलार्ड को लगाया जा चुका है।

Noida News: दैनिक जागरण के 12 नवंबर 2024 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “स्मार्ट फार्मिंग सिस्टम खेतों में फसल को जरूरत के अनुसार देगा पानी” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि वेब इंट्रीग्रेटेड स्मार्ट फार्मिंग सिस्टम खेत में खड़ी फसल को उतनी मात्रा में ही पानी देगा, जितनी जरूरत होगी। यह दावा भारत शिक्षा एक्सपो में हैकाथान में अपने इजाद किए उपकरण का प्रदर्शन कर रही शारदा यूनिवर्सिटी की एग्रिनोवेटर्स टीम के बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र- छात्राओं का है। किसानों के हित से जुड़े इस सिस्टम की खासियत को निर्णायकों ने तीसरा स्थान दिया है। इसके साथ छात्रों को प्रोजेक्टर पर आगे कार्य करने प्रोत्साहित किया है।

वेब इंट्रीग्रेटेड स्मार्ट फार्मिंग सिस्टम बनाने वाली पांच सदस्यीय टीम में बीटेक छात्र जय वर्मा, आशीष शर्मा, विवेक विश्वकर्मा, हरगुन सिंह और दिशा अग्रवाल शामिल हैं। टीम के सदस्यों के अनुसार वह लोग इस प्रोजेक्ट पर पिछले आठ माह से काम कर रहे हैं। आशीष ने बताया सिस्टम में प्रमुख कार्य साइल माइश्चर सेंसर का है। यह सेंसर किस फसल को कितने पानी की जरूरत है, इसका स्तर मापेगा। जबकि डीएसटी 22 सेंसर फसल के वातावरण का टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी मापेगा।

इससे पता चलेगा कि खेत के किस हिस्से की फसल को कितनी मात्रा में पानी की जरूरत है। यह जानकारी होने पर क्यारी के माध्यम से पाइप से जिस हिस्से की फसल को जितनी मात्रा में पानी की जरूरत होगी, उतना ही दिया जाएगा। इससे उपज तो बेहतर ही होगी। पानी की बर्बादी और किसान की लागत भी कम होगी।

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