Gulzar Birthday Special- उस एक रात ने बदल दी गुलज़ार और राखी की जिंदगी, हो गए हमेशा के लिए अलग

राखी से पार्टी में हुई थी मुलाकात:-
गुलजार को राखी (Gulzar and Rakhi Relationship) पहली नज़र में ही पसंद आ गई थी। दोनों एक पार्टी के दौरान मिले थे। राखी भी गुलजार के करीब आने लगीं। फिर दोनों ने एक दूसरे से मिलना शुरू किया। फिर एक दूसरे को काफी दिन तक डेट करने के बाद दोनों ने 1973 में एक दूसरे से शादी कर ली। इसके बाद राखी फिल्मों में काम करना चालू रखना चाहती थीं। लेकिन गुलजार साहब को यह मंजूर नहीं था। इसी के चलते राखी ने फिल्मों से दूरी बना ली।उस रात ने बदल दी ज़िंदगी:-
1975 में फ़िल्म आई थी 'आंधी'। इस फ़िल्म की शूटिंग कश्मीर में चल रही थी। गुलजार और राखी वहीं पर मौजूद थे। दिन भर राखी अकेले अपने कमरे में रहती थीं क्योंकि गुलजार (Gulzar) अपने काम में व्यस्त रहते थे। एक दिन फ़िल्म की यूनिट के साथ पार्टी चल रही थी। इस पार्टी में संजीव कुमार नशे में थे और सुचित्रा से गलत व्यवहार कर रहे थे। इससे सुचित्रा काफी खफा हो गई थी। जिसको देखकर गुलजार उन्हें उनके कमरे में छोड़ने के लिए उनके साथ जा रहे थे। बीच में उन्हें राखी मिल गई। फिर दोनों को साथ में देखकर राखी भडक गई। दोनों के बीच में काफी लड़ाई भी हुई। बताया जाता है कि गुलजार ने उस समय राखी को मार भी दिया था। इसके बाद दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे। फिर राखी ने अपने मन का करना शुरू कर दिया। उन्होंने यश चोपड़ा की 'कभी-कभी' फ़िल्म के लिए भी हां कर दिया। आज तक दोनों एक दूसरे से अलग ही रहते हैं। राखी और गुलजार की बेटी मेघना (Gulzar's Daughter Meghana) एक बहुत ही फेमस फ़िल्म निर्माता भी बन चुकी है।।मेघना के निर्देशन में ही 'छपाक' और 'राजी' जैसी फिल्में बनी हैं।गुलजार को अवार्ड्स ने दिलाई सबसे अलग पहचान:-
गुलजार साहब इतनी ज्यादा उम्र के होने के बाद भी आज भी कई फिल्मों में गाने लिखते हैं। उनके बेहतरीन काम और योगदान के लिए 2004 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। फिर 2010 में गुलजार को 'जय हो' गाने के लिए ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया। इसी के साथ ही उन्हें 5 बार राष्ट्रीय और 20 बार फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है।।Hanshika Motwani Birthday Special- बाल कलाकार के रूप में हंसिका मोटवानी ने जीता लोगों का दिल
अगली खबर पढ़ें
राखी से पार्टी में हुई थी मुलाकात:-
गुलजार को राखी (Gulzar and Rakhi Relationship) पहली नज़र में ही पसंद आ गई थी। दोनों एक पार्टी के दौरान मिले थे। राखी भी गुलजार के करीब आने लगीं। फिर दोनों ने एक दूसरे से मिलना शुरू किया। फिर एक दूसरे को काफी दिन तक डेट करने के बाद दोनों ने 1973 में एक दूसरे से शादी कर ली। इसके बाद राखी फिल्मों में काम करना चालू रखना चाहती थीं। लेकिन गुलजार साहब को यह मंजूर नहीं था। इसी के चलते राखी ने फिल्मों से दूरी बना ली।उस रात ने बदल दी ज़िंदगी:-
1975 में फ़िल्म आई थी 'आंधी'। इस फ़िल्म की शूटिंग कश्मीर में चल रही थी। गुलजार और राखी वहीं पर मौजूद थे। दिन भर राखी अकेले अपने कमरे में रहती थीं क्योंकि गुलजार (Gulzar) अपने काम में व्यस्त रहते थे। एक दिन फ़िल्म की यूनिट के साथ पार्टी चल रही थी। इस पार्टी में संजीव कुमार नशे में थे और सुचित्रा से गलत व्यवहार कर रहे थे। इससे सुचित्रा काफी खफा हो गई थी। जिसको देखकर गुलजार उन्हें उनके कमरे में छोड़ने के लिए उनके साथ जा रहे थे। बीच में उन्हें राखी मिल गई। फिर दोनों को साथ में देखकर राखी भडक गई। दोनों के बीच में काफी लड़ाई भी हुई। बताया जाता है कि गुलजार ने उस समय राखी को मार भी दिया था। इसके बाद दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे। फिर राखी ने अपने मन का करना शुरू कर दिया। उन्होंने यश चोपड़ा की 'कभी-कभी' फ़िल्म के लिए भी हां कर दिया। आज तक दोनों एक दूसरे से अलग ही रहते हैं। राखी और गुलजार की बेटी मेघना (Gulzar's Daughter Meghana) एक बहुत ही फेमस फ़िल्म निर्माता भी बन चुकी है।।मेघना के निर्देशन में ही 'छपाक' और 'राजी' जैसी फिल्में बनी हैं।गुलजार को अवार्ड्स ने दिलाई सबसे अलग पहचान:-
गुलजार साहब इतनी ज्यादा उम्र के होने के बाद भी आज भी कई फिल्मों में गाने लिखते हैं। उनके बेहतरीन काम और योगदान के लिए 2004 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। फिर 2010 में गुलजार को 'जय हो' गाने के लिए ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया। इसी के साथ ही उन्हें 5 बार राष्ट्रीय और 20 बार फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है।।Hanshika Motwani Birthday Special- बाल कलाकार के रूप में हंसिका मोटवानी ने जीता लोगों का दिल
संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







