Gulzar Birthday Special- उस एक रात ने बदल दी गुलज़ार और राखी की जिंदगी, हो गए हमेशा के लिए अलग

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calendar18 Aug 2022 01:41 PM
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Gulzar Birthday Special- गुलजार की शायरी और लेखन ही उनकी पहचान है। इन्हें लफ़्ज़ों का जादूगर कहा जाता है। इस साल ये अपना 88वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। इनका जन्म 18 अगस्त 1934 में हुआ था। सिख परिवार में जन्मे गुलजार आज के समय के पाकिस्तान के पंजाब में पैदा हुए थे। आजादी के समय जब भारत का बंटवारा हुआ तो गुलजार भारत के अमृतसर (Amritsar Punjab) में आकर रहने लगे। यहां उनका मन नहीं लगा इसीलिए वो मुंबई (Mumbai) रवाना हो गए। मुंबई जाकर तो गुलजार की मानो ज़िंदगी ही बदल गई। वो गुलजार से मशहूर लेखक, शायर, गीतकार, निर्देशक, और निर्माता बन गए। इनकी निजी जिंदगी की कहानी भी काफी दिलचस्प है। बस एक रात का सिलसिला था और ये अपनी पत्नी से अलग हो गए।

राखी से पार्टी में हुई थी मुलाकात:-

गुलजार को राखी (Gulzar and Rakhi Relationship) पहली नज़र में ही पसंद आ गई थी। दोनों एक पार्टी के दौरान मिले थे। राखी भी गुलजार के करीब आने लगीं। फिर दोनों ने एक दूसरे से मिलना शुरू किया। फिर एक दूसरे को काफी दिन तक डेट करने के बाद दोनों ने 1973 में एक दूसरे से शादी कर ली। इसके बाद राखी फिल्मों में काम करना चालू रखना चाहती थीं। लेकिन गुलजार साहब को यह मंजूर नहीं था। इसी के चलते राखी ने फिल्मों से दूरी बना ली।

उस रात ने बदल दी ज़िंदगी:-

1975 में फ़िल्म आई थी 'आंधी'। इस फ़िल्म की शूटिंग कश्मीर में चल रही थी। गुलजार और राखी वहीं पर मौजूद थे। दिन भर राखी अकेले अपने कमरे में रहती थीं क्योंकि गुलजार (Gulzar) अपने काम में व्यस्त रहते थे। एक दिन फ़िल्म की यूनिट के साथ पार्टी चल रही थी। इस पार्टी में संजीव कुमार नशे में थे और सुचित्रा से गलत व्यवहार कर रहे थे। इससे सुचित्रा काफी खफा हो गई थी। जिसको देखकर गुलजार उन्हें उनके कमरे में छोड़ने के लिए उनके साथ जा रहे थे। बीच में उन्हें राखी मिल गई। फिर दोनों को साथ में देखकर राखी भडक गई। दोनों के बीच में काफी लड़ाई भी हुई। बताया जाता है कि गुलजार ने उस समय राखी को मार भी दिया था। इसके बाद दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे। फिर राखी ने अपने मन का करना शुरू कर दिया। उन्होंने यश चोपड़ा की 'कभी-कभी' फ़िल्म के लिए भी हां कर दिया। आज तक दोनों एक दूसरे से अलग ही रहते हैं। राखी और गुलजार की बेटी मेघना (Gulzar's Daughter Meghana) एक बहुत ही फेमस फ़िल्म निर्माता भी बन चुकी है।।मेघना के निर्देशन में ही 'छपाक' और 'राजी' जैसी फिल्में बनी हैं।

गुलजार को अवार्ड्स ने दिलाई सबसे अलग पहचान:-

गुलजार साहब इतनी ज्यादा उम्र के होने के बाद भी आज भी कई फिल्मों में गाने लिखते हैं। उनके बेहतरीन काम और योगदान के लिए 2004 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। फिर 2010 में गुलजार को 'जय हो' गाने के लिए ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया। इसी के साथ ही उन्हें 5 बार राष्ट्रीय और 20 बार फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है।।
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Daler Mehndi Birthday Special- बिग बी के एक फोन ने बदल दी दलेर मेंहदी की ज़िंदगी

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userचेतना मंच
calendar18 Aug 2022 01:28 PM
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Daler Mehndi Birthday Special- दलेर मेहंदी एक मशहूर पॉप गायक हैं। इनके गाने सबको थिरकने पर मजबूर कर ही देते हैं। इनकी आवाज़ के जलवे तो हर तरफ हैं। भारत में ऐसी कोई शादी नहीं होती जिसमें दलेर मेहंदी का 'ना ना ना रे' गाना न चले। बिना इसके तो शादी ही मानो अधूरी है। दलेर मेहंदी सिंगर होने के साथ-साथ रिकॉर्ड प्रोड्यूसर और राइटर भी हैं। इनका जन्म 18 अगस्त 1967 में बिहार राज्य के पटना में हुआ था। आइये इनके जन्मदिन पर जानते हैं कि बिग बी के एक कॉल ने कैसे बदल के रख दी इनकी ज़िंदगी।

दलेर मेहंदी ने 11 साल की उम्र में छोड़ा था घर:-

ये जानकर आपको आश्चर्य ज़रूर हुआ होगा कि मेहंदी ने 11 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। यह बात बिल्कुल सच है। 11 वर्ष की उम्र में दलेर मेहंदी ने संगीत सीखने के लिए घर छोड़ दिया था। जब ये 13 साल के थे तब पहली बार इन्होंने लोगों के सामने गाना गाया। बस यहीं से उनकी ज़िंदगी में एक ऐसा मोड़ आया जिसके बाद इनकी ज़िंदगी में काफी बदलाव हुआ।

ऐसे पड़ा उनका नाम दलेर:-

दलेर के नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। दरअसल दलेर के जो माता-पिता थे वो डाकू दलेर सिंह से बहुत ज्यादा प्रभावित थे। यही कारण है कि उससे प्रभावित होकर उन्होंने अपने बेटे का नाम दलेर रख दिया था। फिर जब दलेर ने गायकी में कदम रखा तो उनका नाम परवेज मेहंदी के नाम की तरह ही रख दिया गया और उनके नाम में मेहंदी जोड़ दिया गया। बस यहीं से दलेर मेहंदी मशहूर हो गए।

पहली बार किया बिग बी के साथ काम:-

दलेर पंजाबी (Pop Singer Daler Mehndi) इंडस्ट्री में कमाल मचा ही रहे थे। लेकिन बॉलीवुड में उन्होंने कदम नहीं रखा था। दलेर बस बिग बी के बुलावे का इंतज़ार कर रहे थे। एक बार उनके किसी मित्र ने उनसे पूछा भी था कि वो बॉलीवुड में कब जा रहे तब उन्होंने कहा था कि जब पाजी बुला लें। पाजी से उनके मित्र को धर्मेंद्र लगा लेकिन फिर मेहंदी ने यह क्लियर कर दिया कि पाजी से उनका मतलब अमिताभ बच्चन से था। इस पर उनके दोस्त ने उनसे यह भी कहा कि भला वो तुम्हें क्यों बुलाएंगे। तब उन्होंने बोला था कि ज़रूर बुलाएंगे। फिर इस बातचीत के ठीक 2 महीने बाद बिग बी का दलेर मेहंदी के पास फोन आया। फिर बिग बी के साथ उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा।

1995 में मेहंदी ने बनाया रिकॉर्ड:-

दलेर मेहंदी (Daler Mehndi Songs) का गाना 'ना ना ना रे' गाना 1995 में आया था। यह गाना बहुत ज्यादा पॉपुलर हुआ। यह इतना ज्यादा पॉपुलर है कि आज भी लोग इस गाने के दीवाने हैं। उस समय यह बहुत ज्यादा पॉपुलर हुआ था। यह इतना चला कि कुछ ही समय में इस गाने की 20 मिलियन कॉपी बिक गई थी। फ़िल्म बाहुबली में भी दलेर मेहंदी ने गाना गाया है। फ़िल्म का थीम सांग 'जियो रे बाहुबली' लोगों ने बहुत पसंद किया। इसके अलावा अक्सर ये विवादों में भी घिरे रहते हैं और आए दिन इनको लेकर कोई न कोई विवादित खबर सामने आती रहती है।
Sachin Birthday Special- बचपन से ही फिल्मों में काम करने लगे ' नदिया के पार' के चंदन
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Sachin Birthday Special- बचपन से ही फिल्मों में काम करने लगे 'नदिया के पार' के चंदन

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calendar01 Dec 2025 05:54 PM
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Sachin Birthday Special- नदिया के पार फ़िल्म के चंदन के किरदार को भला कौन भूल सकता है। गुंजा के प्यार में पागल चंदन का असल नाम सचिन पिलगांवकर (Sachin Pilganvkar) है। इनका जन्म 17 अगस्त को हुआ था। सचिन ने बहुत छोटी सी उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। फिल्मों में काम करना इनका सपना था।

1975 में किया फिल्मों में डेब्यू:-

इन्होंने 1962 में पहली बार मराठी फिल्म से बाल कलाकार के तौर पर डेब्यू किया था। करीब 15 से भी ज्यादा फिल्मों में सचिन (Sachin as child artist) बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम कर चुके हैं। फिर 1975 में सचिन ने गीत गाता फ़िल्म से एक्टर के तौर पर डेब्यू किया। सचिन मल्टी टैलेंटेड हैं। उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में तो काम किया ही है। इसी के साथ उन्होंने मराठी फिल्मों में भी अभिनय करके लोगों का दिल जीता है। एक्टर होने के साथ ही सचिन एक लेखक, गायक, निर्देशक और निर्माता भी हैं। बहुत सारी फिल्मों में सचिन ने बखूबी काम किया है। इसी के साथ ही आप सभी 80-90 के दशक के मशहूर टीवी शो तू-तू, मैं-मैं को कैसे भूल सकते हैं। यह शो ज़बरदस्त हिट हुआ था। इसका निर्देशन सचिन के द्वारा ही किया गया था।

सुप्रिया पिलगांवकर से 27 की उम्र में की शादी:-

सचिन और सुप्रिया की जोड़ी तो एक मिसाल है। दोनों एक दूसरे से मराठी फिल्म के सेट पर मिले थे। बस यहीं से दोनों की लव स्टोरी की शुरुआत हुई। फिल्मों की शूटिंग के दौरान दोनों एक दूसरे के करीब आए और फिर एक दूसरे को डेट करने लगे। फिर अपने रिश्ते को इन्होंने शादी में तब्दील करने के बारे में सोचा। सचिन और सुप्रिया ने 1985 में सात फेरे लिए। दोनों की एक बेटी भी है। अगर अभी की बात करें तो सचिन अभी भी फिल्मों में एक्टिव हैं और कई फिल्मों में साइड रोल करते हुए नज़र आ चुके हैं।
Saif Ali Khan Birthday Special- 5 सालों तक लिवइन रिलेशनशिप में रहने के बाद रचाई थी करीना से शादी