Dollar Value: डाॅलर के मुकाबले रुपये हो रहा कमज़ोर, जान लेते हैं इसकी प्रक्रिया

रुपये कैसे होता है कमजोर
डॉलर की तुलना में अगर किसी भी मुद्रा का मूल्य घटना शुरु हो जाती है तो उसे मुद्रा का गिरना, टूटना या कमजोर होना समझा जाता है। अंग्रेजी में इसे 'करेंसी डेप्रिसिएशन' कहा जाता है। रुपये की कीमत कैसे घटती-बढ़ती रहती है, ये पूरा खेल अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित माना जाता है।इस तरह से समझे गणित
अभी एक डॉलर की कीमत को लेकर बात करें तो 77.32 रुपये पर पहुंच गई है। हम इसे मोटा-मोटी 77 रुपये समझ लेते हैं। अमेरिका के पास 77,000 रुपये मौजूद है और भारत के पास 1 हजार डाॅलर हो गया है। अभी को कुछ खरीदना है जिसकी कीमत 7,700 रुपये हो चुकी है तो इसके लिए 100 डाॅलर देना होता है।अगली खबर पढ़ें
रुपये कैसे होता है कमजोर
डॉलर की तुलना में अगर किसी भी मुद्रा का मूल्य घटना शुरु हो जाती है तो उसे मुद्रा का गिरना, टूटना या कमजोर होना समझा जाता है। अंग्रेजी में इसे 'करेंसी डेप्रिसिएशन' कहा जाता है। रुपये की कीमत कैसे घटती-बढ़ती रहती है, ये पूरा खेल अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित माना जाता है।इस तरह से समझे गणित
अभी एक डॉलर की कीमत को लेकर बात करें तो 77.32 रुपये पर पहुंच गई है। हम इसे मोटा-मोटी 77 रुपये समझ लेते हैं। अमेरिका के पास 77,000 रुपये मौजूद है और भारत के पास 1 हजार डाॅलर हो गया है। अभी को कुछ खरीदना है जिसकी कीमत 7,700 रुपये हो चुकी है तो इसके लिए 100 डाॅलर देना होता है।संबंधित खबरें
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