Punjab Kisan Andolan किसानों का चंडीगढ़ में दिल्ली जैसा प्रदर्शन, स्थायी मोर्चा लगाया

Punjab Kisan Andolan : पंजाब के किसानों ने दिल्ली बार्डर जैसा मोर्चा चंडीगढ़ - मोहाली बार्डर पर शुरू कर दिया है। किसान चंडीगढ़ - मोहाली बार्डर पर स्थायी मोर्चा लगा कर बैठे हुए हैं। कल शुरू हुआ यह धरना बुधवार सुबह काे भी जारी है। किसान टैक्टर लेकर वहां पहुंचे हैं। दरअसल वे चंडीगढ़ में ट्रैक्टर निकालना चाहते थे। बार्डर सील होने के कारण उन्होंंने धरना शुरू कर दिया। किसानों के मोर्चा के कारण चंडीगढ़ और मोहाली के बीच यातायात प्रभावित हुआ है। किसानों की आज सीएम भगवंत मान के साथ वार्ता होने की उम्मीद है।
Punjab Kisan Andolan
आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को धान रोपाई की तारीख में बदलाव, गेहूं का दाना सिकुड़ने से हुए नुकसान का मुआवजा न दिए जाने के विरोध में वाइपीएस चौक के पास स्थायी तौर मोर्चा शुरू किया। किसान अपनी 13 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात करना चाहते थे । लेकिन, भगवंत मान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए दिल्ली चले गए तो किसानों ने चंडीगढ़ में प्रवेश करने के बाद वाईपीएस चौक पर पक्का मोर्चा लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
किसान संगठनों के सदस्य करीब 200 टैक्ट्रर ट्रालियों में चंडीगढ़ - मोहाली बार्डर पर पहुंचे हैं। वे स्थायी मोर्चा लगाने के लिए राशन के साथ पहुंंचे हैं। ऐसे में यह आंदोलन लंबा भी खिंच सकता है और इससे चंडीगढ़ व माेहाली के बीच सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित होगा।
मंगलवार देर शाम दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए किसानों को फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन किसानों के प्रति नाराजगी जताते हुए धरने को गैरजरूरी बताया। मान ने कहा, 'मुर्दाबाद के नारे लगाने से मुलाकात नहीं होती। मैं धरती को बचाने का प्रयास कर रहा हूं, किसान कम से कम एक साल तो मेरा साथ दें।'
भाकियू नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार को मांगों के संबंध में ज्ञापन दिए गए हैं लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को राजी नहीं है। अगर मांगें न मानी गईं तो दिल्ली की तरह मोर्चा खोल दिया जाएगा। किसान करीब 200 ट्रैक्टर-ट्रालियों में राशन लेकर यहा पहुंचे हैं।
मान ने किसानों से नाराजगी जताते हुए उलाहना दिया कि बटाला में गेहूं की जलती नाड़ में गिरे 10 बच्चे अपनी अच्छी किस्मत के कारण बच गए और डेराबस्सी में दो मासूम जिंदा जल गए, तब इन संगठनों ने एक बार भी आवाज क्यों नहीं उठाई? मैं भी किसान का बेटा हूं और जानता हूं कि धान लगाने की तारीख 10 जून से बढ़ाकर 18 जून करने से क्या नुकसान हो सकता है, परंतु पंजाब के पानी को बचाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मेरा इस पानी पर कोई पेटेंट राइट नहीं है। मैं इसे किसी कंपनी को बेचने वाला नहीं हूं। मैं तो केवल गुरु नानक देव जी के पवन गुरु, पानी पिता के वाक्य को सही अथरें में पूरा करना चाहता हूं। मुझे समय दें और एक साल तक मेरा साथ दें। मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपको (किसानों को) कोई घाटा पड़ने नहीं दूंगा। सरकार ने मूंग की फसल एमएसपी पर उठाने का वादा किया है और बासमती भी एमएसपी पर खरीदने को तैयार है। बस, किसान कुछ समय के लिए साथ दें।
सूत्रों के अनुसार आज कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री मान सुबह साढ़े 10 बजे किसान संगठनों के नेताओं के साथ मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
किसानों के बड़े धरने को देखते हुए मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं लोगों की परेशानी को देखते हुए रूट डायवर्ट कर दिया है। गुरुद्वारा ¨सह शहीदां से सेक्टर-70 के लाइट प्वाइंट से फेज-5 की तरफ, फेज-10 से फेज-7 की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड, चंडीगढ़ से मोहाली आने वाले ट्रैफिक को सेक्टर 52 और 3बी2 से फेज-10 की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को सेक्टर-70 की ओर डायवर्ट किया गया।
Punjab Kisan Andolan : पंजाब के किसानों ने दिल्ली बार्डर जैसा मोर्चा चंडीगढ़ - मोहाली बार्डर पर शुरू कर दिया है। किसान चंडीगढ़ - मोहाली बार्डर पर स्थायी मोर्चा लगा कर बैठे हुए हैं। कल शुरू हुआ यह धरना बुधवार सुबह काे भी जारी है। किसान टैक्टर लेकर वहां पहुंचे हैं। दरअसल वे चंडीगढ़ में ट्रैक्टर निकालना चाहते थे। बार्डर सील होने के कारण उन्होंंने धरना शुरू कर दिया। किसानों के मोर्चा के कारण चंडीगढ़ और मोहाली के बीच यातायात प्रभावित हुआ है। किसानों की आज सीएम भगवंत मान के साथ वार्ता होने की उम्मीद है।
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आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को धान रोपाई की तारीख में बदलाव, गेहूं का दाना सिकुड़ने से हुए नुकसान का मुआवजा न दिए जाने के विरोध में वाइपीएस चौक के पास स्थायी तौर मोर्चा शुरू किया। किसान अपनी 13 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात करना चाहते थे । लेकिन, भगवंत मान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए दिल्ली चले गए तो किसानों ने चंडीगढ़ में प्रवेश करने के बाद वाईपीएस चौक पर पक्का मोर्चा लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
किसान संगठनों के सदस्य करीब 200 टैक्ट्रर ट्रालियों में चंडीगढ़ - मोहाली बार्डर पर पहुंचे हैं। वे स्थायी मोर्चा लगाने के लिए राशन के साथ पहुंंचे हैं। ऐसे में यह आंदोलन लंबा भी खिंच सकता है और इससे चंडीगढ़ व माेहाली के बीच सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित होगा।
मंगलवार देर शाम दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए किसानों को फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन किसानों के प्रति नाराजगी जताते हुए धरने को गैरजरूरी बताया। मान ने कहा, 'मुर्दाबाद के नारे लगाने से मुलाकात नहीं होती। मैं धरती को बचाने का प्रयास कर रहा हूं, किसान कम से कम एक साल तो मेरा साथ दें।'
भाकियू नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार को मांगों के संबंध में ज्ञापन दिए गए हैं लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को राजी नहीं है। अगर मांगें न मानी गईं तो दिल्ली की तरह मोर्चा खोल दिया जाएगा। किसान करीब 200 ट्रैक्टर-ट्रालियों में राशन लेकर यहा पहुंचे हैं।
मान ने किसानों से नाराजगी जताते हुए उलाहना दिया कि बटाला में गेहूं की जलती नाड़ में गिरे 10 बच्चे अपनी अच्छी किस्मत के कारण बच गए और डेराबस्सी में दो मासूम जिंदा जल गए, तब इन संगठनों ने एक बार भी आवाज क्यों नहीं उठाई? मैं भी किसान का बेटा हूं और जानता हूं कि धान लगाने की तारीख 10 जून से बढ़ाकर 18 जून करने से क्या नुकसान हो सकता है, परंतु पंजाब के पानी को बचाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मेरा इस पानी पर कोई पेटेंट राइट नहीं है। मैं इसे किसी कंपनी को बेचने वाला नहीं हूं। मैं तो केवल गुरु नानक देव जी के पवन गुरु, पानी पिता के वाक्य को सही अथरें में पूरा करना चाहता हूं। मुझे समय दें और एक साल तक मेरा साथ दें। मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपको (किसानों को) कोई घाटा पड़ने नहीं दूंगा। सरकार ने मूंग की फसल एमएसपी पर उठाने का वादा किया है और बासमती भी एमएसपी पर खरीदने को तैयार है। बस, किसान कुछ समय के लिए साथ दें।
सूत्रों के अनुसार आज कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री मान सुबह साढ़े 10 बजे किसान संगठनों के नेताओं के साथ मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
किसानों के बड़े धरने को देखते हुए मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं लोगों की परेशानी को देखते हुए रूट डायवर्ट कर दिया है। गुरुद्वारा ¨सह शहीदां से सेक्टर-70 के लाइट प्वाइंट से फेज-5 की तरफ, फेज-10 से फेज-7 की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड, चंडीगढ़ से मोहाली आने वाले ट्रैफिक को सेक्टर 52 और 3बी2 से फेज-10 की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को सेक्टर-70 की ओर डायवर्ट किया गया।







