अब बारिश नहीं बिगाड़ेगी सफर, हाईवे पर मिलेगा पल-पल का वेदर अलर्ट

Meghdoot App : मानसून के दौरान नेशनल हाईवे पर जलभराव, भूस्खलन और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से निपटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। अब यात्रियों को न केवल रास्तों की ताजा स्थिति की जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें मौसम संबंधी अपडेट भी रियल टाइम में उपलब्ध कराए जाएंगे।
NHAI की यह पहल AI-बेस्ड इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत कार्य करेगी। इसके जरिए NHAI राजमार्ग यात्रा ऐप और भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मेघदूत ऐप के माध्यम से ड्राइवरों और यात्रियों को मोबाइल अलर्ट भेजे जाएंगे। बारिश, जलभराव या लैंडस्लाइड जैसी स्थिति की अग्रिम सूचना से लोग समय रहते वैकल्पिक मार्ग चुन सकेंगे, जिससे यात्रा ज्यादा सुरक्षित और तनावमुक्त होगी।
ड्रोन से होगी जलभराव की निगरानी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, इस बार मानसून में नेशनल हाईवे की सुरक्षा में ड्रोन भी प्रमुख भूमिका निभाएंगे। इन ड्रोन की मदद से हाईवे की सतह, ढलानों और फुटपाथ की दरारों की निगरानी की जाएगी। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने की व्यवस्था भी रहेगी। जहां जरूरी होगा, वहां इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को तैनात किया जाएगा।
15 दिन का विशेष निरीक्षण अभियान
NHAI ने एक 15 दिवसीय अभियान की शुरुआत की है, जिसमें अधिकारी, ठेकेदार और तकनीकी सलाहकार हाईवे के उन हिस्सों की गहन जांच कर रहे हैं जो संभावित रूप से जलभराव या भूस्खलन से प्रभावित हो सकते हैं। इस निरीक्षण का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी जल निकासी मार्ग, पुल और पुलियों की स्थिति मानसून के दबाव को झेलने लायक हो। NHAI की यह रणनीति लाखों हाईवे यात्रियों को राहत देने वाली साबित हो सकती है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नेशनल हाईवे पर जलभराव, ट्रैफिक में अवरोध और दुर्घटनाओं की आशंका को न्यूनतम किया जाए। तकनीक और निगरानी के संयोजन से अब मानसून में भी हाईवे यात्रा अपेक्षाकृत सुरक्षित और व्यवस्थित हो सकेगी। Meghdoot App
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ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।Meghdoot App : मानसून के दौरान नेशनल हाईवे पर जलभराव, भूस्खलन और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से निपटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। अब यात्रियों को न केवल रास्तों की ताजा स्थिति की जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें मौसम संबंधी अपडेट भी रियल टाइम में उपलब्ध कराए जाएंगे।
NHAI की यह पहल AI-बेस्ड इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत कार्य करेगी। इसके जरिए NHAI राजमार्ग यात्रा ऐप और भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मेघदूत ऐप के माध्यम से ड्राइवरों और यात्रियों को मोबाइल अलर्ट भेजे जाएंगे। बारिश, जलभराव या लैंडस्लाइड जैसी स्थिति की अग्रिम सूचना से लोग समय रहते वैकल्पिक मार्ग चुन सकेंगे, जिससे यात्रा ज्यादा सुरक्षित और तनावमुक्त होगी।
ड्रोन से होगी जलभराव की निगरानी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, इस बार मानसून में नेशनल हाईवे की सुरक्षा में ड्रोन भी प्रमुख भूमिका निभाएंगे। इन ड्रोन की मदद से हाईवे की सतह, ढलानों और फुटपाथ की दरारों की निगरानी की जाएगी। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने की व्यवस्था भी रहेगी। जहां जरूरी होगा, वहां इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को तैनात किया जाएगा।
15 दिन का विशेष निरीक्षण अभियान
NHAI ने एक 15 दिवसीय अभियान की शुरुआत की है, जिसमें अधिकारी, ठेकेदार और तकनीकी सलाहकार हाईवे के उन हिस्सों की गहन जांच कर रहे हैं जो संभावित रूप से जलभराव या भूस्खलन से प्रभावित हो सकते हैं। इस निरीक्षण का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी जल निकासी मार्ग, पुल और पुलियों की स्थिति मानसून के दबाव को झेलने लायक हो। NHAI की यह रणनीति लाखों हाईवे यात्रियों को राहत देने वाली साबित हो सकती है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नेशनल हाईवे पर जलभराव, ट्रैफिक में अवरोध और दुर्घटनाओं की आशंका को न्यूनतम किया जाए। तकनीक और निगरानी के संयोजन से अब मानसून में भी हाईवे यात्रा अपेक्षाकृत सुरक्षित और व्यवस्थित हो सकेगी। Meghdoot App







