make money trick एक स्कूली छात्र कैसे बन गया मालामाल, स्कूल में करता था ये काम

make money trick एक स्कूली छात्र कैसे बन गया मालामाल, स्कूल में करता था ये काम
locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Feb 2022 08:32 PM
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make money trick : प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, इस कहावत को (make money trick) अमेरिका के एक बच्चे ने सच कर दिखाया है। वहां पर एक छात्र ने दिमाग लगाया और स्कूल के खाली समय में ऐसा काम किया, जिससे उसकी काफी आमदनी होने लगी। साथ ही उसकी चर्चा अब दुनियाभर में हो रही है।

दरअसल शिकागो का एक छात्र सभी बच्चों की तरह स्कूल पढ़ने जाता था, लेकिन जब खाली पीरियड होता तो वो वॉफल बेचकर पैसे कमाने लगता। कुछ ही दिनों में उसका ये आइडिया हिट साबित हुआ। छात्रों को ये आइडिया काफी पसंद आया, वो उस बच्चे को अपना हीरो मान रहे थे, लेकिन स्कूल ने इसे गंभीर मामला मानते हुए उसे निकाल दिया। एक अमेरिकी पोर्टल के अनुसार बच्चे ने स्कूल के एक खाली कमरे में वॉफल मेकर मशीन लगा दी थी। इससे वो वॉफल बनाकर वहां के बच्चों के बेचने लगा। शुरू में स्कूल मैनेजमेंट को इस बात का पता भी नहीं चला और वो कम उम्र का लड़का पैसे कमाता गया, लेकिन दो हफ्ते बाद उसकी पोल खुल गई। जिस पर उसे तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। वैसे ये लड़का अब शिकागो में फेमस हो गया है। जिस वजह से कमेडियन जैकी ने भी उसके समर्थन में ट्वीट किया। जिस पर लोग जमकर मजे ले रहे हैं। इसके अलावा बहुत से लोगों ने बच्चे का समर्थन करते हुए उसके निलंबन को गलत बताया। वैसे अब लोग उसे 'वॉफल मैन' कहकर बुला रहे हैं। कमेडियन के ट्वीट पर एक शख्स ने कमेंट करके बताया कि उसका बेटा भी इसी तरह का था। वो स्कूल में हैलोवीन कैंडी बेचता था। कुछ दिनों में उनकी सेल इतनी बढ़ गई कि उसने स्कूल के दो कर्मचारियों को काम पर रख लिया। हालांकि बाद में वो भी मुश्किल में पड़ गया था। एक दूसरे शख्स ने कमेंट कर लिखा कि बच्चा भविष्य का बेहतरीन बिजनेसमैन है, स्कूल को उसकी कद्र करनी चाहिए।

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UP assembly elections आखिर अब क्यों नहीं रहा निर्दलीयों का बोलबाला

UP assembly elections आखिर अब क्यों नहीं रहा निर्दलीयों का बोलबाला
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:40 PM
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UP assembly elections :  पांच राज्यों में विधानसभा की सरगर्मी तेजी से चल रही है। (UP assembly elections) हाल यह है कि कड़ाके की ठंड और रिमझिम बारिश की बौछारें पड़ने पर भी चुनावी गतिविधियों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। एक समय था जब उत्तर प्रदेश में में निर्दलीय प्रत्याशियों का काफी बोलबाला रहता था।​ विधानसभा में निर्दलीयों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। आपको बता दें कि 1989 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में 40 निर्दलीय जीतकर आए थे, वहीं 2017 में इनकी संख्या घटकर केवल तीन तक पहुंच गई है। निर्दलीय विधायकों की विधानसभा में लगातार कमी आने के पीछे कई वजहें हैं। सबसे बड़ी वजह यूपी की राजनीति में जातीय समीकरण है। इसकी वजह से अब जनता निर्दलीय उम्मीदवारों को तवज्जो नहीं दे रही है।

[caption id="attachment_16267" align="alignnone" width="506"]UP assembly elections आखिर अब क्यों नहीं रहा निर्दलीयों का बोलबाला UP assembly elections आखिर अब क्यों नहीं रहा निर्दलीयों का बोलबाला[/caption]

आजादी के बाद शुरुवाती तीन चार विधानसभा चुनावों तक ऐसा देखने को मिल रहा था कि दलीय प्रत्याशियों के खिलाफ यदि तगड़ा निर्दलीय होता था तो जनता को उसका समर्थन भी मिलता था। कहने का मतलब ये है कि पहले चेहरा मायने रखता था राजनीतिक दल नहीं। हांलाकि पहले राजनीतिक दलों की संख्या भी आज के मुकाबले काफी कम थी। निर्दलीय उम्मीदवारों में राजा, जमीदार या समाजसेवा से जुड़े लोग होते थे। लेकिन मौजूदा समय में जातीय समीकरण के आधार पर राजनीतिक दलों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। इसलिए निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या में काफी कमी आई है।

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पिछले चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या कम होने के बाद भी जितने वालों की संख्या दहाई के अंक में ही होती थी। 1989 में 40 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 1957 में 39 निर्दलीय जीते थे। कई बार निर्दलियों की संख्या 20 से ज्यादा हुआ करती थी। लेकिन 2002 के बाद निर्दलीय विधायकों कि संख्या लगातार घटती चली गई। 2002 के विधानसभा चुनाव में 16 निर्दलीय विधायक ही चुने गए थे। इसके बाद 2007 के चुनाव में 9, 2012 के चुनाव में 6 और 2017 के चुनाव में केवल 3 उम्मीदवार ही जीतकर विधानसभा पहुंच पाए। उत्तर प्रदेश चुनाव में निर्दलियों का दखल इस कदर था कि 60 के दशक में उन्होंने एकबार उत्तर प्रदेश की सरकार गिरा दी थी। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि 1967 में कांग्रेस को 425 सीटों में 199 सीट मिली थी। जनसंघ को 98 सीटें मिली थी जबकि 37 निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इस परिस्थिति में निर्दलियों की भुला अहम हो गई थी। कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रभानु गुप्ता चुने गए थे। उन्होंने 223 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा था। गुप्त ने सरकार तो बना ली लेकिन कांग्रेसी विधायकों के टूटने और निर्दलियों के विपक्ष से हाथ मिलाने की वजह से 11 दिन में ही सरकार गिर गई थी।

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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पहले जातीय समीकरण उतना हावी नहीं था। लोग सेवाभाव से प्रेरित होकर राजनीति में आते थे और पूरे पांच साल तक अपने क्षेत्र में सक्रिय रहते थे। अस्सी के दशक से पहले स्वतंत्रता आंदोलन का भी असर था। उस समय ऐसा देखा जाता था कि लोग सेवाभाव से लगे रहते थे। उन्हें पैसा, पॉवर और पोजीशन से कोई मतलब नहीं होता था। आज की तुलना में राजनीतिक दल भी कम थे जिससे इतनी चुनौतियां नहीं थीं। जो लोग सक्रिय होते थे वो चुनाव जीत जाते थे। जनता भी राजनीतिक दलों के बजाए योग्य निर्दलीय उम्मीदवारों पर भरोसा करती थी। यही कारण है कि अस्सी के दशक के बाद एक तरफ जहां राजनीतिक दलों की संख्या में वृद्धि हुई वहीं दूसरी ओर जातीय समीकरण हावी होता चला गया। अब सबकुछ जातीय समीकरण पर ही तय होता है और चुनाव भी खर्चीला हो गया। यही वजह है कि अब निर्दलियों की संख्या में कमी आ रही है।

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UP Chunav: दादरी में अखिलेश यादव ने सम्राट मिहिर भोज को सम्मान देकर जीता गुर्जर समाज का दिल

UP Chunav: दादरी में अखिलेश यादव ने सम्राट मिहिर भोज को सम्मान देकर जीता गुर्जर समाज का दिल
locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Feb 2022 07:43 PM
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UP Chunav 2022: ग्रेटर नोएडा। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और रालोद गठबंधन के नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) गुरुवार देर रात को दादरी पहुंचकर चुनावी तपिश को और अधिक बढ़ा गए। हालांकि नाइट कर्फ्यू (Noida Night Curfew) के चलते जिला प्रशासन ने उन्हें विजय यात्रा रथ से नीचे नहीं उतरने दिया। लेकिन फिर भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी ने दादरी (Dadri News) में विजय यात्रा रथ पर खड़े होकर सम्राट मिहिर भोज के सम्मान में उनकी तस्वीर को माथे से लगाते हुए गुर्जर समाज का दिल जीत लिया। इस दौरान खराब मौसम व बूंदाबांदी के बावजूद देर रात को भी लुहारली, बील अकबरपुर, दादरी, तिलपता, सूरजपुर, बिसरख, पतवाड़ी और गौर सिटी पर हजारों की संख्या में समर्थक गठबंधन के दौनों नेताओं की एक झलक पाने के लिए डटे रहे। सभी स्थानों पर विजय यात्रा रथ पर सवार अखिलेश यादव समर्थकों का अभिवादन करते हुए नोएडा (Noida News) के लिए रवाना हो गए। गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी का बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर (Noida News) में चुनावी (UP Chunav) दौरा था। लेकिन बुलंदशहर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में ही विजय यात्रा को काफी समय लग गया। ऐसे में दादरी विधानसभा (Dadri News) में जगह जगह गठबंधन के समर्थक शाम 5 बजे से ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी के इंतजार में डटे रहे। लेकिन रात करीब 11:30 बजे समाजवादी विजय यात्रा रथ लुहारली टोल पर पहुंचा। जहां किसानों ने बड़ी संख्या में अपने ट्रेक्टरों के साथ उनका स्वागत किया। हम काम करने वाले लोग हैं, वो आराम करने वाले: कृपाराम शर्मा वहीं अखिलेश यादव ने दादरी (Dadri News) से समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन (UP Chunav) के प्रत्याशी राजकुमार भाटी, वरिष्ठ नेता व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गजराज नागर, फकीरचंद नागर और अतुल शर्मा को ससम्मान अपने साथ रथ में बैठा लिया। जिसके बाद उनका विजय यात्रा रथ बील अकबरपुर होते हुए दादरी पहुंचा। जहां लोगों ने गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए व्यवस्था की हुई थी। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों व उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने नाइट कर्फ्यू का हवाला देते हुए उन्हें विजय रथ से नीचे उतरने से रोक दिया। ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने प्रत्याशी राजकुमार भाटी और गजराज नागर के साथ रथ पर खड़े होकर लोगों के द्वारा भेंट की गई गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की तस्वीर को हाथों में उठाकर माथे से लगाते हुए सम्मान किया और लोगों का अभिवादन किया। जिस पर समर्थकों ने जमकर जिंदाबाद के नारे लगाए और पुष्प वर्षा करते हुए आतिशबाजी से उनका स्वागत किया। वहीं कुछ कार्यकर्ताओं के द्वारा उन्हें गदा भी भेंट की गई। हालांकि इस दौरान समर्थकों ने कोविड प्रोटोकॉल की भी जमकर धज्जियां उडाई। वहीं पुलिस को भी भारी भीड़ के बीच समाजवादी विजय यात्रा रथ को आगे निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जिसके बाद भी गठबंधन समर्थकों ने तिलपता, सूरजपुर, बिसरख और गौर सिटी आदि स्थानों पर समाजवादी विजय यात्रा रथ का जोरदार स्वागत किया। जिसके बाद विजय यात्रा रथ नोएडा विधानसभा (Noida News) में प्रवेश कर गया।