Children’s Day- 'आज के बच्चे कल का भारत', क्या था चाचा नेहरू का वो प्रसिद्ध भाषण

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Nov 2023 03:01 PM
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Jawahar Lal Nehru Birthday and Children’s Day Special- आज आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती है। इनका जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। इन्हें बच्चों से इतना अधिक प्यार था कि इन्हें चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता था। बच्चों के प्रति उनके लगाव को देखते हुए भारत की संसद में यह फैसला लिया कि इनके जन्मदिन के अवसर को बाल दिवस के रुप में मनाया जाए। यही वजह है कि प्रतिवर्ष 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है।

बाल दिवस का इतिहास (History of Children’s Day)-

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर प्रतिवर्ष देशभर में बाल दिवस (Children’s Day on Jawahar Lal Nehru Birthday) मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे और वह उन्हें हमारे देश का भविष्य मानते थे। अपनी एक प्रसिद्ध भाषण में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने कहा था कि – “आज के बच्चे कल का भारत होंगे जिस तरह से हम उनका पालन पोषण करेंगे, उससे देश का भविष्य तय होगा।” साल 1964 में जब पंडित जवाहरलाल नेहरु का निधन हो गया उसके बाद भारत के संसद में बच्चों के प्रति उनके लगाव को देखते हुए उनकी याद में प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन के अवसर को बाल दिवस समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद से लगातार प्रतिवर्ष 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

बाल दिवस के मौके पर जाने चाचा नेहरू जी के बारे में कुछ खास बातें –

आज बाल दिवस के साथ-साथ भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की 134 पुण्य जयंती है। 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज जिले में इनका जन्म हुआ था। देश को आजादी दिलाने में पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका भी अग्रणी रही। साल 1915 में एक सार्वजनिक सभा में प्रेस के खिलाफ बनाए गए कानून के विरोध में भाषण देने के बाद इनका राजनीति के क्षेत्र में पहला कदम पड़ा। कानून के विरोध में दिया गया उनका भाषण इतना दमदार था कि जैसे ही उनका भाषण समाप्त हुआ डॉक्टर तेज बहादुर सप्रू में उन्हें गले लगा लिया और जमकर इनकी सराहना की। इसके बाद महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए जन आंदोलनों में इन्होंने भाग लेना शुरू किया। इसके बाद ही यह कांग्रेस पार्टी के अग्रणी नेता और देश की स्वतंत्रता संग्राम की वैश्विक आवाज व चेहरा बनकर उभरे। ये महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत के पूर्ण समर्थक थे। साल 1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स के दौरे के बहिष्कार का आह्वान करने के बाद इन्हें ब्रिटिश शासित भारत में जेल भी भेजा गया। इसके बाद इन्हें अलग-अलग कारणों से कई बार जेल जाना। भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने की वजह से इन्हें 3 साल के लिए जेल की सजा हुई। जेल में रहने के दौरान ही नेहरू जी ने “द डिस्कवरी ऑफ इंडिया” और “ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री” नामक दो अत्यंत लोकप्रिय पुस्तकें लिखी। 15 अगस्त 1947 को जब भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली तब इन्हें आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उस दौरान इनके मंत्रिमंडल में 14 मंत्रियों में से पांच गैर कांग्रेसी मंत्री थे। एक प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू जी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के प्रति उदार और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण रखते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में स्थापित की गई कुछ अहम संस्थाएं – 1. आईटीआई – 1948 2. आईआईटी 1951 3. योजना आयोग 1950 4. एम्स 1952 5. भिलाई स्टील प्लांट 1955 6. सेल (SAIL) 1954 7. बीएआरसी 1954 8. ओएनजीसी (ONGC) 1956 9. डीआरडीओ (DRDO) 1958 10. आईआईएम (IIM) 1961 11. एनआईडी (NID) – 1961 12. इसरो- 1962 13. भेल (BHEL)- 1964 14. HAL- 1964 National Education Day 2023 की थीम है ये, अबुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है ये दिन
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छठ महापर्व पर घर जाने वालों के लिए रेलवे ने की बेहतरीन व्‍यवस्‍था

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Chath special trains
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 11:45 AM
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Chath special trains इन दिनों देशभर में त्‍योहारों का सीजन चल रहा है। इन्‍हीं त्‍योहारों में उत्तर भारत का सबसे बड़ा त्योहार छठ बस चंद दिनों बाद आने वाला है। इस त्‍योहार के लिए देशभर से लोग अपने-अपने घर इस त्‍योहार को मनाने चले जाते हैं। बिहार और यूपी में छठ धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि धीरे धीरे इसे मनाने वाले अन्‍य प्रदेशों में भी बहुतायत में हो गए हैं। त्‍योहार पर घर जाने की इसी वजह से इस रूट की ट्रेनों में आम दिनों की तुलना में यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। छठ पर्व पर रेलवे ने देशभर में 283 स्‍पेशल ट्रेनों को चलाने का फैसला लिया है।

यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जा रही स्‍पेशल ट्रेने

भारतीय रेलवे विभाग लोगों को सुविधा देने के लिए इस दौरान स्पेशल ट्रेनें चलाता है। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े और आसानी से कंफर्म टिकट मिल सके। आइए जानते हैं 13 नवंबर से छठ तक कौन सी ट्रेनें चलने जा रही हैं।

 मुंबई-दानापुर सुपरफास्ट स्पेशल (4 सेवाएं)

ट्रेन नंबर 01107 मुंबई-दानापुर सुपरफास्ट स्पेशल सीएसएमटी मुंबई से प्रत्येक18 नवंबर और 25 नवंबर को 11.05 बजे रवाना होगी। अगले दिन 14.00 बजे दानापुर पहुंचेगी। वहीं, ट्रेन संख्या 01108 दानापुर-मुंबई सुपरफास्ट स्पेशल 19 और 26 नवंबर को 16.30 बजे दानापुर से रवाना होगी और अगले दिन 23.15 बजे सीएसएमटी मुंबई पहुंचेगी। Chath special trains in hindi

 रेलवे चला रहा ये स्पेशल ट्रेनें

>>गाड़ी संख्या 09029 उदना-जयनगर स्पेशल ट्रेन >>गाड़ी संख्या 09031 उदना-कटिहार स्पेशल ट्रेन >>गाड़ी संख्या 09195/09196 उदना-भागलपुर-उदना स्पेशल ट्रेन बता दें कि रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाता रहता है। इसी कड़ी में इस बार त्योहारों के मौके पर कई स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। समय और हाल्ट की विस्तृत जानकारी के लिए www.enquiry. Indianrail.gov.in पर लागिन करें।

छठ पर घर जाने का जबरदस्‍त है रुझान

इस छठ महापर्व को लेकर उत्‍तर भारतियों में इतना जबरदस्‍त रुझान है कि लोग रेलवे और बसों में घर जाने के लिए जी जान लगा देते हैं। इसी रुझान को देखते हुए रेलवे भी इन लोगों को सुविधा देने के लिए कई स्‍पेशल ट्रेने चलाती है। ताकि इन यात्रियों की परेशानी दूर हो सके और ये लोग सुगमता से अपने घर पहुंच कर त्‍योहार मना सकें।

महिला से अभद्रता करने वाला श्रीकांत त्‍यागी एक बार फि‍र चर्चाओं में

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कोलकाता: 7 बार विधायक रहे टीएमसी नेता राम प्यारे राम का निधन, सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक

राम प्यारे राम इस क्षेत्र के एक धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक नेता के रूप में जाने जाते थे। उनके निधन से कोलकाता बंदरगाह क्षेत्र में शोक की लहर है।

Kolkata news 7 time MLA TMC leader Ram Pyare Rampassed away CM Mamata expressed grief
Kolkata news 7-time MLA TMC leader Ram Pyare Rampassed away CM Mamata expressed grief
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Nov 2023 09:50 PM
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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक राम प्यारे राम का दिवाली के दिन यानी रविवार को निधन हो गया है। उनका निधन एक निजी अस्पताल में हुआ है। पूर्व विधायक राम प्यारे राम काभी दिनों से बीमार चल रहे थे और इस कारण वे अस्पताल में भर्ती भी थे। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, दोपहर 11 बजे के आसपास उनका निधन हुआ था। उनके निधन की खबर सुनने के बाद राजनीति से जुड़े लोगों की भीड़ उनके घर लगनी लगी थी। ऐसे में कोलकाता कॉरपोरेशन के मेयर बॉबी हकीम ने भी उनके घर का रूख किया था और उन्हें आखिरी विदाई दी है। टीएमसी नेता का अंतिम संस्कार आज हो रहा है, ऐसे में लोगों की भारी भीड़ उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए उनके घर पर पहुंची है।

कौन थे पूर्व विधायक राम प्यारे राम?

पूर्व विधायक राम प्यारे राम अपनी राजनीति के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से कोलकाता बंदरगाह क्षेत्र में राजनीति का एक अध्याय समाप्त हो गया है। बता दें कि उनके निधन से कोलकाता बंदरगाह क्षेत्र में शोक की लहर है। इस क्षेत्र में वह एक धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक नेता के रूप में जाने जाते थे। वह खुद भी इस बात पर अक्सर मजाक में कहते थे, "मेरे नाम के आगे राम, पीछे राम। मेरे जैसा धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हो ही नहीं सकता!" राम प्यारे राम का राजनीतिक जीवन बहुत लंबा रहा है और वे सात बार विधायक बने है। वह कोलकाता नगर निगम के 10 बार पार्षद भी रहे है। 1971 में कोलकाता के कवितार्थ सीट से वे पहली बार कांग्रेस के विधायक बने थे। इसके बाद वह काफी चुनाव लड़े थे और बाद में जब कांग्रेस ने उन्हें निकाल दिया था तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे। इसके बाद वामपंथ की सरकार की सरकार चली गई थी और फिर ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार सत्ता में आई थी जिसमें वे बाद में शामिल भी हो गए थे।

कुछ महीने पहले बेटे का हुआ था एक्सिडेंट

बता दें कि कुछ महीने पहले राम प्यारे राम के बेटे का निधन हो गया था। वह एक दुर्घटना का शिकार हो गया था। इस हादसे से पूर्व विधायक को काफी गहरा सदमा पड़ा था। इधर राम प्यारे राम के निधन पर तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त किया है। दुख जताते हुए सीएम ममता ने कहा है कि राम प्यारे राम एक महान नेता थे। उनके निधन से राज्य ने एक कुशल और अनुभवी नेता को खो दिया है। राम प्यारे राम के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है।