Children’s Day- 'आज के बच्चे कल का भारत', क्या था चाचा नेहरू का वो प्रसिद्ध भाषण

बाल दिवस का इतिहास (History of Children’s Day)-
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर प्रतिवर्ष देशभर में बाल दिवस (Children’s Day on Jawahar Lal Nehru Birthday) मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे और वह उन्हें हमारे देश का भविष्य मानते थे। अपनी एक प्रसिद्ध भाषण में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने कहा था कि – “आज के बच्चे कल का भारत होंगे जिस तरह से हम उनका पालन पोषण करेंगे, उससे देश का भविष्य तय होगा।” साल 1964 में जब पंडित जवाहरलाल नेहरु का निधन हो गया उसके बाद भारत के संसद में बच्चों के प्रति उनके लगाव को देखते हुए उनकी याद में प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन के अवसर को बाल दिवस समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद से लगातार प्रतिवर्ष 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।बाल दिवस के मौके पर जाने चाचा नेहरू जी के बारे में कुछ खास बातें –
आज बाल दिवस के साथ-साथ भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की 134 पुण्य जयंती है। 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज जिले में इनका जन्म हुआ था। देश को आजादी दिलाने में पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका भी अग्रणी रही। साल 1915 में एक सार्वजनिक सभा में प्रेस के खिलाफ बनाए गए कानून के विरोध में भाषण देने के बाद इनका राजनीति के क्षेत्र में पहला कदम पड़ा। कानून के विरोध में दिया गया उनका भाषण इतना दमदार था कि जैसे ही उनका भाषण समाप्त हुआ डॉक्टर तेज बहादुर सप्रू में उन्हें गले लगा लिया और जमकर इनकी सराहना की। इसके बाद महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए जन आंदोलनों में इन्होंने भाग लेना शुरू किया। इसके बाद ही यह कांग्रेस पार्टी के अग्रणी नेता और देश की स्वतंत्रता संग्राम की वैश्विक आवाज व चेहरा बनकर उभरे। ये महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत के पूर्ण समर्थक थे। साल 1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स के दौरे के बहिष्कार का आह्वान करने के बाद इन्हें ब्रिटिश शासित भारत में जेल भी भेजा गया। इसके बाद इन्हें अलग-अलग कारणों से कई बार जेल जाना। भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने की वजह से इन्हें 3 साल के लिए जेल की सजा हुई। जेल में रहने के दौरान ही नेहरू जी ने “द डिस्कवरी ऑफ इंडिया” और “ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री” नामक दो अत्यंत लोकप्रिय पुस्तकें लिखी। 15 अगस्त 1947 को जब भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली तब इन्हें आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उस दौरान इनके मंत्रिमंडल में 14 मंत्रियों में से पांच गैर कांग्रेसी मंत्री थे। एक प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू जी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के प्रति उदार और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण रखते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में स्थापित की गई कुछ अहम संस्थाएं – 1. आईटीआई – 1948 2. आईआईटी 1951 3. योजना आयोग 1950 4. एम्स 1952 5. भिलाई स्टील प्लांट 1955 6. सेल (SAIL) 1954 7. बीएआरसी 1954 8. ओएनजीसी (ONGC) 1956 9. डीआरडीओ (DRDO) 1958 10. आईआईएम (IIM) 1961 11. एनआईडी (NID) – 1961 12. इसरो- 1962 13. भेल (BHEL)- 1964 14. HAL- 1964 National Education Day 2023 की थीम है ये, अबुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है ये दिनअगली खबर पढ़ें
बाल दिवस का इतिहास (History of Children’s Day)-
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर प्रतिवर्ष देशभर में बाल दिवस (Children’s Day on Jawahar Lal Nehru Birthday) मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे और वह उन्हें हमारे देश का भविष्य मानते थे। अपनी एक प्रसिद्ध भाषण में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने कहा था कि – “आज के बच्चे कल का भारत होंगे जिस तरह से हम उनका पालन पोषण करेंगे, उससे देश का भविष्य तय होगा।” साल 1964 में जब पंडित जवाहरलाल नेहरु का निधन हो गया उसके बाद भारत के संसद में बच्चों के प्रति उनके लगाव को देखते हुए उनकी याद में प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन के अवसर को बाल दिवस समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद से लगातार प्रतिवर्ष 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।बाल दिवस के मौके पर जाने चाचा नेहरू जी के बारे में कुछ खास बातें –
आज बाल दिवस के साथ-साथ भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की 134 पुण्य जयंती है। 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज जिले में इनका जन्म हुआ था। देश को आजादी दिलाने में पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका भी अग्रणी रही। साल 1915 में एक सार्वजनिक सभा में प्रेस के खिलाफ बनाए गए कानून के विरोध में भाषण देने के बाद इनका राजनीति के क्षेत्र में पहला कदम पड़ा। कानून के विरोध में दिया गया उनका भाषण इतना दमदार था कि जैसे ही उनका भाषण समाप्त हुआ डॉक्टर तेज बहादुर सप्रू में उन्हें गले लगा लिया और जमकर इनकी सराहना की। इसके बाद महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए जन आंदोलनों में इन्होंने भाग लेना शुरू किया। इसके बाद ही यह कांग्रेस पार्टी के अग्रणी नेता और देश की स्वतंत्रता संग्राम की वैश्विक आवाज व चेहरा बनकर उभरे। ये महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत के पूर्ण समर्थक थे। साल 1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स के दौरे के बहिष्कार का आह्वान करने के बाद इन्हें ब्रिटिश शासित भारत में जेल भी भेजा गया। इसके बाद इन्हें अलग-अलग कारणों से कई बार जेल जाना। भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने की वजह से इन्हें 3 साल के लिए जेल की सजा हुई। जेल में रहने के दौरान ही नेहरू जी ने “द डिस्कवरी ऑफ इंडिया” और “ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री” नामक दो अत्यंत लोकप्रिय पुस्तकें लिखी। 15 अगस्त 1947 को जब भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली तब इन्हें आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उस दौरान इनके मंत्रिमंडल में 14 मंत्रियों में से पांच गैर कांग्रेसी मंत्री थे। एक प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू जी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के प्रति उदार और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण रखते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में स्थापित की गई कुछ अहम संस्थाएं – 1. आईटीआई – 1948 2. आईआईटी 1951 3. योजना आयोग 1950 4. एम्स 1952 5. भिलाई स्टील प्लांट 1955 6. सेल (SAIL) 1954 7. बीएआरसी 1954 8. ओएनजीसी (ONGC) 1956 9. डीआरडीओ (DRDO) 1958 10. आईआईएम (IIM) 1961 11. एनआईडी (NID) – 1961 12. इसरो- 1962 13. भेल (BHEL)- 1964 14. HAL- 1964 National Education Day 2023 की थीम है ये, अबुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है ये दिनसंबंधित खबरें
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