शाम को सही 6:15 बजे पढ़ें सबसे पहला एग्जिट पोल

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Exit Poll
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:16 AM
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Exit Poll : लोकसभा चुनाव-2024 मतदान शनिवार (आज) शाम को 6 बजे पूरा हो जाएगा। मतदान पूरा होते ही शाम को ठीक 6:15 बजे चेतना मंच आपके लिए प्रकाशित करेगा सबसे पहला एग्जिट पोल। पूरे देश से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर यह Exit Poll प्रकाशित किया जाएगा। जरूर पढ़ें चेतना मंच का विश्वसनीय तथा भरोसेमंद एग्जिट पोल। यह एग्जिट पोल चेतना मंच की न्यूज की न्यूज पोर्टल chetnamanch.com  पर आज शाम को ठीक 6:15 बजे तक प्रकाशित किया जाएगा।

एग्जिट पोल का इतिहास

एग्जिट पोल का इतिहास काफी पुराना है। भारत ही नहीं कई अन्य देशों में चुनाव के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका से लेकर अफ्रीका और एशिया के कई देशों में पोल कराए जा चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि पहली बार एग्जिट पोल 1936 में अमेरिका में लगाए गए थे। तब जॉर्ज गैलप और क्लॉड रॉबिनसन ने न्यूयॉर्क में सर्वे किया था। तब जैसे ही लोग वोट देकर बूथ से बाहर निकले तो उनसे पूछा गया कि उन्होंने किसे वोट दिया है। इसके बाद नतीजे जारी किए गए। अधिकांश वोटर्स ने फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की नाम लिया। एग्जिट पोल में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की गई। इसके कुछ दिन बाद जब नतीजे आए तो उसमें भी फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की जीत हुई। इसके बाद 1937 में ब्रिटेन और 1938 में फ्रांस में पहले एग्जिट पोल हुए। भारत में दूसरे आम चुनाव 1957 में कराए गए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने तब एक पोल कराया था। हालांकि इसे पूरी तरह से एग्जिट पोल नहीं कहा गया लेकिन भारत में पोल की शुरूआत इसे ही माना जाता है। इसके बाद 1980 में डॉ. प्रणय रॉय ने पहला एग्जिट पोल कराया। हालांकि 1996 के चुनाव एग्जिट पोल के लिहाज से काफी अहम साबित हुए। तब सर्वे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (ष्टस्ष्ठस्) ने एक सर्वे किया था। इसके प्रसारण दूरदर्शन पर भी किया गया। ये पहला मौका था जब टीवी पर एग्जिट पोल दिखाए गए। उस दौरान सर्वे के नजीते खंडित जनादेश को लेकर आए थे। चुनाव नतीजे जब आए तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन उसे बहुमत नहीं मिला। इसके बाद से देश में लगातार ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल कराए जा रहे हैं।  

क्या होता है एग्जिट पोल? जान लेना बहुत जरूरी है

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बड़ा अंतर है एग्जिट पोल तथा ओपिनियन पोल में

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Exit Poll
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:31 PM
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Exit Poll : आज एक जून 2024 है। आज ही के दिन लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी दौर का मतदान हो रहा है। शाम को 6 बजे मतदान खत्म होते ही एग्जिट पोल आना शुरू हो जाएंगे। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि एग्जिट पोल (Exit Poll) क्या होता है? साथ ही यह भी जान लेना चाहिए कि एग्जिट पोल (Exit Poll)  तथा ओपिनियन पोल में क्या अंतर होता है ?

होता क्या है एग्जिट पोल?

पहले जान लेते हैं कि आखिर यह एक्जिट पोल (Exit Poll) क्या होता है? एग्जिट पोल की इतनी चर्चा क्यों हो रही है? दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे है जो मतदान के दिन किया जाता है। एग्जिट पोल में वोटिंग करके मतदान केन्द्र से बाहर आने वाले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है। इस तरह से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनावी नतीजे क्या होंगे। भारत में चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के परिणामों को मतदान के दिन प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। हालांकि यह बैन सभी फेज की वोटिंग पूरी होने के बाद प्रसारित किए जा सकते हैं।

किसे कहा जाता है ओपिनियन पोल?

ओपिनियन पोल (Opinion Poll) चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले किए जाते हैं। इसमें वोटिंग से पहले लोगों के मूड को परखा जाता है। एग्जिट पोल में चुनाव के दौरान वोट करने आए मतदाताओं से उनकी राय ली जाती है और चुनाव संपन्न होने के बाद इसे जारी किया जाता है। हालांकि ओपिनियन पोल चुनाव की घोषणा से पहले किया जाता है, जिसमें आम लोगों की राय से देश का मूड समझा जाता है। ओपिनियन पोल एक प्री पोल सर्वे होता है। चुनाव ऐलान से पहले इसे दिखाया जा सकता है। चुनाव घोषित होने और आदर्श आचार संहिता लागू होते ही ओपिनियन पोल पर बैन लग जाता है।

क्या अंतर है एग्जिट पोल  तथा ओपिनियन पोल में?

एग्जिट पोल (Exit Poll) मतदान के दिन किए जाते हैं। मतदान करके बाहर निकले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है। इन्ही आंकड़ों का एनालिसिस करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनाव नतीजे क्या होंगे। ओपिनियन पोल (Opinion Poll) चुनाव से पहले किए जाते हैं। इनमें सभी लोगों को शामिल किया जा सकता है, भले ही वो वोटर हों या नहीं। इनमें आमतौर पर यह पूछा जाता है कि लोग किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट देने की योजना बना रहे हैं। एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल दोनों ही बेहद अहम हैं, लेकिन इनकी कुछ लिमिट भी है। एग्जिट पोल हमेशा सटीक नहीं होते, क्योंकि मतदाता वोटिंग के बाद बताते समय अपनी राय बदल सकते हैं। ओपिनियन पोल भी हमेशा सटीक नहीं होते हैं, क्योंकि मतदाता चुनाव से पहले अपनी राय बदल सकते हैं।

क्या होता है एग्जिट पोल? जान लेना बहुत जरूरी है

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क्या होता है एग्जिट पोल? जान लेना बहुत जरूरी है

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 Exit Poll
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:13 AM
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 Exit Poll : भारत में हो रहा लोकसभा चुनाव शनिवार शाम यानि 1 जून 2024 को पूरी तरह सम्पन्न हो जाएगा। लोकसभा चुनाव के मतदान का समय शाम को 6 बजे तक है। 6 बजे के बाद एग्जिट पोल (Exit Poll) को पढ़ने तथा सुनने से पहले एग्जिट पोल को जान लेना बहुत जरूरी है। हम आपको आसान भाषा में समझा रहे हैं कि वास्तव में एग्जिट पोल (Exit Poll) क्या होता है। एग्जिट पोल को जानने के बाद ही आपको सुनने में मजा आएगा।

इस प्रकार होता है एग्जिट पोल (Exit Poll)

Exit Poll शब्द में ही इसका उत्तर छिपा हुआ है। एग्जिट Exit का सामान्य अर्थ होता है बाहर निकलना, तथा पोल Poll शब्द का अर्थ होता है मतदान। इसका अर्थ यह हुआ कि मतदान करके मतदान केन्द्र से बाहर निकलने वाले व्यक्ति को आधार बनाकर जो सर्वे होता है उस सर्वे को एग्जिट पोल (Exit Poll) कहा जाता है। आप इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि चुनाव के दौरान जब भी कोई मतदाता पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो सर्वे करने वाली टीम उससे पूछती है कि उसने किस उम्मीदवार और पार्टी को वोट दिया। इसके अलावा उस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने की वजह भी पूछी जाती है। अगर लोकसभा चुनाव है तो उससे प्रधानमंत्री पद के लिए उसकी पसंद पूछी जाती है। इसके अलावा भी कई सवाल पूछे जाते हैं। सर्वे करने वाली टीम अलग-अलग तरीके से सर्वे करती हैं। एग्जिट पोल के दौरान डाटा जाति के हिसाब से भी लिया जाता है। इसके बाद इस डाटा का एनालिसिस किया जाता है। यह सब डेटा कलेक्ट करने के बाद बताया जाता है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं तथा किस पार्टी की बनेगी सरकार।

एग्जिट पोल का इतिहास

एग्जिट पोल का इतिहास काफी पुराना है। भारत ही नहीं कई अन्य देशों में चुनाव के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका से लेकर अफ्रीका और एशिया के कई देशों में पोल कराए जा चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि पहली बार एग्जिट पोल 1936 में अमेरिका में लगाए गए थे। तब जॉर्ज गैलप और क्लॉड रॉबिनसन ने न्यूयॉर्क में सर्वे किया था। तब जैसे ही लोग वोट देकर बूथ से बाहर निकले तो उनसे पूछा गया कि उन्होंने किसे वोट दिया है। इसके बाद नतीजे जारी किए गए। अधिकांश वोटर्स ने फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की नाम लिया। एग्जिट पोल में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की गई। इसके कुछ दिन बाद जब नतीजे आए तो उसमें भी फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की जीत हुई। इसके बाद 1937 में ब्रिटेन और 1938 में फ्रांस में पहले एग्जिट पोल हुए। भारत में दूसरे आम चुनाव 1957 में कराए गए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने तब एक पोल कराया था। हालांकि इसे पूरी तरह से एग्जिट पोल नहीं कहा गया लेकिन भारत में पोल की शुरूआत इसे ही माना जाता है। इसके बाद 1980 में डॉ. प्रणय रॉय ने पहला एग्जिट पोल कराया। हालांकि 1996 के चुनाव एग्जिट पोल के लिहाज से काफी अहम साबित हुए। तब सर्वे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (ष्टस्ष्ठस्) ने एक सर्वे किया था। इसके प्रसारण दूरदर्शन पर भी किया गया। ये पहला मौका था जब टीवी पर एग्जिट पोल दिखाए गए। उस दौरान सर्वे के नजीते खंडित जनादेश को लेकर आए थे। चुनाव नतीजे जब आए तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन उसे बहुमत नहीं मिला। इसके बाद से देश में लगातार ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल कराए जा रहे हैं।

 Exit Poll को लेकर है गाइडलाइन

1998 से पहले तक देश में एग्जिट पोल को लेकर कोई तय गाइडलाइन नहीं थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने रिप्रेजेन्टेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के सेक्शन 126ए के तहत एग्जिट पोल के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए। रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के मुताबिक जब तक सभी चरणों की वोटिंग खत्म नहीं हो जाती है जब तक एग्जिट पोल के नतीजे जारी नहीं किए जा सकते हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे जारी किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ 2 साल की कैद या जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है।

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