पीएम मोदी ने तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से भरा नामांकन

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Prime Minister Narendra Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:04 PM
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Prime Minister Narendra Modi :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी ने तीसरी बार नामांकन भर दिया है। पीएम के नामांकन में कई दिग्गज शामिल रहे। बता दें विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री व सांसद-विधायक सभी नामांकन में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी नामांकन दाखिल करने के बाद रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ी बैठक करने वाले है। इस दौरान पीएम मोदी लोकसभा चुनाव की तैयारियों व जीत के लिए नई रणनीति बना सकते है।

Prime Minister Narendra Modi

नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पर पूजा

आपको बता दें कि वाराणसी लोकसभा सीट पीएम के लिए हमेशा खास रही है, वह यहां 2 बार से लगातार चुनाव जीतते आ रहे है। पीएम मोदी ने नामांकन से पहले वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद पीएम मोदी ने काल भैरव मंदिर के दर्शन भी किए। इस मौके पर उनके साथ कई लोग मौजूद रहे।

Prime Minister Narendra Modi

वाराणसी बीजेपी का गढ़ है

आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पीएम मोदी का गढ़ रही है। पीएम मोदी ने वाराणसी से दो बार लोकसभा चुनाव जीता है, पहली बार 2014 में दूसरी बार 2019 में। साल 2019 में बीजेपी नें 674,664 से अधिक वोटों के साथ सीट जीती और 63.6 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किए थे। बता दें कि उत्तरप प्रदेश के वाराणसी लोकसभा सीट पर बिल्कुल अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है और इसको लेकर 7 मई से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को खड़ा किया है। देखना यह है कि क्या इस बार भी पीएम मोदी वाराणसी पर अपना कब्जा जमा पाते है, या इस बार कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय अपनी जगह बना लेंगे। Prime Minister Narendra Modi

क्या आप जानतें हैं कि ट्रेडमिल का यूज कैदियों को सजा देने के लिये किया जाता था?

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क्या आप जानतें हैं कि ट्रेडमिल का यूज कैदियों को सजा देने के लिये किया जाता था?

Treadmill
Treadmill Punishment
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 May 2024 04:24 PM
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Treadmill Punishment : अक्सर लोग अपनी बॉडी को फिट रखने के लिये ट्रैड मिल का उपयोग करते नज़र आते है। यह जिम मे सबसे ज्यादा यूज़ किया जाने वाला फिटनेस डिवाइस हैं। क्या आप जानते हैं कि इस मशीन का अविष्कार कैदियों को सजा के तौर पर किया हैं। आज हम आपको ट्रेडमिल के बारें मे बताएंगे।

Treadmill Punishment

ट्रेडमिल का अविष्कार कैसे हुआ

जब बात फिटनेस की हो तो ट्रेडमिल का नाम सबसे पहले आता है । ट्रेडमिल का उपयोग हजारो लोग एक जगह पर चलने या फिर दौड़ने के लियें करतें हैं ।लोग अपने आप को हेल्दी और फिट रहने के लियें इस उपकरण का उपयोग करतें हैं ।कभी अपने सोचा हैं की इस मशीन का अविष्कार कैसे हुआ हैं और इसका नाम ट्रेडमिल कैसे पड़ा ।ट्रेडमिल का अविष्कार सजा के लिये 1818 में सर विलियम क्यूबिट नामक एक अंग्रेज इंजीनियर द्वारा किया गया था।उन्होने जेल मे आराम से बैठे कैदियों की शक्ती का सही उपयोग करने के लियें उनकी मांसपेशियों को ताकत देने के लिये इसका अविष्कार किया।उन्होंने मक्का और अन्य अनाज पीसने के लिए इस उपकरण का आविष्कार किया था। उस दौरान उन्होंने इसे 'ट्रेडव्हील' का नाम दिया था।

कैसे बना सजा देने के लियें डिवाइस

ट्रेडमिल का मकसद अपराध करके जेल जा कर मुफ्त रोटी खाने वालों पर रोक लगाना था।19 वी शताब्दी के आसपास अंग्रजों ने जेल मे सुधार के तौर पर कैदियों को भोजन और कंबल देने शुरु कर दिया था।अंग्रेजो को लगा की इसका फायदा लेने के लिये गरीब लोग अपराध करेंगे और जेल मे इनकी संख्या बढ़ेगी। अंग्रेजो ने उनको दी जाने वाली सुविधा का खर्चा उनके शारिरीक श्रम से लेना शुरु कर दिया।इसके डर से लोगों ने बिना वजह अपराध कर जेल जाना कम कर दिया था। हालांकि इसके बुरे परिणाम भी सामने आए। इस मशीन पर चलकर कई कैदी बेहोश हो कर गिर गये तो कई दिल के मरीज वाले कैदियों की लगातार चलने से मौत भी हुई। ऐसे में 1898 में इस पर रोक लगा दी गई।

Treadmill Punishment

बाद मे इसका इस्तेमाल फिटनेस के लिये किया गया

जेल में ट्रेडमिल की मदद से कैदियों के जरिए अनाज की पिसाई और पानी को पंप भी करवाया जाता था।लेकिन जेल मे इसके उपयोग पर रोक लगने के कुछ समय बाद यह सामने आया कि सीमित समय में इस पर चलने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं।इस प्रकार से इसका उपयोग सेहत को फिट रखने के लिये किया जाने लगा।ट्रेडमिल "प्रशिक्षण मशीन" के लिए पहला अमेरिकी पेटेंट 17 जून, 1913 को जारी किया गया था।आज ट्रेडमिल के उपयोगकर्ताओं में चिकित्सा सुविधाएं (अस्पताल, पुनर्वास केंद्र, चिकित्सा और फिजियोथेरेपी क्लीनिक, उच्च शिक्षा संस्थान), खेल क्लब, बायोमैकेनिक्स संस्थान, आर्थोपेडिक जूते की दुकानें, चलने वाली दुकानें, ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र, विश्वविद्यालय, अग्नि प्रशिक्षण केंद्र, नासा शामिल हैं। Treadmill Punishment

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डा. विकास दिव्यकीर्ति की यह सलाह मान ली तो बन जाओगे बेस्ट माता-पिता

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Dr. Vikas Divyakirti
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:27 PM
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Dr. Vikas Divyakirti : डा. विकास दिव्यकीर्ति किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अपने कोचिंग संस्थान दृष्टि IAS से सैकड़ों युवक तथा युवतियों को डा. विकास दिव्यकीर्ति ने  IAS तथा IPS  बनवाया है। यहां हम डा. विकास दिव्यकीर्ति की बताई हुई बेहद महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं। आपने यदि डा. विकास दिव्यकीर्ति की इस बात को मान लिया तो निश्चित तौर पर आप अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छे (बेस्ट) माता-पिता बन जाएंगे।

क्या शिक्षा है माता-पिता के लिए

डा. विकास दिव्यकीर्ति IAS तथा IPS की पढ़ाई कराने के साथ-साथ कई अवसरों पर स्पीच भी देते रहते हैं। अपनी एक स्पीच में डा. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा है कि मैं अपनी जिंदगी में ऐसे तीन लोगों को जानता हूं जो बहुत योग्य थे। उन्होंने देश के सबसे बड़े संस्थानों से पढ़ाई की और IAS तथा IPS बने। इन तीनों ने ही जॉब करते हुए अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया और इसका कारण था कि ये काम और घर-परिवार की जिम्मेदारियों के बीच मैनेज नहीं कर पा रहे थे। डा. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि ये लोग अपनी जिंदगी की दुविधाओं को न तो झेल पा रहे थे और न ही उन्हें भूल पा रहे थे और इस चक्कर में इन्होंने अपनी जीवन लीला को ही समाप्त कर लिया। विकास सर का कहना है कि ये लोग अपनी परेशानियों को 'लेट गो' यानी जाने नहीं दे रहे थे और यही इनके ऊपर भारी पड़ गया। आगे विकास ने कहा कि हम बच्चों को पढ़ाई में कई विषय समझाते हैं जैसे कि हिस्ट्री, मैथ्स और इकोनॉमिक्स आदि। ये सब भी जरूरी हैं लेकिन एक चीज जो हम नहीं सिखाते हैं, वो है अपने इमोशंस को समझना और उनके साथ डील करना। यही वो जगह है जहां पर अक्सर मां-बाप चूक जाते हैं। Dr. Vikas Divyakirti जब लगे कि अब सब कुछ खत्म हो गया है या आसपास सब कुछ बस टॉक्सिक हो रहा है और इस माहौल में अब और सांस नहीं ली जा सकती है, तो इस माहौल से कैसे खुद को बाहर निकालना चाहिए , हमें ये आना चाहिए और अपने बच्?चों को भी यह लैसन सिखाना चाहिए। जिंदगी में सफल होने के लिए ही नहीं बल्कि खुशी से जीने के लिए भी ये बहुत जरूरी है। विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक इंसान के लिए अपनी भावनाओं को समझना और उन पर कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है। इससे उसमें मैच्योरिटी आती है और कोई गलत कदम उठाने से पहले इंसान संभल जाता है। आप भी अपने बच्चे को अपनी भावनाओं को समझने और उन्हें मैनेज करना सिखाएं। उसे मुश्किल समय में कोई गलत कदम उठाने से रोकने की सीख दें और बताएं कि आप हमेशा उसके साथ हैं।

कौन हैं डॉ. विकास दिव्यकीर्ति

आपको बता दें कि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति एक जाने-माने अध्यापक हैं। भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC की परीक्षा है। इस परीक्षा को पास करके ही सबसे बेहतरीन नौकरी मानी जाने वाली UPSC तथा IPS की नौकरी मिलती है। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि IAS के नाम से कोचिंग इंस्टीटयूट चलाते हैं। दृष्टि IAS कोचिंग का मुख्यालय दिल्ली के मुखर्जी नगर में है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तथा राजस्थान के जयपुर में भी डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के दृष्टि IAS कोचिंग इंस्टीटयूट की शाखाएं स्थापित की गई हैं।

Dr. Vikas Divyakirti

अध्यापक बनने से पहले डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने UPSC  की परीक्षा पास की थी। वें IPS अधिकारी बने थे। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति दिल्ली में UPSC की परीक्षा देने वाले छात्र तथा छात्राओं के लिए एक आदर्श गुरू हैं। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति मूल रूप से हरियाणा प्रदेश के रहने वाले हैं। उनके माता तथा पिता दोनों ही हिन्दी साहित्य के प्रोफेसर रह चुके हैं। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को हिन्दी भाषा में विशेष प्रेम है। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के बताए हुए मार्ग को अपना कर हर कोई बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। Dr. Vikas Divyakirti

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