उत्तर प्रदेश में प्रेम विवाह करने वाले दंपतियों के लिए एसआईआर फार्म भरने में समस्याएँ

एसआईआर फार्म भरने के दौरान प्रेम विवाह करने वाले दंपतियों और नई बहुओं को मतदाता फॉर्म भरने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न मामलों से पता चलता है कि पुराने रिकॉर्ड, बदलती विधानसभा सीमाएँ और मायके की जानकारी जुटाने में कठिनाइयाँ प्रमुख कारण हैं।

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एसआईआर फार्म
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar04 Dec 2025 06:15 PM
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UP News : वाराणसी जिले में चल रहे एसआईआर फार्म भरने के दौरान प्रेम विवाह करने वाले दंपतियों और नई बहुओं को मतदाता फॉर्म भरने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न मामलों से पता चलता है कि पुराने रिकॉर्ड, बदलती विधानसभा सीमाएँ और मायके की जानकारी जुटाने में कठिनाइयाँ प्रमुख कारण हैं।

मुख्य समस्याएँ

1. माता-पिता की मतदाता जानकारी का न मिलना

  कई महिलाओं के लिए अपने माता-पिता की वोटर सूची में आवश्यक विवरण जैसे भाग संख्या और क्रम संख्या नहीं मिल पा रही। विधानसभा क्षेत्रों के नाम बदल जाने या पुराने रिकॉर्ड न होने के कारण फार्म भरने में अड़चन आ रही है। उदाहरण के लिए मुंबई निवासी पूजा गुप्ता, जिनका विवाह सेवापुरी के कचनार गांव में हुआ।


2. पुरानी मतदाता सूची में नाम गायब होना

  2003 की मतदाता सूची में कई लोगों के नाम नहीं होने के कारण सत्यापन प्रक्रिया बाधित हो रही है। उदाहरण : ठटरा गांव के इंद्र कुमार रस्तोगी परिवार का मामला।


3. पति-पत्नी के वोटर विवरण अलग-अलग बूथों/मजरे में होना

  कुछ गाँवों में पति और पत्नी का नाम अलग-अलग बूथ या मजरे में दर्ज होने के कारण सही जानकारी जुटाना कठिन हो गया है।   उदाहरण : सहनाज बेगम और उनके पति सत्तार अहमद का मामला।


4. नई बहुओं के लिए मायके की जानकारी जुटाना मुश्किल होना

  शादी के बाद दूसरे जिले या राज्य में रहने वाली महिलाएँ अपने मायके के माता-पिता का वोटर विवरण लाने में कठिनाई महसूस कर रही हैं। बीएलओ के पास पुराने एपिक नंबर उपलब्ध नहीं होने के कारण सत्यापन रुक जाता है। उदाहरण : प्रीति गुप्ता (हावड़ा सेवापुरी)।


5. बीएलओ के सत्यापन में अड़चनें

  घर पर लोग न होना, फॉर्म में पुराने या गलत पते दर्ज होना और परिवार के सभी सदस्यों के फॉर्म न मिलने जैसी समस्याएँ सत्यापन प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं। उदाहरण : गढ़वासी टोला और नकाश निवासी मोहम्मद वाजिद के मामले।

मुख्य कारण

 * पुराने मतदाता रिकॉर्ड का अभाव

 * विधानसभा और भाग संख्या में बदलाव

 * नाम और पता संबंधी गलत या अधूरी जानकारी

 * विवाह के बाद अलग जिले/राज्य में निवास

जिसके कारण एसआईआर फार्म भरने में अड़चन आ रही है। नई बहुओं और पति-पत्नी दोनों के लिए भ्रम की स्थिति बनी हुई है। बीएलओ को अधूरी जानकारी के साथ सत्यापन करना पड़ रहा है।

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विकसित भारत के लिए हम सभी को मिलकर करना होगा काम : सीएम योगी

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1932 में महंत दिग्विजयनाथ महाराज द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद विकसित भारत के निर्माण की संकल्पना को मजबूत करने के उद्देश्य से निरंतर कार्य कर रही है।

Maharana Pratap Education Council Week Celebration-2025
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद सप्ताह समारोह-2025 में सीएम योगी (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar05 Dec 2025 12:21 PM
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह-2025 के शुभारंभ अवसर पर कहा कि विकसित भारत के निर्माण में प्रत्येक नागरिक की सहभागिता अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संकटों और चुनौतियों के समय महापुरुषों का शौर्य और पराक्रम नई ऊर्जा और प्रेरणा देते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि किसी राष्ट्र की संस्कृति कमजोर हो जाए तो उसकी एकात्मता और पहचान भी प्रभावित हो जाती है। UP News

भारत की संस्कृति राष्ट्रीय मूल्यों से निर्मित, पर्व बढ़ाते हैं एकता: सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, रानी लक्ष्मीबाई और सीमाओं पर शहीद हुए वीर जवानों को राष्ट्र की प्रेरणा बताते हुए कहा कि भारत की संस्कृति उन राष्ट्रीय मूल्यों से निर्मित है, जिन्हें समय-समय पर ऐतिहासिक घटनाओं ने संबल और शक्ति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि भारत में मनाए जाने वाले विविध पर्व पूरे देश को बिना किसी भेदभाव के जोड़ते हैं और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की उत्कृष्ट भावना को मजबूत बनाते हैं। समारोह का शुभारंभ उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट योगेंद्र डिमरी (से.नि.) ने किया। इस अवसर पर सीएम योगी ने परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह सहित सभी दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

1932 से विकास की धुरी बनी है एमपी शिक्षा परिषद: योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1932 में महंत दिग्विजयनाथ महाराज द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद विकसित भारत के निर्माण की संकल्पना को मजबूत करने के उद्देश्य से निरंतर कार्य कर रही है। परिषद शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य, कृषि, तकनीक और कौशल विकास को बढ़ावा देने वाले संस्थानों—जैसे महाराणा प्रताप इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, महाराणा प्रताप पॉलीटेक्निक—के माध्यम से युवाओं को आधुनिक तकनीकी दक्षता प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा और किसानों के प्रशिक्षण के लिए महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र तथा अन्य संस्थाएं दूरदराज इलाकों में भी उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद की पहलें ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं और प्रदेश सरकार इस दिशा में निरंतर नए प्रयास कर रही है। UP News

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झांसी की वोटर लिस्ट में अमिताभ बच्चन नाम देखकर मचा हड़कंप, प्रशासन ने बताई सच्चाई

खुशीपुरा क्षेत्र की सन 2003 की मतदाता सूची का एक पन्ना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसमें अमिताभ बच्चन पुत्र हरिवंशराय बच्चन, निवासी ओरछा गेट बाहर का नाम दर्ज दिखाई दे रहा था। नाम के साथ एक फोटो भी शेयर की जा रही थी, जिससे लोगों में अचानक कौतूहल बढ़ गया।

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अमिताभ बच्चन
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar04 Dec 2025 05:40 PM
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UP News : झांसी में चल रहे मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के दौरान एक दिलचस्प मामला सामने आया। खुशीपुरा क्षेत्र की सन 2003 की मतदाता सूची का एक पन्ना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसमें अमिताभ बच्चन पुत्र हरिवंशराय बच्चन, निवासी ओरछा गेट बाहर का नाम दर्ज दिखाई दे रहा था। नाम के साथ एक फोटो भी शेयर की जा रही थी, जिससे लोगों में अचानक कौतूहल बढ़ गया।

जिला प्रशासन की जांच

मामला वायरल होने पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी शिव प्रताप शुक्ला ने एसडीएम सदर गोपेश तिवारी से पूरी सूची की जांच कराई।

जांच में पता चला कि 2003 की मतदाता सूची में सचमुच अमिताभ पुत्र हरिवंशराय नाम का एक व्यक्ति दर्ज था। सूची में दिखाई गई उम्र 76 वर्ष थी, जो कि फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन की उम्र से बिल्कुल मेल नहीं खाती है। मौजूदा 2025 की मतदाता सूची में इस नाम का कोई भी मतदाता मौजूद नहीं है। प्रशासन के अनुसार यह किसी पुराने समय के हमनाम व्यक्ति का नाम रहा होगा, न कि फिल्म स्टार का। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही पोस्ट को भ्रामक और भ्रामक जानकारी फैलाने वाला बताया गया।

स्थानीय लोगों में चर्चा

सूची वायरल होते ही कई लोगों ने उत्सुकता में सवाल उठाया कि क्या कभी अमिताभ बच्चन या उनके पिता हरिवंश राय बच्चन का झांसी से कोई संबंध रहा होगा। लेकिन जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि यह सिर्फ नामों की समानता का मामला था। बुजुर्ग निवासियों ने भी बताया कि पुराने समय में ऐसे नाम रखना असामान्य नहीं था। इस तरह यह मामला जितनी तेजी से वायरल हुआ उसकी जांच रिपोर्ट भी उतनी ही तेजी से सामने आ गई।

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