नि:संकोच : मरने का शौक हो, तो तम्बाकू का सेवन करें!
विनय संकोची संस्कृत में तमाल पत्र हिंदी में तंबाकू, बंगाली में तामाक या तमाकू, मराठी में तम्बाखु कहलाने वाला कमबख्त…
चेतना मंच | December 4, 2021 12:24 AM
विनय संकोची
संस्कृत में तमाल पत्र हिंदी में तंबाकू, बंगाली में तामाक या तमाकू, मराठी में तम्बाखु कहलाने वाला कमबख्त तम्बाकू हर साल न जाने कितने लोगों की जान ले लेता है। तम्बाकू की वजह से प्रत्येक 8 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। तम्बाकू के सेवन से पूरी दुनिया में प्रतिवर्ष करीब 55 लाख लोग काल के गाल में समा जाते हैं। अकेले भारत में 10 लाख लोग तम्बाकू के कारण असमय मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। लगभग 25 करोड़ लोग गुटखा, सिगरेट, बीड़ी तथा तम्बाकू के अन्य उत्पादों का सेवन करते हैं और 5 हजार से अधिक किशोर प्रतिदिन तम्बाकू का सेवन शुरू कर देते हैं।
भारत की सबसे घनी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 15 वर्ष से कम आयु के करीब 3 लाख ग्रामीण इलाकों के तथा 25 हजार शहरी क्षेत्रों के बच्चे ऐसे हैं, जो तम्बाकू या गुटखा के पूरी तरह आदि हो चुके हैं। तम्बाकू के लती इन बच्चों और युवाओं में एक लाख से ज्यादा तम्बाकू सेवन के चलते प्रतिवर्ष मौत को गले लगा लेते हैं।
ग्रामीण या गरीब तबके के जुड़े बच्चे ही पान मसाले की लत के आदी नहीं हो रहे हैं बल्कि अभिजात्य वर्ग के बच्चे भी उसकी चपेट में आ रहे हैं। भारत में 57 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाओं को कैंसर तम्बाकू के कारण होता है। विश्व में मुंह के कैंसर के सबसे अधिक रोगी भारत में है, जिसका मुख्य कारण तम्बाकू है। भारत में स्वास्थ्य एवं फेफड़ों की बीमारी के 85% मामले धूम्रपान के कारण होते हैं।
तम्बाकू अप्रत्यक्ष रूप से फेफड़ों की टीबी को जन्म देता है। धूम्रपान न करने वाले लोगों के बजाय धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में टीबी की संभावना तीन गुना ज्यादा बढ़ जाती है। तम्बाकू के सेवन से मुंह का कैंसर, पेट का कैंसर, गुर्दे का कैंसर, पित्ताशय का कैंसर होता है, जो व्यक्ति को असमय मृत्यु का शिकार बना देता है। तम्बाकू के इस्तेमाल से व्यक्ति की क्रियाशीलता और शारीरिक गठन में कमी आती है। जो गर्भवती महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उनमें बच्चे की मृत्यु अथवा बच्चे का वजन कम होने या बच्चे का अधूरा विकास होने की आशंका बनी रहती है।
तम्बाकू खाने या धूम्रपान करने से रक्तचाप बढ़ जाता है जिससे रक्त का हृदय की और बहाव कम हो जाता है। तम्बाकू के इस्तेमाल और धूम्रपान से मधुमेह की संभावना बढ़ जाती है। तम्बाकू रक्त में वांछित कोलोस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है।
तम्बाकू को कभी भी छोड़ा जा सकता है, इसमें फायदा ही है। तम्बाकू त्यागने से कैंसर और हृदय रोग से बचे रह सकते हैं। तम्बाकू छोड़ने से व्यक्तित्व में निखार आता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। तम्बाकू सेवन में व्यय होने वाली राशि किसी अच्छे काम में लगाई जा सकती है। जब भी तम्बाकू सेवन या धूम्रपान की इच्छा हो, तो अपने बच्चों, अपने परिवार और उनके भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सोचें, तंबाकू से आप नफरत करने लगेंगे। यदि तंबाकू सेवन या धूम्रपान की इच्छा हो रही हो, तो इन बातों को अपनाएं – कुछ और करें, गहरी सांस लें, पानी पिएं, वहां चले जाएं जहां आप इनका सेवन नहीं कर सकते हैं, स्वयं से सकारात्मक वार्तालाप करें या फिर संगीत सुनें। तंबाकू किसी का भी मित्र नहीं, घोर शत्रु है। इसे अपने पास न फटकने दें।