विनय संकोची
Health: दही (Curd) को मथनी से मथकर घी निकालने के बाद बचे हुए द्रव को आयुर्वेद ने ‘तक्र’ कहा है, जिसे हम छाछ, मट्ठा और बटर मिल्क के नाम से जानते हैं। छाछ के संबंध में एक आयुर्वेदाचार्य का कथन है-‘भोजन के बाद छाछ, शाम को दूध और सुबह पानी पीने वालों के शरीर में कभी किसी तरह का रोग-दोष नहीं होता है।’ आयुर्वेद भोजन के बाद छाछ पीने की सलाह देता है।
छाछ पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें सोडियम ( Sodium), पोटेशियम (Potassium) , कार्बोहाइड्रेट(Carbohydrate) , कैल्शियम(Calcium) , फास्फोरस (Phosphorus) , प्रोटीन (Protein,), विटामिन-डी (Vitamin-D), विटामिन-बी6 ( Vitamin-B 6), विटामिन-बी12( Vitamin -B 12), विटामिन-सी( vitamin-C), आयरन (Iron) , मैग्नीशियम (Magnesium)और शर्करा (Sugar) जैसे गुणकारी तत्व पाए जाते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बनाते हैं। छाछ में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया भी शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करते हैं। छाछ पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है।
आइए जानते हैं उस छाछ के गुण व उपयोग के बारे में जिसकी तुलना अमृत से की जाती है।
• छाछ का नियमित सेवन करने से शरीर में जल का संतुलन बना रहता है और इसका कारण है, छाछ में 90% पानी का होना। छाछ पीने से डिहाइड्रेशन (Dehydration) का खतरा नहीं रहता है।
• पाचन तंत्र की मजबूती अनेक रोगों का प्राकृतिक उपचार है। छाछ का नियमित सेवन पाचन तंत्र में सुधार करता है, जिसके चलते पेट को आराम मिलता है और शरीर की गर्मी भी शांत होती है। छाछ के स्वाद और चिकित्सकीय गुणों को बढ़ाने के लिए इसमें भुना जीरा पाउडर मिला सकते हैं।
• हड्डियों की मजबूती के लिए छाछ को दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है। अतिरिक्त कैलोरी के बिना कैल्शियम प्रदान करने वाला छाछ हड्डी को स्वस्थ भी रखता है और ओस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) जैसी खतरनाक बीमारी से भी हड्डियों को बचाता है।
• छाछ शरीर से विजातीय/विषाक्त तत्वों को निकाल बाहर करने में सहायता करता है। यह लिवर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है।
• प्रोटीन से भरपूर छाछ बॉडी बिल्डरों का पसंदीदा पेय पदार्थ है। इसके सेवन से शरीर में प्रोटीन(Protein) की मात्रा में वृद्धि होती है और वांछित विटामिंस की पूर्ति होती है। इसका यह गुण मांसपेशियों को सख्त व मजबूत बनाता है।
• लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया से समृद्ध छाछ के सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायता मिलती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर अनेक रोगों के हमले से सुरक्षित रहता है।
• रक्तचाप से पीड़ित लोगों को छाछ का सेवन फायदेमंद होता है। छाछ शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित कर रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम करता है।
• हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाला छाछ गठिया के रोग में भी फायदेमंद हो सकता है। काली मिर्च, सैंधा नमक और अजवाइन मिलाकर दिन में तीन बार पीने से गठिया फायदा हो सकता है।
• एसिडिटी आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जिसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। भोजन के बाद छाछ का सेवन करने से एसिडिटी में तुरंत लाभ मिलता है।
• एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रकृति वाला छाछ कैंसर के खतरे को भी कम कर सकता है
• छाछ शरीर में रक्त प्रवाह को अबाध रखकर हृदय से जुड़ी कई बीमारियों से बचाता है।
• छाछ में कैलोरी और वसा की मात्रा बहुत कम होती है, जिसके चलते इसके नियमित सेवन से वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
जरूरी बात : एक्जिमा की समस्या में, बुखार होने पर, जोड़ों के दर्द और अकड़न की स्थिति में, सर्दी-खांसी होने पर, ह्रदय रोगियों को और किडनी से संबंधित समस्या में छाछ का सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के करना हानिकारक हो सकता है।
विशेष : यहां छाछ के गुण और उपयोग के बारे में विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है। यह सामान्य जानकारी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। इसलिए हम किसी उपाय अथवा जानकारी की सफलता का दावा नहीं करते हैं। रोग विशेष के उपचार में छाछ को औषधि रूप में अपनाने से पूर्व योग्य आयुर्वेदाचार्य/चिकित्सक/आहार विशेषज्ञ से परामर्श अत्यंत आवश्यक है।