Math Phobia In Children : क्या अपने सोचा है की आपका बच्चा मैथ विषय से इतना डरता क्यों है ।क्या आपने इसके पीछे छिपे कारण को जानने की कोशिश की है । शोधकर्ताओं ने ये जानने की कोशिश की है कि कुछ बच्चें मैथ्स चुटकियों मे हल कर लेते हैं तो वही दूसरी तरफ कुछ बच्चो को इसमे परेशानी होती हैं ।
अंतर्राष्ट्रीय मैथ्स डे:
विश्व मे अंतरराष्ट्रीय मैथ्स डे हर साल 14 मार्च को मनाया जाता हैं ।इस विशेष दिन शोधकर्ताओं ने इस बात पता लगाने की कोशिश की है कि आखिरकार कुछ बच्चें मैथ्स से क्यों डरते हैं ।14 मार्च 1879 को मैथमेटिशियन पाई का जन्म हुआ। सन 2019 में युनेस्को मे इसकी शुरुआत हुई थी।शुराआत की मैथ्स तो सबको आसान लगती हैं लेकिन जब बात कैलकुलस और ज्योमेट्री की बात होती है तो बच्चों के अंदर डर स्वभाविक तौर पर आ जाता हैं ।इसी डर के चलतें बच्चे मैथ्स से पीछे हत्ने लगते हैं ।
मैथ्स एक स्कोरिंग सबजेक्ट:
मैथ्स एक ऐसा विषय है जिसमें राइटिँग का ज्यादा महत्व नही होता हैं ।परीक्षाओं मे ये एक स्कोरिंग सबजेक्ट के तौर पर देखा जाता हैं ।इस विषय मे हमेशा पूरे नंबर मिलतें हैं ।एक रिपोर्ट में सामने आया है कि कक्षा 7वीं से10वीं के बीच के करीब 82% छात्र मैथ्स से डरते हैं।ये हैरान कर देने वाला आकड़ा बेहद खतरनाक हैं ।सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस इन एजुकेशन की स्टडी के मुताबिक ज्यादातर बच्चे मैथ्स की वजह से तनाव का शिकार हो रहे हैं।इस विषय में कम नंबर आना छात्र के अंदर तनाव की स्थिति पैदा कर देता हैं । बच्चे शुरु से ही मैथ्स को एक कठिन विषय के रूप मे समझ लेते हैं ।सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस इन एजुकेशन की स्टडी के अनुसार ऐसे में बच्चे मैथ्स एंग्जाइटी का शिकार हो रहे हैं।
कैसे दूर करें मैथ्स का डर:
कुछ विषय ऐसे होते हैं जिसे बच्चें समझ नही पाते हैं किंतु रट कर अच्छे नंबर ले आते है ।लेकिन मैथ्स मेबे नियम नहीं चलता हैं ।इसमें कोई भी सवाल स्टेप बाई स्टेप हल होते हैं इसके साथ इसमे मैथ्स के सूत्रों को भी समझना जरुरी हैं ।आप मैथ्स के प्रति अपना नया दृष्टिकोण अपना कर और नयें तरीके से पारिभाषित करके छात्रों को मैथ्स के प्रति जागरुक कर सकतें हैं ।मैथ्स से हमे दुनिया को समझने के प्रति नया दृष्टिकोण मिलता हैं गंभीरता से सोचने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता हैं ।
मैथ्स के फायदे:
ये बात समझाना जरुरी है कि मैथ्स सबसे आसान सब्जेक्ट है। सबसे ज्यादा नबंर इसी सब्जेक्ट में मिल सकते है।इसको समझने पर और इसमे महारत हासिल करने के बाद आप व्यक्ति स्थितियों का विश्लेषण करने, परिकल्पना तैयार करने और साक्ष्य के आधार पर निष्कर्ष लेने की क्षमता विकसित होती हैं ।अगर आपका बच्चा भी मैथ्स में दिलचस्पी नहीं ले रहा है तो इस दिमागी रूकावट से छुटकारा पाने के लिए आपको इसके उपर काम करना होगा।स्टूडे्ंटस मैथ्स की बुनियादी बातों को समझने में ज्यादा ध्यान और समय दें।मौजूदा समय में वित्त और प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य सेवा और इंजीनियरिंग तक विभिन्न उद्योगों और विभिन्न क्षेत्रों में मैथ्स में एक्सपर्ट की बहुत डिमांड है।यह विषय करियर मे कई नई सम्भावनाएं बनाता है ।
अब क्या होगा?, हर समय यही सोचने से हो जांएगे बीमार
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