Tuesday, 1 April 2025

डोनाल्ड ट्रंप का 25% टैरिफ: ऑटो कंपनियों के लिए नई चुनौती और समाधान

Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी बाजार में आयातित ऑटो पार्ट्स और पूरी तरह से असेंबल किए गए…

डोनाल्ड ट्रंप का 25% टैरिफ: ऑटो कंपनियों के लिए नई चुनौती और समाधान

Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी बाजार में आयातित ऑटो पार्ट्स और पूरी तरह से असेंबल किए गए वाहनों पर 25 फीसदी का टैरिफ (Tariff) लागू करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय ऑटो कंपनियां प्रभावित होंगी, और अब उन्हें इस अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ेगा। यह टैरिफ (Tariff) 3 अप्रैल से लागू होगा, और एक महीने बाद, यानी 3 मई से ऑटो पार्ट्स पर भी यह शुल्क लागू किया जाएगा। इसका असर भारत की प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा मोटर्स, जगुआर लैंड रोवर, Bharat Forge, Samvardhana Motherson, और Sona BLW पर पड़ेगा।

टैरिफ (Tariff) का असर और समाधान के तरीके

डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम अमेरिकी बाजार में स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए है, ताकि अमेरिकी कंपनियां अपनी फैक्ट्रियां अमेरिका में स्थापित करें और इससे रोजगार के अवसर उत्पन्न हों। हालांकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला आर्थिक रूप से समझदारी भरा नहीं है। भारतीय ऑटो कंपनियों को अब यह टैरिफ (Tariff) अपने ग्राहकों पर थोपने की संभावना है, जिससे अमेरिकी बाजार में वाहनों की कीमतें बढ़ सकती हैं। चूंकि अमेरिका में उत्पादन और श्रम लागत बहुत अधिक है, इसलिए कंपनियां आयात शुल्क को ग्राहकों पर डालने का फैसला कर सकती हैं।

अमेरिका में उत्पादन महंगा पड़ेगा

अमेरिका में प्रोडक्शन करना महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि वहां श्रमिकों की लागत और निर्माण प्रक्रिया काफी महंगी होती है। व्हाइट हाउस के फैक्टशीट के अनुसार, अमेरिका में बिकने वाले आधे से अधिक वाहन इम्पोर्ट होते हैं, और इन वाहनों में लगभग 60% पार्ट्स विदेशों से आते हैं। यही कारण है कि अमेरिकी कंपनियों को अपनी फैक्ट्रियां अमेरिका में स्थापित करने के बजाय आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगा कर स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इससे कंपनियों को अपने उत्पादों की कीमत बढ़ानी पड़ सकती है।

भारत का ऑटो पार्ट्स निर्यात

भारत के लिए अमेरिका, यूरोप के बाद सबसे बड़ा ऑटो पार्ट्स निर्यात बाजार है। 2024 में भारत ने अमेरिका को 6.79 बिलियन डॉलर के ऑटो कंपोनेंट्स निर्यात किए थे, जो पिछले साल से 4.5 फीसदी अधिक थे। इनमें से लगभग 80% इंजन और ट्रांसमिशन से संबंधित पुर्जे थे। भारत का ऑटो कंपोनेंट सेक्टर निर्यात से अपने राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कमाता है, और अब इस पर टैरिफ (Tariff) का प्रभाव भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।Tariff :

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