Sri Lanka: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अप्रैल को श्रीलंका (Sri Lanka) की यात्रा पर जाएंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने शुक्रवार को संसद में इस यात्रा की घोषणा की। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और श्रीलंका (Sri Lanka) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान त्रिंकोमाली जिले में सामपुर विद्युत संयंत्र के निर्माण का काम भी शुरू होगा। यह परियोजना दोनों देशों के बीच सहयोग का एक उदाहरण है और श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने का वादा करती है।
पीएम मोदी की यात्रा और समर्पित योजनाएं
पीएम मोदी 2 से 4 अप्रैल तक थाईलैंड में होंगे, जहां वह बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन के बाद, वह श्रीलंका (Sri Lanka) जाएंगे। इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर भी चर्चा होगी। भारत और श्रीलंका ने पिछले महीने त्रिंकोमाली में 50 मेगावाट (फेज 1) और 70 मेगावाट (फेज 2) क्षमता के सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए एक समझौता किया था। यह परियोजना सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड और भारत के राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) द्वारा मिलकर स्थापित की जाएगी।
भारत-श्रीलंका (Sri Lanka) रिश्तों का भविष्य
यह यात्रा श्रीलंका (Sri Lanka) और भारत के बीच व्यापार, ऊर्जा, और सुरक्षा संबंधों को और बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने 2024 में भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की थी, और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने उस समय भारत और श्रीलंका के बीच ऊर्जा, निवेश, और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिए कुछ प्रमुख योजनाओं का प्रस्ताव दिया था।
महत्वपूर्ण सहयोग और विकास के अवसर
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में और भी अधिक सहयोग की संभावना है। दोनों देशों के बीच बिजली ग्रिड कनेक्टिविटी और मल्टी-प्रोडक्ट पेट्रोलियम पाइपलाइन जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा, सामपुर विद्युत संयंत्र और सोलर पावर प्लांट्स जैसे महत्वपूर्ण सहयोग श्रीलंका (Sri Lanka) के ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त करने में मदद करेंगे और भारत को अपनी ऊर्जा आपूर्ति में वृद्धि करने का अवसर मिलेगा।
यह यात्रा दोनों देशों के लिए नई साझेदारी और विकास के रास्ते खोलने का महत्वपूर्ण अवसर बन सकती है।Sri Lanka: