Sunday, 24 November 2024

चीन छोड़ रहे हैं अरबपति नागरिक, किस बात का सता रहा है डर ?

China News : क्या चीन के आर्थिक विकास का सूरज डूबने वाला है ?  क्या चीन की इकोनॉमी ढलान पर…

चीन छोड़ रहे हैं अरबपति नागरिक, किस बात का सता रहा है डर ?

China News : क्या चीन के आर्थिक विकास का सूरज डूबने वाला है ?  क्या चीन की इकोनॉमी ढलान पर है ? आप यह बातें सुनकर हैरान हो रहे होंगे, यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की इकोनॉमी की धीमी रफ्तार के कारण वहां के अमीर नागरिक देश छोड़कर जा रहे हैं। करीब दो दशक तक ग्लोबल इकॉनमी के सिरमौर बने रहने के बाद अब चीन की आर्थिक हालत पहले जैसी नहीं है । चीन की अर्थव्यवस्था कई मोर्चों पर संघर्ष करती नजर आ रही है । चीन ने खुद भी आशंका जताई है कि आने वाले समय में ग्लोबल इकॉनमी की रफ्तार घटेगी, जिसमें प्रमुख भूमिका चीन की होगी।

फिंच (Finch) की रिपोर्ट में डराने वाले संकेत

फिंच की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2025 में वैश्विक विकास दर 2.6% से घटकर 2.4 फ़ीसदी हो सकती है ।

चीन छोड़ रहे हैं अरबपति नागरिक,कंगाल होने का है डर

China की इकोनॉमी में गिरावट की वजह से वहां के अमीर लोगों में बेचैनी बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल 15200 से ज्यादा अरबपति चीन छोड़ सकते हैं। पिछले साल 13800 अमीरों ने चीन को बाय-बाय कह दिया था। इसमें वह रईस भी शामिल है जिनकी नेटवर्क 10 लाख डॉलर से ज्यादा है ।

अर्थव्यवस्था का संकट

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अमीरों द्वारा China छोड़ने की एक बड़ी वजह यहां की इकोनॉमी की अनिश्चितता बताई जा रही है। दूसरी वजह अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के साथ बढ़ता तनाव है। इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन फर्म हैनले एंड पार्टनर्स (Henley & Partners) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन छोड़ने वाले ज्यादातर लोग अमेरिका जाकर बस रहे हैं। चीन के कई अमीर और यहां तक की मिडिल क्लास लोग भी जापान में बसने की सोच रहे हैं। क्योंकि वहां की जीवन शैली बेहतरीन मानी जाती है। जापान दुनिया के सबसे सुरक्षित देशोँ में शुमार है। परंपरागत रूप से चीन के अमीर सिंगापुर जाना भी पसंद करते हैं क्योंकि वहां की संस्कृति चीन से मिलती जुलती है और चीनी भाषा भी बोली जाती है। लेकिन हाल ही के वर्षों में यह आमद बढती देख, सिंगापुर ने भी चीन से आने वाले लोगों की जांच पड़ताल बढ़ा दी है। चीन से पिछले साल जो लोग देश छोड़कर गए हैं उनकी नेटवर्क 3 करोड़ से एक अरब डॉलर के बीच होने का अनुमान है। चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही संघर्ष कर रही है ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में अमीरों के देश छोड़कर जाने से इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ने का खतरा है।

चीन का रियल एस्टेट सेक्टर खतरे में

चीन का संकट अमीरों के जाने से गहराने की आशंंका इसलिए भी है क्योंकि वहां की जीडीपी में 30% हिस्सेदारी रखने वाला रियल एस्टेट सेक्टर खतरे में है। जो इकोनॉमी के डूबने का खतरा बढ़ा रहा है। चीन की स्थानीय सरकारे बुरी तरह कर्ज में डूबी हैं। पिछले साल आईएमएफ( IMF)  ने भी कहा था कि चीन के रियल एस्टेट संकट की वजह से चीन में अनिश्चितता की स्थिति है। फिंच रेटिंग्स (Finch Ratings ) ने अप्रैल में चीन का सावरेन क्रेडिट आउटलुक(Sovereign Credit Outlook) निगेटिव कर दिया था और 2023 में Moody’s  इन्वेस्टमेंट इन्वेस्टर सर्विसेज (Moody’s Investment Investor Services) ने भी कुछ ऐसा ही किया था। इन हालातो को देखकर लगता है कि जल्द ही दुनिया में चीन की आर्थिक बादशाहत खत्म होने वाली है।

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