Tuesday, 8 April 2025

ऐसा हो गया तो सब कुछ नष्ट हो जाएगा धरती पर, रिसर्च में डरावना खुलासा

दुनिया के प्रतिष्ठित जर्नल में एक बेहद डरावना रिसर्च प्रकाशित हुआ है। इस रिसर्च में दावा किया गया है कि…

ऐसा हो गया तो सब कुछ नष्ट हो जाएगा धरती पर, रिसर्च में डरावना खुलासा

दुनिया के प्रतिष्ठित जर्नल में एक बेहद डरावना रिसर्च प्रकाशित हुआ है। इस रिसर्च में दावा किया गया है कि यदि भारत का औसत तापमान केवल तीन (3) डिग्री सेल्सियस और बढ़ गया तो भारत की धरती पर सब कुछ नष्ट हो जाएगा। रिसर्च करने वालों का दावा है कि औसत तापमान 3 डिग्री बढ़ते ही भारत की सीमा का प्रहरी हिमालय पर्वत सूख जाएगा, सारी नदियां भी सूख जाएंगी, जंगल खत्म हो जाएंगे, फसलें समाप्त हो जाएंगी और इंसान भूख से तड़प-तड़प कर मर जाएंगे।

रिसर्च में खतरे का दावा

आपको बता दें कि हाल ही में क्लाइमेटिक चेंज नामक एक प्रतिष्ठित जर्नल में ताजा स्टडी प्रकाशित हुई है। इस स्टडी में दावा किया गया है कि भगवान न करे कि भारत का औसत तापमान तीन डिग्री बढ़ जाए तो धरती पर मौजूद, जल, पेड़-पौधे, पहाड़, नदियां तथा फसल सब कुछ नष्ट हो जाएगा। इस ताजा स्टडी की इस समय दुनिया भर के मौसम वैज्ञानिकों में खूब चर्चा हो रही है।

सब कुछ नष्ट हो जाएगा ?

क्लाईमेटिक चेंज र्जनल में प्रकाशित स्टडी में बताया गया है कि अगर 3-4 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ता है तो भारत में पॉलीनेशन यानी परागण में आधे की कमी आ जाएगी। अगर तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो इसमें एक चौथाई की कमी आएगी। 3 डिग्री सेल्सियस तापमान में खेती-किसानी पर बड़ा असर पड़ेगा। देश में मौजूद खेती वाले इलाके आधा हिस्सा सूख जाएगा।

ये भी हो सकता है कि भयानक सूखे का सामना करना पड़े. सालभर तक यह सूखा बना रह सकता है। ऐसा सूखा आमतौर पर 30 सालों में एक बार आता है। अगर बढ़ते तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रोक दिया जाए, तो कृषि भूमि को सूखा से बचा सकते हैं। इस तापमान में भी ऊपर बताए गए देशों में खेती की जमीन सूखेगी, लेकिन कम। 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ता है तो भारत में खेती की जमीन 21 फीसदी और इथियोपिया में 61 फीसदी सूख जाएगी। इतना ही नहीं इस तापमान पर इंसानों को भयानक सूखे का सामना 20 से 80 फीसदी कम करना पड़ेगा। लेकिन यही तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तो बहुत ज्यादा दिक्कत आएगी। सब पर असर दोगुना हो जाएगा। एक स्टडी में यह भी बताया गया है कि ग्लोबल वॉर्मिंग का असर पेड़-पौधों और कशेरुकीय जीवों पर भी बहुत पड़ेगा। इन छहों देशों में डेढ़ डिग्री सेल्सियस तापमान बढऩे पर ही आफत आ रही है। तीन डिग्री सेल्सियस हो गया तो मुसीबत बहुत ज्यादा होगी। इस समय इन देशों में प्रोटेक्टेड एरिया को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि जीव बचें।

क्या होता है औसत तापमान

आपको बता दें कि किसी देश के औसत तापमान (temperature) को नापा नहीं जा सकता है। न ही औसत तापमान को मापा जा सकता है। औसत तापमान की गणना (Calculation) की जाती है। किसी भी देश का औसत तापमान उस देश के प्रमुख शहरों मे औसत तापमान की गणना करके निकाला जाता है। यह गणना साल के पूरे 365 दिन के तापमान के आधार पर की जाती है।  इसी को देश का सालाना औसत तापमान कहा जाता है। बात भारत की करें तो वर्ष-1960 में भारत का औसत सालाना तापमान 24 डिग्री सेल्सियस था। वर्तमान समय में भारत देश का औसत सालाना तापमान 25 से 25 डिग्री सेल्सियश है। यदि तापमान यदि 3 डिग्री और बढ़ गया तो भारत में धरती पर मौजूद सब कुछ नष्ट हो जाएगा। यानि महाविनाश हो जाएगा।

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