Sunday, 5 May 2024

भारत दुनिया में करने वाला है कमाल, भारत फिलीपींस को बेचेगा तेजस फाइटर जेट

भारत अब आगे बढ़ रहा है। भारत की बढ़ती हुई चाल को पूरी दुनिया देख रही है। अब खबर आ…

भारत दुनिया में करने वाला है कमाल, भारत फिलीपींस को बेचेगा तेजस फाइटर जेट

भारत अब आगे बढ़ रहा है। भारत की बढ़ती हुई चाल को पूरी दुनिया देख रही है। अब खबर आ रही है कि भारत अपने प्रमुख दुश्मन जिन का ‘इलाज’ करने के लिए फिलीपींस को अपना देशी तेजस फाइटर जेट प्लस बेचेगा। तेजस बेचने के लिए भारत तथा फिलीपींस के बीच बातचीत आखिरी दौर में पहुंच गई है। फिलीपींस के साथ भारत की यह डील पूरी होते ही भारत रक्षा उपकरण निर्यात के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा देगा। इस समय फिलीपींस के मीडिया में भारत के तेजस फाइटर जेट की खूब चर्चा हो रही है।

अंतिम चरण में है सौदा

भारत का डंका पूरी दुनिया में बजाने वाला, भारत व फिलीपींस का सौदा इस समय अंतिम चरण में है। इस सौपे पर जल्दी ही अंतिम मोहर लगने वाली है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल पहले ही खरीद चुका है। रिपोर्ट बताती है कि भारत के सबसे बड़े दुश्मन चीन की दादागिरी से परेशान फिलीपीन्स ब्रह्मोस मिसाइल के बाद अब भारत से तेजस फाइटर जेट का अत्याधुनिक संस्करण खरीदेगा। तेजस बनाने वाली भारत की सरकार कंपनी एचएएल ने फिलीपीन्स को एलसीए तेजस एमके 1 नौसैनिक संस्करण का ऑफर दिया है।

भारत ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए फिलीपीन्स को अपने देश में ही इन फाइटर जेट को बनाने का प्रस्ताव दिया है। यह ठीक उसी तरह से है जैसे दक्षिण कोरिया इन दिनों दे रहा है।  इस फैसले से भारत के रक्षा निर्यात में क्रांति आ सकती है। एचएएल अभी भारतीय वायुसेना को तेजस एमके 1 ए की सप्लाई पर काम कर रही है। माना जा रहा है कि यह तेजस फाइटर जेट ब्रह्मोस के हवाई संस्करण से लैस होगा।

फिलीपीन्स के मीडिया में तेजी से फैल रही रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने फिलीपीन एयरोस्पेस डेवलपमेंट कॉर्प में तेजस एमके-1 को स्थानीय रूप से असेंबल करने की पेशकश की है। इसके अलावा, फिलीपींस को भारत ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में मदद करने के लिए सॉफ्ट लोन देने की इच्छा भी जताई है।

ब्रह्मोस मिसाइल तैैनात होगी तेजस पर

एचएएल अपने सैन्य हार्डवेयर का निर्यात करने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार तेजी के साथ कर रहा है। भारत के लिए रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह क्षेत्र बहुत महत्व रखता है। साल 2022 में, एचएएल ने पूरे दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र को देखने के लिए मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में दूसरा कार्यालय स्थापित किया है। भारतीय कंपनी रूसी हथियार रखने वाले देशों को रखरखाव और मरम्मत सेवाएं भी प्रदान कर रही है। हालांकि एलसीए ने अभी तक अपना पहला सौदा हासिल नहीं किया है। कहा जा रहा है कि स्थानीय असेंबली की संभावना दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को आकर्षित कर सकती है।

फिलीपीन्स का मीडिया ब्रह्मोस एनर्जी से लैस तेजस के नौसैनिक संस्करण की खूब चर्चा कर रहा है। एलसीए के नौसैनिक संस्करण ने 6 फरवरी, 2023 को देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर अपनी पहली लैंडिंग की थी। जनवरी 2020 में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने आईएनएस विक्रमादित्य पर नौसैनिक एलसीए की एक सफल लैंडिंग का प्रदर्शन किया था। इसके बाद, तेजस ने पांच दिनों में 18 टेक-ऑफ और लैंडिंग किए। पहला एलसीए ‘तेजस’ एमके 1 ए इस महीने के अंत तक आसमान में उड़ान भरेगा। इसके तुरंत बाद इसे भारतीय वायु सेना को सौंप दिया जाएगा। यह ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा जिससे उसकी मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

आज है भारत का समय

आपको यह भी बता दें कि भारत एक समय में रक्षा उपकरणों के मामले में विदेशों का मोहताज था। अमेरिका जैसे देश हथियार बेचने के लिए भारत को ब्लैकमेल तक करते थे। अब भारत का समय चल रहा है। भारत आज न केवल अपने लिए रक्षा उपकरण बना रहा है बल्कि दूसरे देशों को भी बेच रहा है।

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