International News : पोलैंड की राजधानी वॉरसा ने इतिहास में कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संधियों को देखा है और अब यह देश अपने परमाणु हथियारों के निर्माण की दिशा में विचार कर सकता है। यूरोपीय देशों में जो कभी परमाणु बमों से होने वाले खतरों पर ज्ञान देते थे अब वही देश इस दिशा में आगे बढ़ने की सोच रहे हैं। इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा यूरोप से अपनी सुरक्षा नीति को बदलने और रूस, चीन जैसे देशों के परमाणु बमों के बढ़ते खतरों से उत्पन्न स्थिति है।
पोलैंड की नई नीति: सुरक्षा के लिए परमाणु हथियार
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने हाल ही में संसद को संबोधित करते हुए कहा कि पोलैंड को परमाणु और आधुनिक अपरंपरागत हथियारों के क्षेत्र में एडवांस क्षमताओं को हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने इसे सुरक्षा के लिए एक गंभीर रेस करार दिया और कहा कि यह युद्ध के लिए नहीं बल्कि अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। इस बयान से साफ है कि पोलैंड अब परमाणु बम विकसित करने की दिशा में विचार कर सकता है जो यूरोप के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
यूरोप में परमाणु हथियारों का संकट
यूरोपीय देशों के सामने अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे अपने न्यूक्लियर डेटरेंट क्षमता को कैसे बनाए रख सकते हैं। अमेरिका की सुरक्षा नीति से हटने के बाद, यूरोपीय देशों में परमाणु बमों के निर्माण पर विचार तेज हो गया है। फ्रांस पहले ही यूरोपीय देशों में परमाणु हथियारों की तैनाती की बात कर चुका है और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इसका समर्थन भी किया है। हालांकि, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे परमाणु-सशस्त्र देशों के पास परमाणु बम हैं, लेकिन यूरोपीय देशों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी अब इन देशों के कंधों पर है।
ब्रिटेन परमाणु बमों के लिए अमेरिका पर निर्भर
ब्रिटेन अपने परमाणु बमों के बावजूद अमेरिका पर निर्भर है, जबकि फ्रांस यूरोपीय देशों में अपने परमाणु हथियारों की तैनाती कर सकता है। फ्रांस के पास करीब 300 परमाणु बम हैं, जबकि रूस के पास 6000 से अधिक परमाणु बम हैं। इसके अलावा, फ्रांस के पास परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए राफेल फाइटर जेट और मिसाइल बेस हैं, जिससे वह यूरोपीय देशों में अपने हथियारों की तैनाती कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह इतना आसान नहीं होगा।
क्या पोलैंड परमाणु बमों की तैनाती करेगा?
पोलैंड ने फ्रांस द्वारा परमाणु बमों की यूरोपीय देशों में तैनाती के समर्थन का संकेत दिया है, जिससे सवाल उठता है कि क्या फ्रांस पोलैंड में परमाणु हथियार तैनात करेगा। पोलैंड की सीमा रूस से लगती है, और ऐसे में इसे रूस से सुरक्षा की बेहद जरूरत है। यूरोपीय देशों में बढ़ती परमाणु चर्चाओं के बीच, पोलैंड का नाम भी परमाणु हथियारों के संभावित मालिक के रूप में सामने आ रहा है।
हथियारों का निर्माण बड़ी चुनौती
विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोपीय देशों के लिए परमाणु हथियारों का निर्माण आसान नहीं होगा। यूरो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ओस्लो न्यूक्लियर प्रोजेक्ट के रिसर्च फेलो फेबियन रेने हॉफमैन ने कहा कि “यूरोपीय देशों के पास या तो परमाणु हथियार कार्यक्रम शुरू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है, या फिर अगर है भी, तो वह बहुत अधिक ‘प्रसार-प्रतिरोधी’ है।” उदाहरण के लिए, स्वीडन और फिनलैंड जैसे देशों में हल्के पानी वाले रिएक्टर हैं, जो परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।
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