Donald Trump : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए अमेरिका के शिक्षा मंत्रालय को बंद करने का आदेश दिया है। यह कदम उनके प्रशासन द्वारा शिक्षा प्रणाली के संघीय स्तर पर हस्तक्षेप को खत्म करने का प्रयास है। ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
शिक्षा मंत्रालय का महत्व क्या है?
बता दें कि, अमेरिका में शिक्षा मंत्रालय की स्थापना 1979 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य संघीय स्तर पर शैक्षिक नीतियों का पालन और स्कूलों को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। हालांकि, अमेरिका में शिक्षा का प्रबंधन अधिकतर राज्य और स्थानीय प्रशासन के पास होता है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय सरकारी और कुछ निजी स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के तहत फंडिंग प्रदान करता है, जैसे दिव्यांग छात्रों और कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए। इसके अलावा, मंत्रालय नागरिक अधिकारों को लागू करने, नस्लीय और लिंग आधारित भेदभाव को रोकने और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए जिम्मेदार होता है।
ट्रंप के बड़े फैसले से क्या होगा?
1. संघीय मदद में कमी: ट्रंप के इस फैसले के बाद, दिव्यांग छात्रों और अन्य कमजोर तबकों के छात्रों को मिलने वाली संघीय मदद पर असर पड़ सकता है। शिक्षा मंत्रालय के जरिए मिलने वाली इन फंडिंग्स को नए तरीके से वितरित किया जाएगा, जो राज्य और स्थानीय प्रशासन पर निर्भर करेगा।
2. शैक्षिक डेटा और निगरानी: शिक्षा मंत्रालय देशभर के स्कूलों का डेटा इकठ्ठा करता है और शैक्षिक समस्याओं का समाधान करने के लिए जरूरी कदम उठाता है। इस मंत्रालय के बंद होने के बाद, यह जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, यह एक बड़ा सवाल है।
3. गैर-भेदभाव और नागरिक अधिकार: शिक्षा मंत्रालय नस्लीय और लिंग आधारित भेदभाव को रोकने के लिए भी काम करता है। इसके बंद होने से यह प्रक्रिया कैसे चलेगी, यह स्पष्ट नहीं है।
अमेरिकी संसद में प्राप्त करनी होगी मंजूरी
ट्रंप का यह आदेश सिर्फ एक राष्ट्रपति निर्णय नहीं है क्योंकि अमेरिका में मंत्रालयों को स्थापित और समाप्त करने का अधिकार संसद के पास होता है। राष्ट्रपति को शिक्षा मंत्रालय को बंद करने के लिए अमेरिकी संसद से मंजूरी प्राप्त करनी होगी। इसके लिए ट्रंप को संसद के उच्च सदन, सीनेट में सुपरमेजोरिटी (60 सांसदों का समर्थन) की आवश्यकता होगी। हालांकि, वर्तमान में रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट में बहुमत है लेकिन फिर भी डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ सांसदों का समर्थन प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सांसदों का समर्थन प्राप्त करना काफी मुश्किल!
सीनेट में फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी के 53 और डेमोक्रेटिक पार्टी के 47 सांसद हैं। इसके लिए ट्रंप को डेमोक्रेट्स के सात सांसदों का समर्थन प्राप्त करना होगा, जो कि काफी मुश्किल लग रहा है। इसी तरह, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में भी उन्हें समर्थन जुटाने में कठिनाई आ सकती है, जैसा कि पहले भी देखा गया था जब शिक्षा मंत्रालय को खत्म करने के लिए एक संशोधन लाया गया था।
शिक्षा व्यवस्था को लेकर मच सकती है बड़ी हलचल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, यदि यह निर्णय लागू होता है तो अमेरिका में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी हलचल मच सकती है। राज्य और स्थानीय प्रशासन को अपने स्तर पर नई नीतियां और फंडिंग मॉडल तैयार करने होंगे, जो पहले से कहीं अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। Donald Trump
गाली-गलौज से लेकर हंसी-मजाक तक सब कर रहा Elon Musk का Grok AI, आखिर ऐसा क्या है इसके फीचर में ?
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।