USA News : एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। भयंकर सिरदर्द वाली बीमारी माइग्रेन से पीडि़त एक व्यक्ति के दिमाग में से जिंदा (जीवित) चलता-फिरता हुआ कीड़ा (कृमि) निकला है। डाक्टरों का दावा है कि इस जिंदा कीड़े का कुछ दिन और पता नहीं चलता तो उस व्यक्ति की मौत भी हो सकती थी। जिसके दिमाग (मस्तिष्क) में जिंदा कीड़ा (कृमि) मजे ले रहा था।
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दुनिय भर के डाक्टर हैरान
यह मामला अमेरिका (USA) का है। इस मामले के सामने आने के बाद से अमेरिका (USA) से लेकर पूरी दुनिया के डाक्टर हैरान तथा परेशान हैं। डाक्टरों को ठीक से समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर एक इंसान के दिमाग में जीवित कीड़ा कैसे घुसकर बैठ गया। अमेरिका (USA) समेत दुनिया भर के डाक्टर इस मामले की व्यापक जांच पड़ताल तथा रिसर्च में जुट गए हैं। हम आपको अमेरिका (यूएसए…..) में घटित इस घटना की पूरी जानकारी दे रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन से आई मीडिा रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में एक शख्स को लगातार माइग्रेन की शिकायत की थी। इसके बाद जांच में पता चला कि उसके दिमाग में कृमि (टेपवर्म का लार्वा) है। जानकारी के मुताबिक, 52 वर्षीय शख्स बार-बार माइग्रेन की शिकायत कर रहा था। लेकिन कुछ दिनों में ही हालात बिगडऩे लगी और दवाईयों ने काम करना बंद कर दिया।
सीटी स्कैन में पता चला कि लगभग चार महीने से उसके दिमाग में जीवित था और अंडे दे रहा था। यह ऐसा परजीवी कीड़ा है, जो इंसानों और ज जानवरों को संक्रमित करता है। आमतौर पर यह अ आंतों में पाया जाता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में इसके लिए दिमाग तक पहुंचना भी कोई मुश्किल काम नहीं है।
जानलेवा साबित हो सकता है संक्रमण : अमेरिकन जर्नल ऑफ केस रिपोर्ट में प्रकाशित इस घटना में शोधकर्ताओं ने बताया कि अमेरिका में इससे पहले भी संक्रमित पोर्क (सुअर) के इन्फेक्शन से जुड़े मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में यह एक सामान्य केस है। अब मरीज के दिमाग में जमा गांठ को डॉक्टरों ने खत्म कर दिया है। हालांकि, यह एक ऐसा संक्रमण है, जो किसी की जान भी ले सकता है।
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